श्रद्धालुओं के लिए लंगर, पैरों में लगा रहे मेहंदी… नूंह के इन गांवों में हिंदुओं की सेवा कर रहे मुस्लिम

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श्रद्धालुओं के लिए लंगर, पैरों में लगा रहे मेहंदी… नूंह के इन गांवों में हिंदुओं की सेवा कर रहे मुस्लिम

श्रद्धालुओं के लिए लंगर, पैरों में लगा रहे मेहंदी… नूंह के इन गांवों में हिंदुओं की सेवा कर रहे मुस्लिम

नूंह: शोभा यात्रा के दौरान नूंह शहर के अलावा बडकली चौक, सिंगार गांव में भले ही हिंसा देखने को मिली हो, लेकिन जिले के ही राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे बिछोर एवं नीमका गांव में आज भी भाईचारे की अटूट मिसाल सामने आ रही है। हिंदू समाज के लोग 84 कोस परिक्रमा लगा रहे लोगों के लिए मुस्लिम समाज के लोग भंडारे का आयोजन कर रहे हैं। इतना ही नहीं पैदल चलने वाले हिंदू समाज के लोगों के पैरों में जब छाले पड़ जाते हैं तो उनमें मेहंदी लगाने का काम मुस्लिम समाज के लोग कर रहे हैं। इसी अमन के चमन के लिए मेवात दुनिया भर में जाना जाता था, लेकिन नूंह दंगों के बाद मेवात की छवि को गहरा आघात लगा है।

भले ही नूंह शहर के अलावा इलाके के कई शहरों-गांव में डरने वाली तस्वीर देखने को मिला हो, लेकिन ब्रज परिक्रमा के अंदर आने वाले नीमका तथा बिछोर गांव में आज भी मन को सुकून देने वाली तस्वीरें देखने को मिल रही हैं। इसका न केवल दोनों समाज के लोग दिल खोलकर स्वागत कर रहे हैं बल्कि उपायुक्त एवं पुलिस अधीक्षक नूंह ने भी बृज परिक्रमा की कई दिन पहले जमकर तारीफ की थी। कुल मिलाकर नूंह जिला हमेशा आपसी भाईचारे के लिए जाना जाता है, लेकिन कुछ शरारती व बाहरी तत्वों ने आकर इस इलाके के अमन के चमन में आग लगा दी और सदियों पुराने भाईचारे को खराब कर दिया।

सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे
फिर से लोग पुराने भाईचारे को वापस लौटाने के लिए एक-दूसरे से मिल रहे हैं और बिछोर तथा नीमका गांव में मुस्लिम समाज के लोग हिंदू समाज के लोगों की सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। जब दोनों समुदाय के लोगों से नवभारत टाइम्स ऑनलाइन की टीम ने बातचीत की तो दोनों ने ही राहत देने वाले बयान दिए। उन्होंने कहा कि भले ही नूंह शहर व कुछ अन्य इलाकों में हिंदू-मुस्लिम के बीच झगड़े की खबरें देखने व सुनने को मिली, लेकिन इस इलाके तक उस झगड़े की आंच नहीं पहुंची और आज भी बिना किसी व्यवधान के बृज परिक्रमा पूरे जोश में उत्साह तथा उमंग के साथ निकाली जा रही है। न केवल खाने-पीने बल्कि ठहरने से लेकर सभी प्रकार के इंतजाम में मुस्लिम समाज, हिंदू समाज की मदद कर रहा है।

क्या कहते हैं गांव के सरपंच
गांव बिछौर के सरपंच इम्तियाज खान ने बताया कि मेवात के गांव बिछौर और नीमका में चौरासी कोस की परिक्रमा के चलते सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचे हुए हैं । इन श्रद्धालुओं की सुविधा का गांव में विशेष तौर पर ध्यान रखा जा रहा है। ग्रामीणों द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अलग-अलग स्थानों पर शिविर लगाए हैं। इतना ही नहीं, श्रद्धालुओं के खाने-पीने तथा रुकने आदि की व्यवस्था भी ग्रामीणों द्वारा की गई है। ग्रामीणों द्वारा श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था अपने घर में की गई है और श्रद्धालु चैन की नींद सो रहे हैं। इन श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा ना हो इसके लिए हर पहलू का ध्यान रखा जा रहा है। इम्तियाज ने बताया कि गांव बिछौर हिंदू मुस्लिम भाईचारे का प्रतीक समझा जाता है और यहां के लोग दिल खोलकर अपने हिंदू भाइयों का स्वागत करते हैं।

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