सिर्फ डिजिटल के लिए हैडिंग गणितीय तौर पर टल रहा तीसरी लहर का खतरा, लापरवाही, वायरस में बदलाव और माइग्रेशन फिर बढ़ा सकते हैं परेशानी

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सिर्फ डिजिटल के लिए हैडिंग गणितीय तौर पर टल रहा तीसरी लहर का खतरा, लापरवाही, वायरस में बदलाव और माइग्रेशन फिर बढ़ा सकते हैं परेशानी

समुद्र तट से सटे राज्यों में ही अब कोरोना अधिक, विशेषज्ञों ने कहा..पहली लहर और दूसरी लहर के अंतर को देखते हुए अभी सावधानी जरूरी

विकास जैन

जयपुर. सांख्यिकीय आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में कोविड—19 का खतरा भले ही टलता जा रहा है, लेकिन सार्वजनिक स्थानों पर भीड़, कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाने में बरती जा रही लापरवाही, वायरस में बदलाव और कोविड संक्रमित राज्यों से लगातार आवाजाही आने वाले महीनों में संक्रमण बढ़ने और तीसरी लहर की आवक का कारण बन सकती है। प्रदेश के शीर्ष कोविड विशेषज्ञों के मुताबिक देश के समुद्र तटीय राज्यों मे केरला, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में लगातार अधिक केस मिलने की स्थिति को देखते हुए उत्तर भारत के राज्यों में भी आगामी समय में तीसरी लहर की आशंका को नकारा नहीं जा सकता।

पहली लहर और दूसरी लहर में रहे तीन से चार महीने के अंतराल को देखते हुए भी आशंका है कि मई के बाद थमा कोरोना का कहर अक्टूबर वापस दस्तक दे सकता है। हालांकि राज्य में सितंबर माह के आंकड़ों पर नजर डालें तो 15 जिले पूरी तरह कोविड शून्य रहे हैं। 3 जिलों में 1—1 और 5 जिलों में 2—2 मामले इस दौरान सामने आए हैं। महीने के 12 दिनों में मिले 91 दिनों में से 36 प्रतिशत संक्रमित अकेले जयपुर जिले के हैं। इसके बाद 11 मामले अजमेर जिले में मिले हैं।

विशेषज्ञों के मौजूदा निष्कर्ष

समुद्र तट के राज्यों में दूसरी लहर के बाद कोरोना मामले अधिक और उत्तर भारत में कम, लेकिन इसके कारणों के बारे में विशेषज्ञ भी असमंजस में
अभी कोरोना को नकारा नहीं जा सकता, क्योंकि पहली लहर के बाद दूसरी लहर आने का अंतर भी करीब करीब इतना ही था और अब यह बॉर्डर लाइन समय है
अधिक वैक्सीनेशन और अच्छी इम्यूनिटी पर भी तीसरी लहर का खतरा टलना निर्भर करेगा
अभी भारत कोरोना मुक्त नहीं हुआ है और एक से दूसरे राज्यों में माइग्रेशन लगातार जारी है
देश में छोटे छोटे चुनाव और अन्य सार्वजनिक समारोह, राजनीतिक समारोह, शादी विवाह और सार्वजनिक स्थानों पर भीड़भाड़ फिर से नजर आने लगी है
प्रशासनिक सख्ती अब नजर नहीं आ रही है, मास्क नहीं लगाने वालों और कोविड अनुकूल व्यवहार नहीं करने वालों पर कोई नियंत्रण और कार्यवाही भी अब नजर नहीं आ रही है

प्रदेश में मामले कम होने के कारण

उत्तर भारत के अधिकांश राज्यों में इस समय कोरोना के मामले ना के बराबर हैं
वैक्सीनेशन तेजी से चल रहा है, चिन्हित अधिकांश आबादी कम से कम पहली डोज से वैक्सीनेट हो चुकी है

मंदिर खुले जरूर हैं, लेकिन बड़े मेलों और विशेष दिनों पर भीड़भाड़ भरे कार्यक्रम बंद हैं

सितंबर माह में जिलेवार मिले मरीज

जयपुर 33
अजमेर 11
गंगानगर 7
बाड़मेर 6
जोधपुर 6
उदयपुर 6
झुुंझुनूं 5
अलवर 5
बीकानेर 3
बीकानेर 3
पाली 3
सीकर 3
भरतपुर 2
भीलवाड़ा 2
जालोर 2
सवाईमाधोपुर 2
कोटा 1
नागौर 1
टोंक 1
शेष जिलों में 0
कुल 91

समुद्र तट के राज्यों में ही इस समय कोरोना अधिक है, इसके कारण अभी स्प्ष्ट नहीं हैं। लेकिन उत्तर भारत के राज्यों में भी अभी कोविड की तीसरी लहर को नकारा नहीं जा सकता। हम सबको याद है कि फरवरी माह में भी हमने यह मान लिया था कि कोविड अब चला गया। लेकिन ऐसा हुआ नहीं, इसलिए हमें सतर्क रहना चाहिए।

डॉ.वीरेन्द्र सिंह, सदस्य, मुख्यमंत्री कोविड सलाहकार समिति

वायरस में म्यूटेशन, इम्युनिटी, वैक्सीनेशन और जनता के कोविड अनुकूल व्यवहार पर निर्भर करेगा कि तीसरी लहर आएगी या नहीं। हमें अभी सतर्क रहना है क्योंकि तीसरी लहर कभी भी आ सकती है।

डॉ.रमन शर्मा, सीनियर प्रोफेसर, मेडिसिन, एसएमएस मेडिकल कॉलेज



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