शरद पवार पर क्यों भड़के शिवसेना नेता अनंत गीते, कहा- पीठ में छुरा घोंपने वाले हमारे गुरु नहीं हो सकते

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शरद पवार पर क्यों भड़के शिवसेना नेता अनंत गीते, कहा- पीठ में छुरा घोंपने वाले हमारे गुरु नहीं हो सकते

महाराष्ट्र में शिवसेना भले ही कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार चला रही है, लेकिन अंदरखाने ऑल इज वेल नहीं लगता। पूर्व केंद्रीय मंत्री और शिवसेना के वरिष्ठ नेता अनंत गीते के बयान से तो यही संकेत मिलताहै। अनंत गीते ने सोमवार को शरद पवार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पीठ में छुरा घोंपने वाले शरद पवार हमारे गुरु नहीं हो सकते। अनंत गीते ने कहा कि अपनी पार्टी बनाने के लिए कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंपने वाले एनसीपी प्रमुख शरद पवार शिवसैनिकों के लिए ‘गुरु’ नहीं हो सकते। उन्होंने यह भी कहा कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन वाली महाविकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार सिर्फ एक ‘समझौता’ है। 

पवार को महाविकास अघाड़ी सरकार का वास्तुकार और धुरी माना जाता है, जो 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद शिवसेना और भाजपा के बीच संबंधों में खटास के बाद सत्ता में आई। शिवसेना और भाजपा ने 2014 से 2019 तक सत्ता साझा की थी। अपने गृह क्षेत्र रायगढ़ में सोमवार को एक जनसभा में गीते ने कहा, ‘शरद पवार कभी हमारे नेता नहीं हो सकते क्योंकि यह सरकार (एमवीए) केवल एक समझौता है। लोग पवार के लिए जितनी वाहवाही करें, लेकिन हमारे ‘गुरु’ केवल (दिवंगत) बालासाहेब ठाकरे हैं।’ गीते ने कहा, ‘जब तक यह सरकार काम कर रही है, तब तक चलती रहेगी… अगर हम अलग हो गए तो हमारा घर शिवसेना है और हम हमेशा अपनी पार्टी के साथ रहेंगे।’ 

कहा- शिवसेना पूरी तरह कांग्रेस की नीति पर नहीं चलेगी

पूर्व सांसद गीते ने कहा कि शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार के प्रति उनकी कोई ‘बुरी मंशा’ नहीं है और वह चाहते हैं कि सरकार चले। शिवसेना नेता ने कहा, ‘पवार ने कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंपकर अपनी पार्टी बनाई थी। यदि कांग्रेस और एनसीपी एक नहीं हो सकते हैं तो शिवसेना भी पूरी तरह से कांग्रेस की नीति पर नहीं चल सकती। कांग्रेस और एनसीपी के रिश्ते हमेशा से सौहार्दपूर्ण नहीं थे।’ एनसीपी का गठन शरद पवार ने 25 मई, 1999 को किया था। तब उनके साथ पीए संगमा और तारिक अनवर भी आए थे।  

एनसीपी नेता से लोकसभा चुनाव हार गए थे अनंत गीते

उन्हें कांग्रेस से सोनिया गांधी के पार्टी के नेतृत्व करने के अधिकार पर विवाद के कारण निष्कासित कर दिया गया था। एनसीपी बाद में केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकारों का हिस्सा बनी, जिसमें पवार ने कृषि मंत्री के रूप में कार्य किया। महाराष्ट्र में भी कांग्रेस और एनसीपी ने 2014 तक सत्ता साझा की। गीते ने 2014 के चुनावों के बाद केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री के रूप में कार्य किया था, जब शिवसेना एनडीए का हिस्सा थी। गीते 2019 के लोकसभा चुनावों में एनसीपी प्रतिद्वंद्वी सुनील तटकरे से मामूली अंतर से हार गए थे। तटकरे की बेटी अदिति वर्तमान में एमवीए सरकार में राज्य मंत्री हैं। 

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