स्टूडेंट्स भारतीय और विदेशी संस्थानों से ले सकेंगे जॉइंट और डुअल डिग्री, यूजीसी का फैसला

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स्टूडेंट्स भारतीय और विदेशी संस्थानों से ले सकेंगे जॉइंट और डुअल डिग्री, यूजीसी का फैसला

नई दिल्ली: भारत के शैक्षणिक संस्थानों को अब विदेशी संस्थानों (Foreign Higher Education Institutions) के साथ जॉइंट डिग्री, डुअल डिग्री और ट्वाइनिंग प्रोग्राम (twining) शुरू करने का मौका मिलेगा। यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (यूजीसी ) ने स्टूडेंट्स को क्वालिटी एजुकेशन देने के लिए यह फैसला लिया है। यूजीसी (UGC)ने मौजूदा रेगुलेशंस में संशोधन किए हैं। यूजीसी चेयरमैन प्रो जगदीश कुमार (UGC Chairman Jagadeesh Kumar)ने मंगलवार को बताया कि इसके तहत देशभर के संस्थान तीन तरह के प्रोग्राम ऑफर कर सकेंगे – ट्वाइनिंग प्रोग्राम, जॉइंट डिग्री प्रोग्राम और डुअल डिग्री प्रोग्राम।

ये सुविधा सिर्फ फिजिकल मोड की डिग्री के लिए मिलेगी, स्टूडेंट्स को विदेशी संस्थान से 30 % क्रेडिट स्कोर हासिल करना होगा। वे ही हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूट ये प्रोग्राम स्टूडेंट्स को पेश कर सकेंगे, जो QS वर्ल्ड रैंकिंग और टाइम्स हायर एजुकेशन रैंकिंग में टॉप 1000 में शामिल हों। इसके अलावा, वे इंस्टिट्यूट भी इन प्रोग्राम को शुरू कर सकते हैं जिनका NAAC स्कूल में 4 में से कम से कम 3.1 स्कोर हो या वे NIRF रैंकिंग में टॉप 100 में शामिल हों। उन्होंने कहा कि इन मानदंडों पर खरे उतरने वाले संस्थानों को अलग से मान्यता या स्वीकृति लेनी की आवश्यकता नहीं है।

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यूजीसी रेगुलेशंस के तहत, डुअल डिग्री के लिए प्रोग्राम का करिकुलम भारत और विदेश के संस्थान मिलकर तैयार करेंगे। स्टूडेंट को 30% कोर्स क्रेडिट फॉरेन इंस्टिट्यूट से पूरा करना होगा, डिग्री भारत और विदेश का इंस्टिट्यूट जारी होगा ओर इसमें दोनों संस्थान के क्रेडिट भी लिखे होंगे। जॉइंट डिग्री के लिए दोनों पार्टनर इंस्टिट्यूशन एमओयू साइन करेंगे, जिसके तहत भारत के स्टूडेंट्स को फॉरेन इंस्टिट्यूट से 30% से ज्यादा कोर्स क्रेडिट पूरा करना होगा। डिग्री भारत का संस्थान देगा।

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अगर कोई भारतीय संस्थान किसी विदेशी शिक्षा संस्थान के साथ ट्वाइनिंग प्रोग्राम शुरू करना चाहता है, तो स्टूडेंट को कोर्स क्रेडिट का 30% विदेशी संस्थान से पूरा करना होगा। यह एक्सचेंज प्रोग्राम के जरिए किया जाएगा। यही विदेशी स्टूडेंट्स के लिए भी लागू होगा। फॉरेन एजुकेशन इंस्टिट्यूशन में हासिल किए गए क्रेडिट भारतीय इंस्टिट्यूट से दी गई डिग्री/डिप्लोमा में गिने जाएंगे। हर इंस्टिट्यूशन इसके लिए ट्रांसक्रिप्ट जारी करेंगे। मंगलवार को यह ड्राफ्ट (भारत और विदेश के उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच जॉइंट डिग्री, डुअल डिग्री और ट्वाइनिंग प्रोग्राम को लेकर शैक्षणिक सहयोग) यूजीसी ने पास कर दिया है। इसका नोटिफिकेशन जल्द जारी होगा।



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