सियासी पिच पर दनादन चौके और छक्के लगा रहे थे नीतीश, बैक टू बैक बाउंसर और पलट गया खेल!

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सियासी पिच पर दनादन चौके और छक्के लगा रहे थे नीतीश, बैक टू बैक बाउंसर और पलट गया खेल!

सियासी पिच पर दनादन चौके और छक्के लगा रहे थे नीतीश, बैक टू बैक बाउंसर और पलट गया खेल!

पटना: दूध में नींबू डालेंगे तो क्या होगा? आप कहेंगे कि दूध फट जाएगा। जी हां, सियासत में भी कुछ ऐसा ही होता है। अगर आप अपने विरोधियों को सही तरीके से जवाब नहीं देंगे तो आपको पता भी नहीं चलेगा और खेल पलट जाएगा। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ भी कुछ ऐसा ही हो रहा है। आरसीपी और पीके यानी प्रशांत किशोर ‘दूध’ देने का काम कर रहे हैं और खुद नीतीश कुमार उसमें ‘नींबू’ डाल रहे हैं! दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( Nitish Kumar ) जब से एनडीए से अलग हुए हैं, तब से विपक्ष जोड़ो अभियान पर लगे हुए हैं। लगातार इस पर काम कर रहे हैं। विपक्षी पार्टी के नेताओं से मिल रहे हैं। इसी क्रम में वो तीन दिन के लिए दिल्ली भी गए थे। विपक्षी नेताओं से मिले और वापस लौट आए। लेकिन इस दौरान कुछ ऐसा हुआ कि जिससे पूरा खेल ही पलट गया। खेल भी कौन पलटा, जो उनके कभी सहयोगी थे। पहले आरसीपी सिंह, फिर प्रशांत किशोर। दरअसल, सोमवार को नीतीश कुमार दिल्ली गए थे। मंगलवार को आरसीपी सिंह दिल्ली से वापस पटना पहुंचे। पटना पहुंचते ही आरसीपी सिंह ने सियासी पिच पर बाउंसर मारा और लपेटे में नीतीश कुमार आ गए। विपक्षी पार्टियां तो अब ये भी कह रही हैं कि नीतीश कुमार जब से एनडीए से अलग हुए हैं, तब से उनका स्वभाव बदल गया है।

आरसीपी सिंह के बाउंसर से बमक गए नीतीश कुमार
पटना पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह मीडिया के सवालों पर मुंह बिचका-बिचकाकर अपने पूर्व बॉस की बखिया उधेड़ दी थी। आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार को खूब सुनाया। उन्होंने कहा कि राज्य में बाढ़ और सुखाड़ है, किसान पस्त हैं और नीतीश कुमार दिल्ली में मस्त हैं। ये विपक्षी एकता नहीं, पक्षी एकता है। आरसीपी ने कहा कि पटना में केसीआर आए उठ-बैठ होती रही। बिहार की जनता ने उनपर विश्वास किया और उन्होंने सबको धोखा दिया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार पर उम्र हावी हो गया है। सिर्फ समय काट रहे हैं।

‘अंड-बंड बोलते रहता है, उसको बिहार का ABC पता है’, सवाल सुनते ही गरमा गए CM नीतीश
इस दौरान आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार पर निजी और तीखे हमले किए। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को विकसित प्रदेश बनाने के लिए जनता ने जनादेश दिया लेकिन वे दिल्ली पहुंचे हुए हैं। उन्होंने खुद के बारे में कहा कि मैं किसी का एजेंट नहीं हूं, मेरा बैकग्राउंड पता है सबको। जिसके साथ रहता हूं, पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ रहता हूं। प्रधानमंत्री का उम्मीदवार बनने में क्या दिक्कत है लेकिन धोखा किसे दे रहे हैं? आरसीपी ने कहा कि नीतीश कुमार ने क्या किया है, किसी अन्य प्रदेश के लिए? नीतीश कुमार समय काट रहे हैं।

तू-तड़ाक पर उतर गए नीतीश कुमार
आरसीपी के इस बयान के बाद नीतीश कुमार ने आपा खो दिया और तू-तड़ाक पर उतर गए। जैसे ही पत्रकारों ने आरसीपी सिंह के बारे में सवाल किया, तो नीतीश कुमार बौखला गए। पत्रकारों के सवाल सुनते ही नीतीश कुमार ने कहा ‘धत्त… उसका क्या नाम ले रहे हैं, उ कौंची है? अरे क्या बात करते हैं आप लोग, आप लोगों को इ भी पता नहीं है उसको बनाया कौन राजनीति में, लाया कौन राजनीति में… उ तो आईएएस था, कौन बनाया था उसको अपना प्राइवेट सेक्रेट्री। हम कहां से कहां बनाए, छोड़िये न, उसको पार्टी में हम इतना दिए, और राजनीति में भी उसको जगह दिया। उसको अपनी जगह पर अध्यक्ष बना दिए, उ पूरा का पूरा भाजपा के हाथ में चला गया, तs उसको हटा दिए।’

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बिहार के मुख्यमंत्री यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा ‘उ क्या बोलता है, उसके बोलने का कोई मतलब है, उ कहां से राजनीति में आया, कौन लेकर आया। अब उ क्या-क्या बोलता रहता है। तरह-तरह की बात बोलता रहता है। उस आदमी के बारे में तो आपको लोगों को पूछना भी नहीं चाहिए। उसकी हैसियत क्या है? अरे उ बोलता है तो बोलने न दीजिए उसको। अरे सुन लीजिए, वो बीजेपी के अंदर था। अब उ चला गया, जाने दीजिए उसको। उसका क्या वैल्यू है? आप लोग ई सब छोड़िए। उसके बारे में चर्चा भी मत करिए।’

पीके का स्लोवर बाउंसर और आपा खो बैठे नीतीश कुमार
मंगलवार देर शाम चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर सियासी स्लोवर बाउंसर मारा। पीके का स्लोवर बाउंसर देख नीतीश कुमार आपा खो बैठे और दिल्ली में ही गरमा गए। दरअसल, प्रशांत किशोर ने भविष्यवाणी कर दी कि 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार का मौजूदा महागठबंधन टूट जाएगा। पीके ये भी कह चुके हैं कि नीतीश कुमार आगे भी पाला बदल सकते हैं, उनका कोई ठिकाना नहीं है। प्रशांत किशोर का कहना है कि बिहार की दुर्दशा के लिए नीतीश कुमार ही जिम्मेवार हैं। जब यही बात दिल्ली में पत्रकारों ने नीतीश कुमार से पूछा तो गरमा गए।

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उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर की बात का कोई मतलब है। उसको बिहार का ABC भी मालूम है? अगर वह कोई बात बोलता है तो समझ लीजिये उसका मन बीजेपी के साथ रहने का होगा, बीजेपी को मदद करने का होगा। नीतीश कुमार ने कहा कि वो आदमी तो मेरे साथ आया था न। बाद में हम सुझाव दिए कि ये सब काम छोड़िये लेकिन नहीं माने। दूसरा-दूसरा देश भर में कितना पार्टी का काम करते रहे। उसका ई धंधा है। बिहार में जो उ अपना करना चाहता है, करे न भाई। उसके स्टेटमेंट का कोई अर्थ नहीं है।

नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर पर निशाना साधते हुए कहा कि उनको पता है? ABC मालूम है? बिहार में क्या काम हुआ है। ई लोग को मालूम है कि अपना पब्लिसिटी लेने का, स्टेटमेंट देने का। ई सबका एक्सपर्ट है। वही सब अंड-बंड बोलता रहता है। कोई मतलब है उसकी बात का। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर पर बीजेपी की मदद करने का आरोप लगाया। नीतीश कुमार ने कहा कि आप जान लीजिए। अगर कोई इस तरह की बात बोलता है तो आप समझ लीजिये कि मन होगा कुछ। बीजेपी के साथ रहने का मन होगा। बीजेपी का भीतर से मदद करने वाला मन होगा।

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पीके का पलटवार और फेविकोल की एंट्री
इधर, नीतीश कुमार के बयान पर निशाना साधते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर फेविकोल कंपनी वाले मुझसे मिलेंगे तो मैं उनको सलाह दूंगा कि नीतीश कुमार को अपना ब्रांड एंबेसडर बना लें। कुर्सी से गजब चिपके हैं। पीके ने कहा कि किसी की भी सरकार हो, लेकिन वो कुर्सी से चिपके रहते हैं। प्रशांत किशोर ने कहा कि एक महीने पहले तक 90 डिग्री के कोण पर झुक कर वो प्राणाम कर रहे थे, वो अगर किसी को बीजेपी की बी टीम कह रहे हैं तो ये हास्यास्पद है। आप खुद उनके साथ थे और कल फिर से कहां जाएंगे कोई नहीं जानता। प्रशांत किशोर ने ये भी कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि बिहार की हालिया राजनीतिक घटना का राष्ट्रीय राजनीति पर कोई असर नहीं पड़ेगा। मतलब साफ है नीतीश कुमार विपक्ष जोड़ो अभियान पर जरूर है, लेकिन राष्ट्रीय राजनीति पर कई असर नहीं होगा। यही नहीं, नीतीश कुमार का बोलने का जो अंदाज है, उससे व्यक्तिगत तौर पर नीतीश को ही नुकसान है। क्योंकि अभी से लोग कहने लगे हैं कि जब से यार बदला है, तब से व्यवहार भी बदल गया है।

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नीतीश की बोली में आ चुका है चिड़चिड़ापन
नीतीश सरकार में मंत्री रहे बीजेपी नेता सम्राट चौधरी ने कहना है कि नीतीश कुमार इन दिनों मानसिक तौर पर तनाव में हैं। नीतीश कुमार को भी पता है कि वो 2024 तो क्या कभी प्रधानमंत्री नहीं बन सकते हैं। लेकिन आरजेडी और कांग्रेस ने नीतीश कुमार को चने के झाड़ पर चढ़ाकर 2024 के लिए पीएम पद का सब्जबाग दिखाते हुए विपक्ष की एकजुटता की मुहिम में लगा दिया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को अब आरजेडी कांग्रेस के खेल का पता लग चुका है। इसलिए उनके चेहरे पर तनाव, बॉडी लैंग्वेज में झल्लाहट और बोली में चिड़चिड़ापन आ चुका है।

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