सुशांत ने ठुकरा दी थी स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की स्कॉलरशिप, ऐक्टर बनने के फैसले पर ऐसा था फैमिली का रिऐक्शन

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सुशांत ने ठुकरा दी थी स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की स्कॉलरशिप, ऐक्टर बनने के फैसले पर ऐसा था फैमिली का रिऐक्शन

बॉलिवुड के दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) ने अपने करियर में बेहतरीन परफॉर्मेंस से लोगों का ध्यान खींचा था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सुशांत सिंह राजपूत एक अच्छे ऐक्टर होने के साथ ही अच्छे स्टूडेंट रहे हैं। वह दिल्ली के प्रतिष्ठित दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी) के छात्र थे लेकिन अपनी इंजीनियरिंग खत्म करने से पहले ही उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ दी थी।

सुशांत सिंह राजपूत ने अपने कई पुराने इंटरव्यूज में कहा था कि उन्होंने ऐक्टर बनने के अपने सपनों को पूरा करने के लिए कॉलेज छोड़ दिया। साल 2017 में एक इंटरव्यू में सुशांत सिंह राजपूत ने कहा था कि उनके परिवार ने उनके आगे के फैसले के बारे में कैसे प्रतिक्रिया दी थी। ऐक्टर ने कहा था ‘यह 2006 का समय था, कॉलेज में मेरा फाइनल इयर था, जब मैंने यह बम घर पर गिराया। सब चौंक गए थे! इतना चौंक गए थे कि वो कुछ कह ही नहीं पाए और मैंने उनकी चुप्पी को उनकी स्वीकृति के रूप में ले लिया। उस समय यह मुश्किल था, लेकिन अब यह अलग है। मेरे पापा को बहुत अच्छा लगता है, जब वो वॉक पर जाते हैं और लोग उन्हें पुकारते हैं, साथ ही मेरी कुछ क्लिपिंग भी दिखाते हैं। उन्हें वास्तव में मुझ पर गर्व है। लेकिन आज भी, हमारी लगभग सारी बातें यहीं खत्म होती हैं कि ‘बेटा, डिग्री ले लेता’।’


सुशांत सिंह राजपूत ने इसी इंटरव्यू में बताया था कि भले ही उन्होंने फिजिक्स में नैशनल ओलंपियाड जीता और दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में पढ़ने के लिए गए लेकिन यह फील्ड उनकी पसंद की नहीं थी। सुशांत सिंह राजपूत ने कहा था, ‘इंजीनियरिंग मेरी पसंद नहीं थी। मैं एक एस्ट्रोनॉट बनना चाहता था, और बाद में, एक एयरफोर्स का पायलट। मुझे याद है कि मैंने ‘टॉप गन’ का पोस्टर फाड़ दिया था जब मेरे पैरंट्स ने मुझे बताया था कि ऐसा नहीं होने वाला है। जाहिर है, मैं एक इंजीनियर बनने जा रहा था। हो सकता है कि उस दिन मैंने जो ड्रामा किया था, उससे सभी को पता चल गया हो। लेकिन वास्तव में, मैं निराश हो गया था।’

सुशांत सिंह राजपूत के पास स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से स्कॉलरशिप का ऑफर आया था लेकिन उन्होंने दूसरा रास्ता चुनने का फैसला किया। सुशांत सिंह ने बताया था, ‘स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में जाने के बजाय मैंने कॉलेज ड्रॉप कर दिया और वर्सोवा में 1आरके (रूम किचन) में छह और लोगों के साथ रहने लगा।’

सुशांत सिंह राजपूत को साल 2015 में मानद उपाधि से सम्मानित किया गया था। उस समय सुशांत सिंह राजपूत ने कहा था, ‘मैं निमंत्रण से हैरान हूं। एक ब्राइट स्टूडेंट होने के बावजूद मैंने अपने सपने पूरे करने के लिए तीसरे साल में इंजीनियरिंग छोड़ दी थी। यह सच में दिल को छू लेने वाला है कि मेरा इंजीनियरिंग कॉलेज अपनी 75वीं वर्षगांठ पर मुझे मानद उपाधि देना चाहता है।’

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