हाइपोथर्मिया, निमोनिया, कोल्ड डायरिया… दिल्ली की ठंड में बीमार पड़ रहे हैं परिंदे और बेजुबान जानवर, डॉक्टर परेशान कैसे बचाएँ

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हाइपोथर्मिया, निमोनिया, कोल्ड डायरिया… दिल्ली की ठंड में बीमार पड़ रहे हैं परिंदे और बेजुबान जानवर, डॉक्टर परेशान कैसे बचाएँ

हाइपोथर्मिया, निमोनिया, कोल्ड डायरिया… दिल्ली की ठंड में बीमार पड़ रहे हैं परिंदे और बेजुबान जानवर, डॉक्टर परेशान कैसे बचाएँ

विशेष संवाददाता, नई दिल्ली: पिछले कुछ दिनों से राजधानी में सर्दी, कोहरे और प्रदूषण का भारी कहर है। इसका असर सिर्फ इंसानों पर ही नहीं, पशु-पक्षियों पर भी साफ नजर आ रहा है। विभिन्न अस्पतालों व एनजीओ के पास इस समय सर्दी व प्रदूषण की मार से पीड़ित 100 से अधिक पक्षी रोज पहुंच रहे हैं। ठंड से बेहाल पक्षियों की मुसीबतें तब और बढ़ जाती हैं, जब ठंड में वे पेड़ों से उड़ते-उड़ते नीचे गिर जाते हैं और उन पर किसी की नजर नहीं पड़ती।

पक्षी चिकित्सकों के अनुसार, सुबह के समय बहुत सारी सड़कें सुनसान रहती हैं। कड़कड़ाती ठंड में मॉर्निंग वॉक पर जाने वालों की तादाद काफी कम हो चुकी है। जबकि पक्षी सबसे अधिक सुबह के समय ही प्रभावित होते हैं। ऐसे में कई बार वे अस्पताल तक नहीं पहुंच पाते। यही वजह है कि चिकित्सक मानते हैं जितने पक्षी अस्पतालों में आ रहे हैं, उससे कहीं अधिक ठंड की चपेट में हैं।

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चांदनी चौक के जैन चैरिटेबल बर्ड अस्पताल के डॉ. हैरी के अनुसार, इन दिनों पक्षियों के बच्चे हाइपोथर्मिया की चपेट में आ रहे हैं। उनका टेंपरेचर इतना कम हो रहा है कि उन्हें बचाना मुश्किल हो रहा है। कौवों और कबूतर के अलावा कुछ अन्य पक्षी भी ठंड की चपेट में हैं। इस अस्पताल में रोज 30 से 50 पक्षी ठंड लगने की वजह से अस्पताल पहुंच रहे हैं। वहीं 10 के करीब पक्षी हाइपोथर्मिया के शिकार होकर भी पहुंच रहे हैं। वाइल्डलाइफ रेस्क्यू के डॉ. मोहम्मद साद ने बताया कि कोहरा रात में निकलने वाले पक्षियों के लिए आफत बना हुआ है। उल्लुओं को इससे ज्यादा परेशानी होती है। रात में कोहरे के कारण से वे अपने घरों/ घोसलों तक नहीं लौट पाते, इसलिए अत्यधिक ठंड में यहां-वहां बैठने पर मजबूर होते हैं। अभी तक इसकी कुछ कॉल्स आई हैं। जिस तरह का मौसम है, आने वाले समय में समस्या बढ़ेगी।

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डॉग्स और दूसरे पालतू पशु भी आ रहे

पालम पशु चिकित्सालय के डॉ. केशव कुमार शर्मा ने बताया कि उनके पास रोज पालतू और स्ट्रे एनिमल लेकर लोग पहुंच रहे हैं। इनमें कुछ केस निमोनिया, भूख-प्यास न लगना, कोल्ड डायरिया के भी हैं। ऐसी ठंड में पशुओं को भी काफी केयर की जरूरत होती है। दिल्ली-एनसीआर में स्ट्रे डॉग पर काम कर रही संस्था एसएसए (हाउस ऑफ स्ट्रे एनिमल) भी इस समय इन बेघरों के लिए काम कर रही है। संस्था के फाउंडर संजय महापात्रा के अनुसार वह स्ट्रे एनिमल्स के लिए डॉग कोट, बोरी-बिस्तर, टीकाकरण आदि उपलब्ध करवा रहे हैं। 8 जनवरी को भी छांव फाउंडेशन की लक्ष्मी अग्रवाल के जरिए उन्होंने इनका वितरण करवाया। 100 के करीब बिस्तर, डॉग कोट और 20 हजार किलो खाना स्ट्रे एनिमल के लिए वितरित किया जा रहा है।

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