हार्दिक, जिग्नेश और कन्‍हैया… बिखरने वाली है कांग्रेस की यंग ब्रिगेड, कौन रहेगा राहुल गांधी के साथ?

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हार्दिक, जिग्नेश और कन्‍हैया… बिखरने वाली है कांग्रेस की यंग ब्रिगेड, कौन रहेगा राहुल गांधी के साथ?

Setback for Congress before Gujarat Elections 2022: गुजरात चुनाव (Gujarat Elections 2022) से चंद महीने पहले कांग्रेस में खलबली मच गई है। पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। कांग्रेस गुजरात इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल (Hardik Patel) के सुर बदले-बदले दिख रहे हैं। एक के बाद एक उनके कई बयानों से हड़कंप मच गया है। हार्दिक पटेल कह चुके हैं कि प्रदेश नेतृत्व उन्हें परेशान कर रहा है। राज्य के कांग्रेस नेता चाहते हैं कि वह पार्टी छोड़ दें। यहां तक राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से शिकायत का भी कोई फायदा नहीं हुआ है। इस तरह पटेल ने गुजरात विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले खुलकर बगावत कर दी है। तीन साल पहले पाटीदार नेता हार्दिक पटेल कांग्रेस में शामिल हुए थे। उनके पीछे दलित आंदोलन से उभरे जिग्‍नेश मेवाणी (Jignesh Mevani) और जेएनयू स्‍टूडेंट पॉलिटिक्‍स से निकले कन्‍हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) भी आए थे। मेवाणी तकनीकी कारणों से कांग्रेस में शामिल नहीं हो पाए थे। लेकिन, कहा था कि वो आगामी चुनाव में कांग्रेस प्रत्‍याशी के तौर पर खड़े होंगे। वहीं, जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्‍यक्ष और सीपीआई नेता रहे कन्‍हैया कुमार ने कांग्रेस ज्‍वाइन की थी। गुजरात चुनाव से पहले हार्दिक ने कांग्रेस छोड़ी तो यह पार्टी के लिए बड़ा झटका होगा। वैसे भी पिछले कुछ समय में यंग ब्रिगेड को साथ बनाए रखने का पार्टी का रिकॉर्ड काफी खराब रहा है। पार्टी के दिग्‍गज नेताओं का समूह जी-23 भी आलाकमान से नाराजगी जाहिर करता रहा है।

गुजरात में इस साल नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होना है। कांग्रेस 27 सालों से गुजरात की सत्ता से बाहर है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने राज्‍य में उलटफेर करने के लिए पूरा दमखम झोंक दिया है। हार्दिक पटेल ने साइडलाइन किए जाने की बात कहकर साफ कर दिया है कि कांग्रेस में उनके दिन अब गिनेचुने हैं। इस बीच कांग्रेस में पाटीदार नेता नरेश पटेल की एंट्री की भी खूब चर्चा है। इस पूरे गुणा-गणित का असर आगामी चुनाव पर पड़ना तय है। फिलहाल राज्‍य में बीजेपी की स्थिति 2017 के मुकाबले काफी मजबूत दिखती है। तब जीएसटी के आने से व्‍यापारी समाज नाराज था।

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युवा नेताओं को नहीं रोक पा रही कांग्रेस
पिछले कुछ समय में कांग्रेस के कई युवा नेता पार्टी से छिटके हैं। कांग्रेस चुनाव के दौरान युवा मतदाताओं को आकर्षित करने में बुरी तरह फ्लॉप रही है। बेशक, हार्दिक, जिग्‍नेश और कन्‍हैया जैसे जाने पहचाने चेहरे हाल में पार्टी से जुड़े। लेकिन, ये कब तक पार्टी के साथ रहेंगे इसकी कोई गारंटी नहीं है। पार्टी में बड़े सुधारों की जरूरत है। इससे वह मुंह मोड़ रही है। ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया जैसे युवा नेताओं ने इसी कारण पार्टी छोड़ दी। राजस्‍थान में सचिन पायलट भी काफी समय से बगावती रुख अपनाए हुए हैं। अंदरूनी रस्‍साकशी के कारण ही कांग्रेस एक के बाद एक चुनाव में लगातार हार रही है। वह बीजेपी को किसी तरह की चुनौती पेश करने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है।

विपक्ष का नेतृत्‍व करने के लिए आप-टीएमसी तैयार
बिहार और ओडिशा जैसे राज्‍यों में भी कांग्रेस इकाई में नेतृत्‍व परिवर्तन की दरकार है। वहीं, झारखंड, जम्‍मू और महाराष्‍ट्र में भी असंतोष बढ़ रहा है। सचिन पायलट ने राजस्‍थान को लेकर पिछले कुछ समय में बार-बार आलाकमान के साथ बैठकें की हैं। हालांकि, कुछ खास नहीं हुआ है। कांग्रेस का रवैया यही रहा और वह अंदरूनी कलह रोक नहीं पाई तो 2024 में बीजेपी का रास्‍ता साफ है। वहीं, विपक्ष का नेतृत्‍व करने के लिए आप और तृणमूल कांग्रेस उसकी जगह लेने को पूरी तरह तैयार बैठी हैं। टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी तो कई बार कह चुकी हैं कि कांग्रेस में दम नहीं है कि वह बीजेपी को चुनौती पेश कर सके। ऐसे में कांग्रेस और राहुल गांधी के पास समय कम है। इन्‍हें वापसी करनी ही होगी। अगर ऐसा नहीं हुआ तो बीजेपी कांग्रेसमुक्‍त भारत बनाने के जिस एजेंडे पर चल रही है, उस तक पहुंचने में ज्‍यादा समय नहीं लगेगा। हार्दिक पटेल ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का खुले तौर पर नाम लिया है। उन्‍होंने बताया कि अपनी स्थिति के बारे में उन्‍होंने राहुल को कई बार अवगत कराया। यह दुख की बात है कि कोई निर्णय नहीं हुआ।

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हर चुनाव से पहले कांग्रेस में मचता है हंगामा
बीते कुछ समय में एक ट्रेंड बन गया है। किसी भी राज्‍य में चुनाव होने से पहले सबसे ज्‍यादा घमासान कांग्रेस में मचना शुरू होता है। बेशक, दूसरी पार्टियों के नेता भी इधर-उधर जाते हैं। लेकिन जिस हद तक खलबली कांग्रेस में मचती है, वह कहीं नहीं देखी जाती है। पंजाब का चुनाव इसका उदाहरण है। यहां अपनी अच्‍छी खासी स्थिति को पार्टी ने चुनाव से कुछ महीने पहले ऐसा बिगाड़ा कि राज्‍य तो हाथ से गया ही गया आने वाले समय में उसकी वापसी की राह भी बहुत मुश्किल हो गई है। उसने बैठे-बैठाए सब कुछ तितर-बितर कर दिया।

जी-23 के नेताओं ने भी कर रखा है नाक में दम
सिर्फ युवा ही नहीं कांग्रेस के पुराने दिग्‍गज नेताओं का एक धड़ा भी पार्टी में सुधार की वकालत कर रहा है। सियासी गलियारे में इसे जी-23 के नाम से जाना जाता है। कांग्रेस के 23 सीनियर नेताओं ने पार्टी की कार्यशैली, संस्कृति और हाइकमान को लेकर सवाल उठाते हुए एक चिठ्ठी लिखी थी। इनमें गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, भूपेंद्र हुड्डा, पृथ्‍वीराज चव्हाण, शशि थरूर सरीखे नेता शामिल थे। ये सभी नेता पार्टी में अध्‍यक्ष के चुनाव के साथ पार्टी में आमूलचूल बदलाव चाहते हैं।



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