सियासत की शाप कथा: जया बच्चन ने बीजेपी को दिया, तब इंदिरा गांधी को किसने कहा था- वही हाल होगा जो…

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सियासत की शाप कथा: जया बच्चन ने बीजेपी को दिया, तब इंदिरा गांधी को किसने कहा था- वही हाल होगा जो…

नई दिल्ली
आपने पढ़ा या सुना जरूर होगा कि एक बार ऋषि दुर्वासा ने शाप दिया तो इंद्र का राजपाट चला गया था। आगे समुद्र मंथन हुआ, इसकी पूरी कथा आप गूगल पर पढ़ सकते हैं या बड़े-बुजुर्गों से सुन सकते हैं। खैर, आज बात राजनीति में शाप की करते हैं। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले संसद का शीतकालीन सत्र काफी गरम है। शादी, चुनाव सुधार जैसे तमाम बिलों के बीच लखीमपुर खीरी, किसान के मुद्दे गूंज रहे हैं। हंगामा इतना बढ़ा कि सपा सांसद जया बच्चन ने संसद में ही शाप दे दिया। राज्यसभा में अपने खिलाफ निजी टिप्पणी से आहत जया ने भाजपा के सांसदों को शाप दे दिया कि जल्द ही उनके बुरे दिन आने वाले हैं।

आक्रोशित बच्चन ने आसन से कह दिया कि उन्हें निष्पक्ष होना चाहिए। उन्होंने विपक्ष की आवाज को दबाए जाने का आरोप भी लगाया। दरअसल, एक विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए जया बच्चन ने 12 विपक्षी सदस्यों के निलंबन का मुद्दा उठाना चाहा और आसन पर बैठे पीठासीन अध्यक्ष भुवनेश्वर कालिता का नाम लिए बिना उनके बारे में कोई परोक्ष टिप्पणी की। भाजपा के सदस्य राकेश सिन्हा ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए इस पर आपत्ति जताई। सिन्हा ने कहा कि जया बच्चन की टिप्पणी आसन पर सवाल उठाने वाली है।

इस पर पीठासीन अध्यक्ष ने कहा कि वह रेकॉर्ड देखकर निर्णय करेंगे। हालांकि इसके बावजूद जया बच्चन अपनी बात रखती रहीं। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब देश में कई सारे गंभीर मुद्दे हैं, सदन ने एक ‘लिपिकीय गलती’ को दुरुस्त करने के लिए तीन-चार घंटे चर्चा का समय आवंटित किया है। हंगामे के बीच ही उन्होंने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ किसी सदस्य ने निजी टिप्पणी की है और इस मुद्दे पर उन्होंने आसन का संरक्षण मांगा।

आप लोगों के बुरे दिन आएंगे…. जया ने दिया शाप
बच्चन ने कहा, ‘वह कैसे सदन में निजी टिप्पणी कर सकते हैं…आप लोगों के बुरे दिन आएंगे…मैं शाप देती हूं।’ हालांकि बच्चन पर क्या निजी टिप्पणी की गई थी यह हंगामे की वजह से नहीं सुना जा सका।

उत्तर प्रदेश में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं। भाजपा और समाजवादी पार्टी के नेता एक-दूसरे पर तीखे हमले कर रहे हैं। संसद में यह ‘शाप प्रकरण’ ऐसे समय हुआ जब उसी दिन जया बच्चन की पुत्रवधू और अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन 2016 के ‘पनामा पेपर्स’ लीक प्रकरण से जुड़े एक मामले में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समक्ष पेश हुईं। बताया जा रहा है कि ऐश्वर्या राय बच्चन से विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (फेमा) के प्रावधानों के तहत पूछताछ की गई। सोशल मीडिया पर कुछ लोग जया की नाराजगी के पीछे ईडी ऐंगल का तर्क दे रहे हैं।

जब अखिलेश यादव को दिया शाप, सत्ता में नहीं लौटेंगे
खैर, यह पहला मामला नहीं है जब भारतीय राजनीति के फलक पर शाप चर्चा में आया हो। ज्यादा दिन नहीं हुए, नवंबर में सोनम किन्नर को यूपी सरकार ने राज्य किन्नर कल्याण बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाया और राज्यमंत्री का दर्जा दे दिया। सोनम ने सीएम योगी को धन्यवाद देते हुए सपा मुखिया अखिलेश यादव को शाप दे दिया। उन्होंने कहा कि सपा की साइकिल पंचर हो गई है और मेरा अखिलेश यादव को शाप है अब वह कभी अपने जीवन में सत्ता में नहीं लौटेंगे। उन्होंने यहां तक कह दिया कि सपा के नेता 2022 चुनाव के बाद सड़क पर साड़ी पहनकर ढोलक बजाने का काम करेंगे।

साधुओं पर फायरिंग से नाराज करपात्री महाराज ने इंदिरा को दिया शाप
इससे पहले का अतीत खंगालें तो 1965-66 का एक किस्सा मिलता है। नवंबर के महीने में एक लाख साधुओं ने गोहत्या बंद कराने और गोरक्षा पर सख्त कानून की मांग के साथ संसद को घेर लिया। पहली बार इतनी बड़ी संख्या में लोग संसद पहुंचे थे। भीड़ संसद में घुसने की कोशिश कर रही थी, पुलिस ने रोकने के लिए आंसू गैस और लाठियों का इस्तेमाल किया। लोग नहीं माने तो पुलिस ने फायरिंग कर दी। 7 लोगों की मौत और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए। सेना आई और कर्फ्यू लगा दिया गया।

संसद घेराव के दो दिन बाद इंदिरा गांधी ने गृह मंत्री गुलजारी लाल नंदा को हटा दिया था। लेकिन गांधी परिवार में खूब सम्मान पाने वाले स्वामी करपात्री महाराज साधुओं पर फायरिंग की घटना से इतने नाराज हुए उन्होंने इंदिरा को शाप दे दिया। उनका कहना था कि इंदिरा गोहत्या रोकने पर अपना वादा पूरा नहीं किया। करपात्री महाराज ने शाप दिया कि जैसे इंदिरा गांधी ने साधुओं पर फायरिंग कराई है, वैसा ही हाल उनका भी होगा।

पिछले लोकसभा चुनाव के समय एक कार्टून भी काफी चर्चा में रहा था। राजेंद्र धोड़पकर ने कार्टून बनाया था जिसमें एक तरफ भगवा चोला पहने साधु कहता है- मुझे वोट नहीं दिया तो शाप दे दूंगा… दूसरी तरफ भीड़ है, जो हा-हा हा-हा कर हंस पड़ती है।



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