सनातन की कोरोना-डेंगू से तुलना, उदयनिधि स्टालिन पर भड़के यूपी के संत और हिंदुत्ववादी नेता

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सनातन की कोरोना-डेंगू से तुलना, उदयनिधि स्टालिन पर भड़के यूपी के संत और हिंदुत्ववादी नेता

सनातन की कोरोना-डेंगू से तुलना, उदयनिधि स्टालिन पर भड़के यूपी के संत और हिंदुत्ववादी नेता

गाजियाबाद: विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के वरिष्ठ नेता विजय शंकर तिवारी ने रविवार को डीएमके नेता और मंत्री उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म के खिलाफ बयान की निंदा की। उन्होंने कहा कि उदयनिधि जैसे लोगों को अपनी औपनिवेशिक मानसिकता छोड़ने की ज़रूरत है। शनिवार को एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए तमिलनाडु सरकार में खेल और युवा मामलों के मंत्री उदयनिधि ने ‘सनातन’ (सनातन धर्म) की तुलना “मच्छर, डेंगू, मलेरिया, बुखार और कोरोना” से की। उन्होंने कहा कि इसे भी इन बीमारियों की तरह ही खत्म किया जाना चाहिए।

रविवार को एएनआई से बात करते हुए वीएचपी के केंद्रीय संयुक्त सचिव तिवारी ने कहा कि ऐसे लोगों को अपनी औपनिवेशिक मानसिकता से बाहर निकलना चाहिए। ‘सनातन’ का अर्थ है जो शाश्वत है। यह युगों से विकसित हुआ है और विकसित होता रहेगा।” शनिवार को चेन्नै में सनातन धर्म के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उदयनिधि ने कहा था कि कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें खत्म ही कर देना चाहिए। हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते, हमें इन्हें खत्म करना होगा। हमें सनातन (सनातन धर्म) को मिटाना है। केवल सनातन का विरोध करने के बजाय, इसे खत्म करना चाहिए।

इस पर तीखा जवाब देते हुए हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि ने विपक्षी गठबंधन INDIA को विवाद में घसीटते हुए कहा, “सनातन धर्म’ सदियों से अस्तित्व में है और अनुयायियों के दिल और दिमाग में जीवित रहेगा। INDIA गुट के नेता सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नहीं बल्कि सनातन धर्म के खिलाफ लड़ रहे हैं। उनका उद्देश्य हमारे सनातन धर्म को खत्म करना है। हम उनकी (उदयनिधि की) राजनीतिक विचारधारा या मान्यताओं के खिलाफ कभी नहीं बोलते हैं। हम ईसाई धर्म या इस्लाम पर टिप्पणी नहीं करते हैं। ऐसे में वे ‘हिंदू सनातन’ को क्यों निशाना बना रहे हैं?”

अखाड़ा परिषद हरिद्वार के अध्यक्ष और आध्यात्मिक नेता रवींद्रपुरी ने मांग की कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और उदयनिधि के पिता एमके स्टालिन को उन्हें मंत्रिमंडल से निकाल देना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्टालिन का बयान निंदनीय है। सनातन प्राचीन है, सनातन है। यह बयान केवल वोट-बैंक की राजनीति के उद्देश्य से है। हम अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की ओर से सीएम स्टालिन से ऐसे मंत्रियों को जल्द से जल्द बर्खास्त करने का आग्रह करेंगे। उनके नाम में ‘उदय’ शब्द ‘प्रारंभ’ शब्द का पर्याय है, जो सनातन धर्म का दूसरा नाम है इसलिए, अपने तर्क के अनुसार, उन्हें पहले अपना नाम बदलना चाहिए।

डीएमके नेता की टिप्पणी पर निशाना साधते हुए आध्यात्मिक गुरु आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा, “‘सनातन धर्म’ को खत्म नहीं किया जा सकता है। यह सदियों से अस्तित्व में है और आगे भी रहेगा। वह (उदयनिधि स्टालिन) ‘सनातन धर्म’ का वास्तविक अर्थ नहीं समझते हैं। उन्होंने जो भी कहा वह बिल्कुल गलत है।” इससे पहले, भाजपा के तमिलनाडु प्रमुख के अन्नामलाई ने द्रमुक नेता पर उनके बयान को लेकर निशाना साधा था और उन पर “ईसाई मिशनरियों से खरीदे गए विचार” को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था।

अन्नामलाई ने एक्स पर अपने आधिकारिक हैंडल पर पोस्ट किया, “गोपालपुरम परिवार का एकमात्र संकल्प राज्य जीडीपी से अधिक संपत्ति जमा करना है। उदय स्टालिन आपके या आपके पिता के पास एक खरीदा हुआ विचार है।

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