सोने की खदान, घर में विदेशी बंदूकें, देश से विदेश तक में कारोबार, दूध बेचने वाला अब्दुल रज्जाक कैसे बना इतना बड़ा गैंगस्टर

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सोने की खदान, घर में विदेशी बंदूकें, देश से विदेश तक में कारोबार, दूध बेचने वाला अब्दुल रज्जाक कैसे बना इतना बड़ा गैंगस्टर

जबलपुर का कुख्यात गैंगस्टर अब्दुल रज्जाक अभी सलाखों के पीछे है। पुलिस को उसके घर से हथियारों का जखीरा मिला था। रज्जाक की गिरफ्तारी के दौरान पुलिस के पसीने छूट गए थे। बड़ी मुश्किल से रज्जाक और उसके भतीजे को पुलिस पकड़कर लाई थी। रज्जाक का ओमती नगर मोहल्ले में साम्राज्य चलता है, उसके घर से दो विदेशी बंदूकें मिली थीं। गिरफ्तारी के दौरान रज्जाक के समर्थक कई बार पुलिस से भिड़े और पुलिस के कार्यो में बाधा उत्पन्न करने की कोशिश की। खबर है कि वह जल्द ही दुबई भागने की फिराक में था।

दूध का व्यापार करते-करते बना हिस्ट्रीशीटर गैंगस्टर

बताया जाता है कि हिस्ट्रीशीटर अब्दुल रज्जाक के पिता अब्दुल वाहिद 62 साल पहले नरसिंहपुर जिले के रॉकई से जबलपुर आए थे। जबलपुर के नए मोहल्ला में रहकर वो गौर नदी के पास दूध का कारोबार करते थे। अब्दुल वाहिद का बेटा रज्जाक ने भी अपने पिता का दूध के कारोबार को आगे बढ़ाने में साथ दिया। रज्जाक को रुपया कमाने का शौक था, इसलिए रज्जाक ने दूध के कारोबार के साथ-साथ टोल टैक्स बैरियर का ठेका लेना शुरू कर दिया।

राजनीति में बनाया पैंठ

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टोल टैक्स का कारोबार करते करते रज्जाक ने राजनैतिक रसूख रखने वालों से दोस्ती करनी शुरू कर दी। उनके साथ मिलकर भंडारा, मेरेगांव, छपारा, तिलवारा और बीजाहांडी के टोल नाको का ठेका हथिया लिया। टोल नाको का ठेका लेकर रज्जाक ने अपनी बादशाहत स्थापित कर ली। रज्जाक पहलवान के नाम से जबलपुर में उसकी गैंग चलने लगी।

महबूब अली गैंगस्टर से सामना

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टोल नाका का ठेका लेने के बाद रज्जाक का सामना टोलनाका के एक और ठेकेदार महबूब अली से हुआ और दोनों में प्रतिस्पर्धा शुरू हो गई। टोल नाके को लेकर दोनों के बीच ऐसा तनाव बढ़ा कि 1996 में रज्जाक ने महबूब अली के ऊपर हमला किया। इस प्रकरण में रज्जाक पर बलवा और 307 प्रकरण भी दर्ज हुआ था। यहीं से रज्जाक चर्चाओं में आया और उसकी बादशाहत कायम हुई। रज्जाक ने अपनी बादशाहत कायम करने के लिए अपने गुर्गों की मदद से लोगों को धमकी देना, मकान और जमीन को कौड़ियों के भाव में खरीदना शुरू कर दिया।

गैंगस्टर महबूब अली के भाई की हत्या

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हिस्ट्रीशीटर रज्जाक पर एक बार हाईकोर्ट में पेशी के दौरान महबूब अली भाई गैंगस्टर अक्कू भाईजान ने हमला कराया था। रज्जाक ने अपने ऊपर हुए हमले का बदला लेने की ठान रखी थी और 14 जुलाई 2003 में नेपियर टाउन इलाके में गैंगस्टर महबूब अली के भाई अक्कू की हत्या कर दी। इस घटना में अब्दुल रज्जाक और अन्य लोगों पर हत्या का प्रकरण दर्ज किया गया था। हाल ही में वो इस मामले में न्यायालय से दोषमुक्त हुआ था। रज्जाक ने इसके बाद शहर में अपनी गैंग के सहारे दहशत और खौफ कायम कर लिया।

बेटा भी इसी रास्ते पर

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बताया जाता है हिस्ट्रीशीटर रज्जाक का बेटा सरताज पिता के कामों को देख रहा है। वह भी पिता के नक्शेकदम पर ही चल रहा है। सरताज पर भी पुलिस ने कई मामले दर्ज किए हैं। बताया जाता है कि वर्तमान में सरताज दुबई में रखकर अपने कामों को देख रहा है। दुबई के एक कारोबारी के साथ मिलकर वो अफ्रीका में सोना खनन का काम कर रहा है।

दुबई भागने की फिराक में था रज्जाक

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सूत्र बताते हैं कि गिरफ्तारी से पहले रज्जाक अपना करोबार समेटकर शहर छोड़ना चाहता था। वह दुबई में शिफ्ट होने की चक्कर में था। गैंगस्टर रज्जाक का जबलपुर सहित देश में कई शहरों में कारोबार फैला हुआ है। पुलिस भी उसके इस कारोबार के बारे में जांच पड़ताल कर रही है।

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