50 पारी से शतकों का सूखा, विराट कोहली के लिए लौट आए हैं 2014 के वही जख्म
हाइलाइट्स
- विराट कोहली हेडिंग्ले टेस्ट के पहले दिन सिर्फ सात रन बनाकर आउट हुए
- जेम्स एंडरसन ने उन्हें टेस्ट क्रिकेट में रेकॉर्ड सातवीं बार किया आउट
- कोहली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 50 पारियों से कोई शतक नहीं लगाया है
मुंबई
अभी कुछ वक्त पहले तक विराट कोहली के बल्ले से खूब रन बरस रहे थे। उन्हें रोक पाना किसी भी गेंदबाजी आक्रमण के लिए मुश्किल नजर आ रहा था। लेकिन कुछ वक्त से हालात बदले हुए हैं। विराट कोहली का बल्ला उनसे रूठ गया है।
दुनिया के चोटी के बल्लेबाज, जो आदतन शतक बना रहा था, अब तीनों प्रारूपों में मिलाकर 50 पारियों में सैकड़ा नहीं बना पया है। हेडिंग्ले में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के तीसरे मैच में भी उनका फॉर्म पटरी पर नहीं आ पाया। मैच के पहले ही घंटे में कोहली पविलियन लौट गए थे। बुधवार को वह सिर्फ सात रन बनाकर जेम्स एंडरसन की गेंद पर आउट हो चुके थे। गेंद ने उनके बल्ले का बाहरी किनारा लिया और विकेट के पीछे जोस बटलर ने कोई गलती नहीं की।
बीती 18 पारियों में कोहली का बल्लेबाजी औसत सिर्फ 23 का है। हर बल्लेबाज के करियर में ऐसा दौर आता है कि रन नहीं बनते हैं। खराब दौर खिलाड़ी के जीवन का हिस्सा है। करियर में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। हर बड़े खिलाड़ी के जीवन में ऐसा वक्त आता है। और कोहली भी लग रहा है कि उसी दौर से गुजर रहे हैं। साल 2014 में भी वह ऐसे ही वक्त से गुजरे थे।
लेकिन ऐसा लग रहा है कि ऑफ स्टंप के बाहर गेंद में छेड़खानी करने की आदत कोहली में वापस आ गई है। और इंग्लैंड में कोहली पहली बार ऐसी गेंद पर आउट हुए हैं जिसे छोड़ा जा सकता था। सीरीज में चौथी बार वह बल्ले का बाहरी किनारा लगकर विकेट के पीछे लपके गए हैं।
VIDEO: कोहली-रहाणे-पुजारा फिर फेल, क्रीज पर नहीं टिक पाया कोई दिग्गज
कोहली का खराब दौर 2020 में भारत के न्यूजीलैंड दौरे से शुरू हुआ। वहां चार टी20 इंटरनैशनल, तीन वनडे इंटरनैशनल और दो टेस्ट मैचों में मिलाकर कोहली ने सिर्फ 218 रन ही बनाए थे।
टेस्ट क्रिकेट में भारत के सबसे कम स्कोर
स्कोर
ओवर
बनाम
मैदान
सीरीज
36
21.2
ऑस्ट्रेलिया
ऐडिलेड
2020-21
42
17.0
इंग्लैंड
लॉर्ड्स
1974
58
21.3
ऑस्ट्रेलिया
ब्रिसबेन
1947-48
58
21.4
इंग्लैंड
मैनचेस्टर
1952
66
34.1
साउथ अफ्रीका
डरबन
1996-97
67
24.2
ऑस्ट्रेलिया
मेलबर्न
1947-48
75
30.5
वेस्टइंडीज
दिल्ली
1987-88
76
20.0
साउथ अफ्रीका
अहमदाबाद
2007-08
78
40.4
इंग्लैंड
लीड्स
2021
पिछले साल ऑस्ट्रेलिया में उन्होंने सिर्फ एक ही टेस्ट मैच खेला और पहली पारी में 74 रन बनाए। हालांकि दूसरी पारी में पूरी टीम सिर्फ 36 रन पर सिमट गई। ऐडिलेड में उन्होंने इस पारी के लिए 180 गेंदों का सामना किया। यह उनके करियर की दूसरी सबसे धीमी हाफ सेंचुरी थी।
कोहली अगर इसी तरह की पारी हेडिंग्ले में खेलते तो टीम के लिए काफी मददगार होता। केएल राहुल और चेतेश्वर पुजारा आउट हो चुके थे। समय की मांग थी कि वह रुककर खेलते। थोड़ा रुककर खेलते तो बेहतर रहता। कोहली ने तीसरे टेस्ट की शुरुआत से पहले कहा था, ‘आपको इंग्लैंड में बल्लेबाजी करते हुए अपना ईगो अलग रखना पड़ेगा।’
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मैच से पहले और बाद में भी कोहली हमेशा कुछ खिलाड़ियों के फॉर्म को लेकर चर्चा नहीं करते हैं। वह इससे बचते नजर आते हैं। कोहली ने मैच से पहले पुजारा और रहाणे के फॉर्म को लेकर पूछे जा रहे सवालों के जवाब में कहा था, ‘हमारा ध्यान खिलाड़ियों को व्यक्तिगत रूप से देखने पर नहीं है। अहम बात यह है कि कुल मिलाकर एक टीम के रूप में हम कैसा प्रदर्शन करते हैं। हम एक ऐसी बल्लेबाजी यूनिट बनना चाहते हैं जो विभिन्न परिस्थितियों में बेहतर प्रदर्शन कर सके। हर मैच में अलग खिलाड़ी आगे बढ़कर प्रदर्शन करे।’ इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने जब कोहली से उनके व्यक्तिगत फॉर्म के बारे में पूछा था तब भी उनका जवाब कुछ-कुछ ऐसा ही था।
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विराट कोहली ने हेडिंग्ले टेस्ट की पहली पारी में सिर्फ सात रन बनाए (एपी फोटो)
हाइलाइट्स
- विराट कोहली हेडिंग्ले टेस्ट के पहले दिन सिर्फ सात रन बनाकर आउट हुए
- जेम्स एंडरसन ने उन्हें टेस्ट क्रिकेट में रेकॉर्ड सातवीं बार किया आउट
- कोहली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 50 पारियों से कोई शतक नहीं लगाया है
अभी कुछ वक्त पहले तक विराट कोहली के बल्ले से खूब रन बरस रहे थे। उन्हें रोक पाना किसी भी गेंदबाजी आक्रमण के लिए मुश्किल नजर आ रहा था। लेकिन कुछ वक्त से हालात बदले हुए हैं। विराट कोहली का बल्ला उनसे रूठ गया है।
दुनिया के चोटी के बल्लेबाज, जो आदतन शतक बना रहा था, अब तीनों प्रारूपों में मिलाकर 50 पारियों में सैकड़ा नहीं बना पया है। हेडिंग्ले में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के तीसरे मैच में भी उनका फॉर्म पटरी पर नहीं आ पाया। मैच के पहले ही घंटे में कोहली पविलियन लौट गए थे। बुधवार को वह सिर्फ सात रन बनाकर जेम्स एंडरसन की गेंद पर आउट हो चुके थे। गेंद ने उनके बल्ले का बाहरी किनारा लिया और विकेट के पीछे जोस बटलर ने कोई गलती नहीं की।
बीती 18 पारियों में कोहली का बल्लेबाजी औसत सिर्फ 23 का है। हर बल्लेबाज के करियर में ऐसा दौर आता है कि रन नहीं बनते हैं। खराब दौर खिलाड़ी के जीवन का हिस्सा है। करियर में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। हर बड़े खिलाड़ी के जीवन में ऐसा वक्त आता है। और कोहली भी लग रहा है कि उसी दौर से गुजर रहे हैं। साल 2014 में भी वह ऐसे ही वक्त से गुजरे थे।
लेकिन ऐसा लग रहा है कि ऑफ स्टंप के बाहर गेंद में छेड़खानी करने की आदत कोहली में वापस आ गई है। और इंग्लैंड में कोहली पहली बार ऐसी गेंद पर आउट हुए हैं जिसे छोड़ा जा सकता था। सीरीज में चौथी बार वह बल्ले का बाहरी किनारा लगकर विकेट के पीछे लपके गए हैं।
VIDEO: कोहली-रहाणे-पुजारा फिर फेल, क्रीज पर नहीं टिक पाया कोई दिग्गज
कोहली का खराब दौर 2020 में भारत के न्यूजीलैंड दौरे से शुरू हुआ। वहां चार टी20 इंटरनैशनल, तीन वनडे इंटरनैशनल और दो टेस्ट मैचों में मिलाकर कोहली ने सिर्फ 218 रन ही बनाए थे।
टेस्ट क्रिकेट में भारत के सबसे कम स्कोर
स्कोर | ओवर | बनाम | मैदान | सीरीज |
36 | 21.2 | ऑस्ट्रेलिया | ऐडिलेड | 2020-21 |
42 | 17.0 | इंग्लैंड | लॉर्ड्स | 1974 |
58 | 21.3 | ऑस्ट्रेलिया | ब्रिसबेन | 1947-48 |
58 | 21.4 | इंग्लैंड | मैनचेस्टर | 1952 |
66 | 34.1 | साउथ अफ्रीका | डरबन | 1996-97 |
67 | 24.2 | ऑस्ट्रेलिया | मेलबर्न | 1947-48 |
75 | 30.5 | वेस्टइंडीज | दिल्ली | 1987-88 |
76 | 20.0 | साउथ अफ्रीका | अहमदाबाद | 2007-08 |
78 | 40.4 | इंग्लैंड | लीड्स | 2021 |
पिछले साल ऑस्ट्रेलिया में उन्होंने सिर्फ एक ही टेस्ट मैच खेला और पहली पारी में 74 रन बनाए। हालांकि दूसरी पारी में पूरी टीम सिर्फ 36 रन पर सिमट गई। ऐडिलेड में उन्होंने इस पारी के लिए 180 गेंदों का सामना किया। यह उनके करियर की दूसरी सबसे धीमी हाफ सेंचुरी थी।
कोहली अगर इसी तरह की पारी हेडिंग्ले में खेलते तो टीम के लिए काफी मददगार होता। केएल राहुल और चेतेश्वर पुजारा आउट हो चुके थे। समय की मांग थी कि वह रुककर खेलते। थोड़ा रुककर खेलते तो बेहतर रहता। कोहली ने तीसरे टेस्ट की शुरुआत से पहले कहा था, ‘आपको इंग्लैंड में बल्लेबाजी करते हुए अपना ईगो अलग रखना पड़ेगा।’
मैच से पहले और बाद में भी कोहली हमेशा कुछ खिलाड़ियों के फॉर्म को लेकर चर्चा नहीं करते हैं। वह इससे बचते नजर आते हैं। कोहली ने मैच से पहले पुजारा और रहाणे के फॉर्म को लेकर पूछे जा रहे सवालों के जवाब में कहा था, ‘हमारा ध्यान खिलाड़ियों को व्यक्तिगत रूप से देखने पर नहीं है। अहम बात यह है कि कुल मिलाकर एक टीम के रूप में हम कैसा प्रदर्शन करते हैं। हम एक ऐसी बल्लेबाजी यूनिट बनना चाहते हैं जो विभिन्न परिस्थितियों में बेहतर प्रदर्शन कर सके। हर मैच में अलग खिलाड़ी आगे बढ़कर प्रदर्शन करे।’ इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने जब कोहली से उनके व्यक्तिगत फॉर्म के बारे में पूछा था तब भी उनका जवाब कुछ-कुछ ऐसा ही था।
अश्विन को फिर नहीं मिला मौका, टीम इंडिया ने टॉस जीत बैटिंग का किया मुश्किल फैसला
विराट कोहली ने हेडिंग्ले टेस्ट की पहली पारी में सिर्फ सात रन बनाए (एपी फोटो)