शादी करना सेटल होने का सक्‍सेसफुल फॉर्मूला नहीं, मुझे नहीं लगता मैं कभी सात फेरे लूंगा: तुषार कपूर

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शादी करना सेटल होने का सक्‍सेसफुल फॉर्मूला नहीं, मुझे नहीं लगता मैं कभी सात फेरे लूंगा: तुषार कपूर

‘मुझे कुछ कहना है’, ‘गायब’, ‘खाकी’, ‘क्या कूल हैं हम’, ‘गोलमाल’, और ‘द डर्टी पिक्चर’ जैसी फिल्मों के ऐक्‍टर और प्रड्यूसर तुषार कपूर (Tusshar Kapoor) अपने बैचलर डैड होने के फैसले के बाद से काफी चर्चा में हैं। अब तकरीबन 6 साल बाद तुषार ने अपने कुंवारा बाप (Single Parent) बनने के सफर को किताब ‘बैचलर डैड’ (Bachelor Dad) का रूप दिया है। नवभारत टाइम्‍स से खास बातचीत में तुषार ने न सिर्फ अपनी पर्सनल लाइफ में झांकने का मौका दिया, बल्‍क‍ि अपने बैचलर बाप होने के तमाम पहलुओं पर भी बात की है। तुषार बेधड़क अंदाज में कहते हैं कि शादी करना लाइफ में सेटल होने का कोई सक्‍सेफुल फॉर्मूला नहीं है। उन्‍होंने यह भी बताया कि फिल्‍ममेकर प्रकाश झा ने उन्‍हें सरोगेसी से पिता बनने का रास्‍ता सुझाया था। तुषार कहते हैं कि वह शायद कभी शादी नहीं करेंगे, हालांकि बात भविष्‍य की है, इसलिए वह पुख्‍ता तौर पर कुछ भी नहीं कह सकते हैं।

महामारी में सिंगल फादर होने के नाते फादरहुड आपके लिए कितना चुनौतीपूर्ण रहा?
-चुनौतीपूर्ण तो था ही। हम लोग होम स्कूलिंग कर रहे थे, जिसमें हमें 3 साल के बच्चे से सारा काम करवाना था। मेरे बेटे लक्ष्य को भी इसमें एडजस्ट होने में टाइम लगा। काफी मेहनत की मैंने, लेकिन फिर मजा आने लगा। फिर जब ऑनलाइन स्कूलिंग हुई, तो टीचर ऑनलाइन आने लगी। उसमें मुझे अपना आधा दिन देना पड़ता था। महामारी के पहले भी मैं अपने बेटे के साथ काफी वक्त बिताया करता था। पहले मैं उसे पार्क या प्ले हाउस लेकर जाया करता था, मगर कोरोना में उसे घर पर संभालना पड़ा। अक्सर लोग मुझसे पूछते कि पेंडेमिक में पेरेंटिंग मेरे लिए कैसी रही या पिता होने की जर्नी को मैं कैसे निभा रहा हूं, तो ये सब मैंने अपनी किताब ‘बैचलर डैड’ में लिखा है।

आपको सरोगेसी का ख्याल कहां से आया? एक फिल्म स्टार होने के नाते आपने जब सरोगेसी के जरिए पिता बनने का फैसला किया, तो यह निर्णय आपके लिए कितना मुश्किल था?
-आसान तो बिल्कुल नहीं था। मैं जब यह फैसला ले रहा था, तब मेरे अंदर भी एक झिझक तो थी ही और ये सोच भी कि लोग इसे कैसे लेंगे? मुझे थोड़ा-सा डाउट तो था, मगर फिर मैंने सोचा कि अगर मैं यह चाहता हूं और इसकी जिम्मेदारी लेने को तैयार हूं, तो मुझे ये नहीं सोचना चाहिए कि लोग क्या कहेंगे? असल में तिरुपति में मेरी मुलाकात प्रकाश झा (निर्माता-निर्देशक) से हुई थी। उन्होंने मुझे वहां एक ऐसे परिवार से मिलवाया, जो एक सिंगल मॉम हैं और जिन्होंने सरोगेसी के जरिए मां बनने का फैसला किया था, तो प्रकाश जी ने मुझे सलाह दी कि अगर मैं अपने बायोलॉजिकल बच्चे की इच्छा रखता हूं, तो सरोगेसी का रास्ता अपना सकता हूं, वरना अडॉप्शन और दूसरे तरीके भी हैं। मुझे यह आइडिया भा गया और मैंने सरोगेसी के जरिए लक्ष्य को दुनिया में लाने का फैसला किया।


आपके माता-पिता (ऐक्‍टर जितेंद्र और फिल्‍ममेकर शोभा कपूर) आपके सरोगेसी के फैसले से खुश थे? आम तौर पर भारतीय पैरंट्स यही चाहते हैं कि उनकी संतान शादी करके सेटल हो जाए।
-उन्होंने मुझे हर तरह से सपोर्ट किया, क्योंकि जब मैंने यह फैसला किया, तब तक मैं 39 साल का होने वाला था। उन्हें ये बात समझ में आई कि मैं अपनी जिंदगी में अगर उस तरीके से सेटल होना चाहता हूं, तो उसमें कोई समस्या नहीं। वो ऐसे पैरंट्स हैं, जो मानते हैं कि सिर्फ शादी करके ही सेटल नहीं हुआ जाता। सिर्फ शादी ही जिंदगी में सेटल होने का सफल फॉर्मूला नहीं है। कई शादियां टूट जाती हैं, कई कपल दुखी रहते हैं। हालांकि दूसरे पैरंट्स की तरह वे भी चाहते थे कि मैं शादी करूं, मगर फिर उन्होंने मेरे फैसले को मान देते हुए सिर्फ इतना कहा कि मुझे एक सिंगल पिता होने की जिम्मेदारी उठानी पड़ेगी।

कुंवारे बाप के रूप में लक्ष्य के पालन-पोषण के दौरान कोई यादगार लम्‍हा?
-कई हैं, जिनका जिक्र मैंने अपनी किताब में भी किया है। मुझे याद है एक बार मैं शूटिंग के लिए जा रहा था और प्लेन में मेरे साथ लक्ष्य भी था। तब वह काफी छोटा था। जैसे है हवाई जहाज में बैठे, लक्ष्य ने जोर-जोर से रोना शुरू कर दिया। मैं उसे चुप करने की कोशिश करने लगा, मगर वो चुप ही नहीं हो रहा था। उस दिन प्लेन में मैं काफी पजल हो गया। वह लगातार रोए जा रहा था। उस वक्त पिता के तौर पर मैं भी उतना अनुभवी नहीं था। मुझे बाद में किसी ने कहा कि उसे शायद गर्मी लग रही होगी, जो वो इतना रो रहा था। फिर जैसे ही जहाज उड़ा उसने रोना बंद कर दिया। हम जब रामोजी पहुंचे, तो वहां वह शूटिंग पर भी मेरे साथ आता था और खाली वक्त में मैं उसके साथ रामोजी में खूब वक्त बिताता था। लॉकडाउन में होम स्कूलिंग का पहला दिन था, जब मुझे उसे एक स्टोरी बतानी थी और उसे उस स्टोरी के बारे में क्लास में बताना था। उसने अचानक ऑनलाइन क्लास बंद कर दी और अपना कार्टून शुरू करके देखने लगा। होम स्कूलिंग की शुरुआत में वो थोड़ा शरारती था। मुझे उसे हैंडल करना पड़ता था। मगर हाल ही में स्कूल शुरू होने के बाद जब उसे हर सब्जेक्ट में एक्सलेंट मिला, तो बाप के रूप में मेरी छाती चौड़ी हो गई। एक बार का और याद है, जब बारिश का मौसम था और वह गार्डन में भीग गया था। जब उसे बुखार आया, तो हम सब बहुत घबरा गए, हड़बड़ी में बुखार चेक किया तो 102 डिग्री दिखा, असल में बुखार 100.2 था, मगर उस दिन हम लोग काफी डर गए थे। मुझे लगा मेरी गलती के कारण वो बीमार पड़ा, फिर मैं बहुत बीमार हो गया, मुझे चोट भी लग गई थी। मेरी फिल्म की शूटिंग भी शुरू होने वाली थी। वो यकीनन मुश्किल भरा समय था।

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भविष्य में क्या आप शादी के बंधन में बंधेंगे? लक्ष्य को एक मां देना चाहेंगे?
-वैसे तो मुझे नहीं लगता कि मैं शादी करूंगा, मगर मैं ये भी नहीं कहता कि ऐसा हो नहीं सकता। हो सकता है, मुझे कोई लाइफ पार्टनर मिल जाए, तो संभावना हो सकती है। मगर फिलहाल मैं शादी के बारे में नहीं सोच रहा। मुझे नहीं लगता कि मुझे परिवार को पूरा करने के लिए शादी करनी चाहिए। मुझे तो अपना परिवार कंप्लीट ही लगता है। मेरा बेटा खुशहाली में बड़ा हो रहा है, उसे कभी लगा नहीं कि जिंदगी में कुछ कमी है? मैं भविष्य को लेकर ज्यादा प्लानिंग करता नहीं हूं। मुझे भगवान ने जितना दिया है उससे मैं खुश हूं। फिलहाल लक्ष्य ही मेरी प्राथमिकता है।

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आपके लिए सबसे बड़ा सपोर्ट सिस्टम क्या रहा है?
-मेरा सपोर्ट सिस्टम मैं खुद हूं। खान -पान और स्टाफ के मामले में मेरी मॉम मुझे हेल्प करती हैं। उसके अलावा तो मैं सब कुछ खुद करता हूं। मैंने ऑनलाइन प्लैटफॉर्म पर पैरेंटिंग को लेकर बहुत कुछ सीखा है। लक्ष्य जब घर आया था, तो उसकी [पिछली रात को मैं सो नहीं पाया था और जब मैंने उसे अपने हाथों में लिया, तो वह अहसास बहुत अद्भुत था। मगर पूरा डेढ़ साल मेरे साथ एक नैनी रही, जिसने मुझे डायपर चेंज कराने से लेकर दूध पिलाने तक सबकुछ सिखाया। मेरी गर्लफ्रेंड हैं, जो मॉम्स हैं, उनसे भी मदद मिली। फादरहुड के दौरान मुझसे भी काफी गलतियां हुई हैं, मगर मैंने उनसे काफी कुछ सीखा।

आपके आगामी प्रॉजेक्ट्स?
-ओटीटी पर जल्द ही मेरी एक फिल्म आएगी। यह एक थ्रिलर मूवी है, जिसके बारे में मैं ज्यादा बात नहीं कर सकता। उसके अलावा एक वेब शो भी कर रहा हूं, वो भी थ्रिलर है। यह इजराइली शो का रीमेक है।





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