सफदरजंग अस्पताल का कमाल, 20 देशों के 2179 सर्जन ने लाइव देखा रोबोटिक किडनी ट्रांसप्लांट
सफदरजंग अस्पताल के यूरोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी और किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन डॉक्टर अनूप कुमार ने बताया कि रोबोट से किडनी ट्रांसप्लांट की यह सर्जरी और लाइव प्रसारण काफी सफल रही। देश में पहली बार इतने बड़े स्तर पर रोबोट से लाइव सर्जरी का प्रसारण किया गया था। इस लाइव सर्जरी को 52 मेडिकल कॉलेज और 20 देशों के 2179 यूरोलॉजिस्ट ने देखा, जिसमें 1200 के आसपास भारत से हैं, जबकि बाकी दूसरे देशों के हैं। मंडाविया ने ट्वीट किया कि भारत रोबोटिक्स टीचिंग और ट्रेनिंग के मामले में वर्ल्ड लीडर के रूप में उभर रहा है।
रोबोटिक किडनी ट्रांसप्लांट के कई फायदे
डॉक्टर अनूप ने कहा कि रोबोटिक सर्जरी से सबसे बड़ा फायदा यह है कि स्विचरिंग (स्टीचिंग) बहुत बेहतर होती है, कॉम्पिलकेशन कम होते हैं। रिजल्ट बेहतर होते हैं। ओपन सर्जरी में मरीज चार दिनों में चलता है, तो इसमें 2 दिन में ही चलने लगता है। मरीज 7 से 10 दिनों के बजाय सिर्फ 4 दिनों में हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हो जाता है। पूरी तरह से रिकवर होने में 3 से 4 हफ्ते लगते हैं, लेकिन रोबोटिक सर्जरी में एक से दो हफ्ते में ही मरीज पूरी तरह से रिकवर हो रहे हैं। अब तक किए गए सभी 50 रोबोटिक ट्रांसप्लांट 100% सफल रहे हैं और मरीज सर्जरी के बाद अपने रूटीन काम पर लौट चुके हैं। 50वें मरीज को भी सोमवार को अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी।
गौरतलब है कि सफदरजंग में किडनी ट्रांसप्लांट में कोई वेटिंग नहीं है। यहां पर अब तक एक हजार से ज्यादा ट्रांसप्लांट किए जा चुके हैं। सर्जरी पूरी तरह से फ्री है और इलाज के बाद दवा भी अस्पताल फ्री में उपलब्ध कराता है। अस्पताल से छुट्टी होने के बाद भी मरीजों को अस्पताल से ही फ्री दवा दी जाती है।