13 हजार में बिक रहा था सरकारी सप्लाई का रेमडेसिविर

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प्रभारी मंत्री रामखेलावन पटेल और सांसद गणेश सिंह के सामने हुआ खुलासा, करवाए जब्त।

सतना. अब सतना जिले में भी रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का मामला सामने आया है। मैहर सिविल अस्पताल में बने कोविड केयर सेंटर का निरीक्षण करने पहुंचे कोरोना प्रभारी मंत्री रामखेलावन पटेल और सांसद गणेश सिंह के सामने इसका खुलासा हुआ। सरकारी सप्लाई का इंजेक्शन खुले बाजार में 13 हजार में मिलना पाया गया। इसके बाद एक और बैग से सांसद ने इंजेक्शन को जब्त करवा कर पुलिस के हवाले किया। अब महकमा मामला दबाने में जुट गया है।

बाजार में 13 हजार रुपए में बिक रहा है
मंत्री पटेल और सांसद सिंह सिविल अस्पताल में अधिकारियों से चर्चा कर रहे थे। इसी दौरान मरीज चंद्रशेखर का परिजन रोहित पहुंचा। बताया कि अस्पताल आया रेमडेसिविर इंजेक्शन बाजार में 13 हजार रुपए में बिक रहा है। जिनके नाम पर इंजेक्शन जारी किया जा रहा है, उन्हें लग नहीं रहा है। उसने खरीदे गए इंजेक्शन का एंपुल भी दिखाया। बताया कि यहां तो लोगों के बैग में बेचने इंजेक्शन रखे हैं। उसने वह बैग सांसद के पास रख दिया। उसमें से एक इंजेक्शन दिखाया।

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…तो भड़के सांसद
कुछ लोग यह कहते हुए दौड़े कि यहां बैग कैसे रख दिए दूर करो। इसके बाद बैग को हटा दिया। एक महिला चिकित्सक तत्काल बाहर निकल गई। तब तक मामला सांसद की समझ में आ चुका था। उन्होंने बैग मंगाया तो बताया गया कि इसमें कोई इंजेक्शन नहीं है। यह सुन सांसद भड़क गए। बोले कि दो इंजेक्शन मैंने अपनी आंखों से देखे थे, ऐसे कैसे होगा। सांसद के तल्ख तेवर देख दोबारा बैग की जांच की गई। तब एक पन्नी में यह इंजेक्शन उसी बैग से निकाला गया।

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… और खुल गई पोल
जब रजिस्टर मंगा कर जांच की गई तो पाया यह उसी बैच का इंजेक्शन है जो सिविल अस्पताल को सप्लाई हुए थे। यह भी सामने आया कि विगत दिवस यह इंजेक्शन तीन लोगों को दिए गए थे। मामला तूल पकडऩे लगा और यहां तैनात डॉक्टर निगम और एक महिला चिकित्सक पर संदेह की स्थिति बनी तो सीएमएचओ ने दखल दिया। उन्होंने मंत्री और सांसद से कहा कि गलती हो गई होगी इनसे। इसके बाद इन चिकित्सकों को जमकर फटकार लगाई गई।







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