सैल्यूट: पढ़ने को नहीं है पैसा तो छपरा के नीतीश और नीतू को याद करना, मिलेगी फ्री में कोचिंग और स्टडी मैटेरियल

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सैल्यूट: पढ़ने को नहीं है पैसा तो छपरा के नीतीश और नीतू को याद करना, मिलेगी फ्री में कोचिंग और स्टडी मैटेरियल

छपरा: नालंदा के सोनू ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पढ़ने की जिद की तो पूरे बिहार के शिक्षा विभाग की हकीकत सामने आ गई। सोनू IAS बनना चाहता है, लेकिन उसके गांव के स्कूल में उसे ऐसी शिक्षा नहीं मिल रही जिसकी वह उम्मीद करता है। लिहाजा उसने मुख्यमंत्री के सामने ही गुहार लगा दी। सरकारी स्कूलों की हकीकत यही है कि राज्य सरकार के लाख जतन के बाद भी गांव-कस्बों में शिक्षा से गरीब बच्चे महरूम हैं। लेकिन छपरा के एक गांव में एक अनोखी पहल की गई है और ऐसे बच्चों को गांव के कुछ युवा ठीक उसी तरह शिक्षा दे रहे हैं, जैसी सोनू ने मांग की है।

छपरा के भाई बहन मुफ्त में बांट रहे शिक्षा

छपरा में कोपा थाना क्षेत्र के आनवल गांव में शिक्षा का एक अनोखा अभियान चल रहा है, जहां कुछ पढ़े-लिखे युवा गांव के उन बच्चों को पढ़ा रहे हैं जो अपने भविष्य को शिक्षा के जरिए बेहतर बनाना चाहते हैं। इस अभियान में मुख्य रूप से शामिल नीतू गांव के बच्चों को एकजुट कर रोज शिक्षा देती है। नीतू को इन बच्चों को पढ़ाने का जज्बा उनके भाई नीतीश से मिला। अब वह अपने गांव के बच्चों तक बेहतर शिक्षा पहुंचाने का काम कर रही हैं।

फ्री कोचिंग के साथ देते हैं स्टडी मटेरियल

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नीतीश और नीतू दोनों ने साल 2019 में फ्री कोचिंग सेंटर की शुरुआत की थी। नीतू बच्चों को पढ़ाती हैं। साथ में बच्चों को फ्री स्टडी मटेरियल भी देती हैं। नीतू कहती हैं, गांव में अभी भी शिक्षा की पहुंच नहीं है। मेरे गांव के बच्चे स्कूल नहीं जाते थे तब साल 2019 के आखिर में मैंने और भइया (नीतीश) ने मिलकर बच्चों को पढ़ाने का प्लान बनाया।

कोचिंग सेंटर में आते हैं ज्यादातर मजदूरों के बच्चे

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नीतू के भाई नीतीश कहते हैं, गरीब माता-पिता अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा तो दूर, उन्हें स्कूल तक नहीं भेज पाते थे। दिहाड़ी मजदूरी करने वाले ये परिवार हैं। ये बच्चे दिनभर या तो धूप में घूमा करते थे या खेलते थे। इसीलिए हमने बच्चों को फ्री में पढ़ाने की योजना बनाई। नीतू और नीतीश की आरे से चलाए जा रहे इस फ्री कोचिंग सेंटर में इस वक्त 300 से ज्यादा बच्चे पढ़ रहे हैं। नीतू ग्रेजुएशन की पढ़ाई के साथ-साथ इन बच्चों को सुबह-शाम पढ़ाती हैं। वह बच्चों को फ्री में स्टडी मटेरियल भी देती है। नीतीश इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से साहित्य में MA कर रहे हैं। वहीं, नीतू ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रही है।

मजदूरों को शिक्षा का लाभ समझाना था मुश्किल

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भाई बहन की फ्री कोचिंग में 300 से ज्यादा बच्चे

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नीतू के भाई नीतीश कहते हैं, शुरुआत में 10-15 बच्चे ही पढ़ने के लिए आते थे। धीरे-धीरे राज्य के कई बुद्धिजीवियों, IAS-IPS अधिकारियों का साथ मिलने लगा। ये लोग अब काम की तारीफ कर रहे हैं। आज 300 से ज्यादा बच्चे पढ़ रहे हैं। इसमें नितीश के अलावा आशुतोष,अनुज,अभय, रौशन, काजल, पंकज समेत 20 से ज्यादा लोग काम कर रहे हैं। नीतीश कहते हैं, गरीब बच्चों के पास पैसा नहीं होता है कि वह पढ़ाई कर पाएं। हमारी मुहिम में अब राज्य समेत अन्य क्षेत्रों के अधिकारी भी आ रहे हैं।

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