लोगों को राजेश खन्ना याद नहीं, मुझे भी भूल जाएंगे… विजय देवरकोंडा ने कही झकझोर देने वाली बात

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लोगों को राजेश खन्ना याद नहीं, मुझे भी भूल जाएंगे… विजय देवरकोंडा ने कही झकझोर देने वाली बात


लोगों को राजेश खन्ना याद नहीं, मुझे भी भूल जाएंगे… विजय देवरकोंडा ने कही झकझोर देने वाली बात

विजय देवरकोंडा ने ‘अर्जुन रेड्डी’ फिल्‍म से खूब सुर्ख‍ियां बटोरीं। साउथ इंडिया में कई सुपरहिट फिल्में दे चुके विजय अब हिंदी दर्शकों के बीच डेब्‍यू कर रहे हैं। उनकी फिल्‍म ‘लाइगर’ 25 अगस्‍त को रिलीज हो रही है। विजय देवरकोंडा की फैन फॉलोइंग जबरदस्‍त है। खसकर लड़कियों के बीच वह नए नैशनल क्रेज बन चुके हैं। नवभारत टाइम्‍स से खास बातचीत में विजय देवरकोंडा ने इस स्‍टारडम से लेकर बॉलीवुड वर्सेज साउथ की बहस पर भी बेबाक राय रखी। फिल्‍मी दुनिया के चकाचौंध और यहां मिलने वाले स्‍टारडम के बारे में बात करते हुए विजय देवरकोंडा ने बेहद झकझोर देने वाली बात कही है। वह कहते हैं, ‘लोगों को राजेश खन्‍ना को याद नहीं, वो एक दिन मुझे भी भूल जाएंगे।’

आपकी ज्यादातर पिछली साउथ फिल्में (अर्जुन रेड्डी, डियर कॉमरेड, गीता गोंविदम, टैक्सीवाला) बॉक्स ऑफिस पर अच्छी चली हैं, क्या ‘लाइगर’ को लेकर बॉक्स ऑफिस का दबाव महसूस कर रहे हैं?
-अभी तो में प्रमोशन्स इंजॉय कर रहा हूं। मुझे लगता है ये दबाव मुझे 24 अगस्त से सताएगा, जब अगले दिन मेरी फिल्म रिलीज होने वाली होगी। मैं अपनी इस फिल्म को लेकर काफी निश्चिंत हूं। फिल्म अच्छी बनी है। फिल्म का कैनवास बड़ा है। मैं जहां भी जा रहा हूं, लोग मुझे भरपूर प्यार दे रहे हैं, तो हमारी कोशिश यही है कि जो लोग हमें इतना प्यार दे रहे हैं, उनके लिए अच्छी फिल्म बनाना है।

विजय आप जहां भी जा रहे हैं, आपके क्रेजी फैंस का क्रेज देखने मिलता है। क्या कहना चाहेंगे?
-सच कहूं, तो मैं जहां भी जा रहा हूं, लोग मुझे बेतहाशा प्यार दे रहे हैं, मगर मैं समझ नहीं पा रहा कि मैंने ऐसा क्या खास कर दिया है, जो लोग मुझे इतना प्यार दे रहे हैं। मैं इसे भगवान का आशीर्वाद समझता हूं। हाल ही में मेरी एक फैन मुझसे मिलने आई और गले मिलकर फूट-फूट कर रो पड़ी। मेरी भी आंखें नाम हो गईं। एक फीमेल फैन अपने बैक पर मेरे नाम का टैटू लगवा कर आई थी, तो पटना में तो बेकाबू फैंस को देखते हुए हमें अपना इवेंट रद्द करना पड़ा था। फैंस जब मेरा नाम लेकर जोर-जोर से चिल्लाते हैं या रोने लगते हैं, तो मैं जज्बाती हो जाता हूं। मैं भी अपने फैंस को बहुत प्यार करता हूं और अपनी तरफ से प्यार अभिव्यक्त भी करता हूं। उन्हें हाय, आई लव यू कहता हूं, उनके साथ फोटो खिंचवाता हूं। किसी को झप्पी की जरूरत है, तो वो भी देता हूं। मैं मानता हूं कि फैन्स हैं, तो मैं हूं। मैं उनका एहसानमंद हूं, जो वो मुझे इतना प्यार देते हैं।

आम जिंदगी में तो आपकी अनगिनत फीमेल फैंस हैं, मगर कॉफी विद करन में बॉलिवुड की जाह्नवी कपूर और सारा अली खान जैसी फेमस ऐक्ट्रेस ने भी आपके प्रति अपने क्रश को बेबाकी से जाहिर किया, कैसा लगा आपको?
-अच्छा ही लगता है, जब कोई प्यार दिखाता है। मैं दोनों से मिला हूं। मैं उनसे ऑफिस में मिला था। दोनों ही बहुत स्वीट और प्यारी लड़किया हैं। मैं भी उनके प्रति लगाव और गर्मजोशी महसूस करता हूं।


आपके लिए इंडस्ट्री और असल जिंदगी का लाइगर कौन है?
-इंडस्ट्री का लाइगर तो मैं ही हूं। असल जिंदगी के लाइगर तो मेरे मॉम और डैड हैं। मेरे डैड मुझे बैठा कर प्रैक्टिकली और स्ट्रिक्ट्ली जिंदगी की क्लास दिया करते थे। वे मेरे फिलॉसफर हैं। मॉम ने मुझे अपने प्यार से सींचा है। मैं रोजाना काम के बाद घर पहुंचकर सबसे पहले अपनी मां से मिलता हूं। उनका हाल -चाल जानता हूं। फिर वो मेरे साथ गॉसिपिंग करना शुरू कर देती हैं। ये आंटी वो कर रही हैं, वो आंटी का क्या चल रहा है। हम लोग खूब हंसी-मजाक करते हैं मुझे भी अच्छा लगता है, जब काम के अलावा मैं अपनी मॉम से इधर-उधर की बातें करता हूं। वो मुझे अपने हाथों से बना स्वादिष्ट खाना खिलाती हैं। मैं इन दोनों के बगैर मैं अपनी जिंदगी की कल्पना नहीं कर सकता। वे दोनों मेरी जिंदगी के लायन और टाइगर हैं।

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अनन्या पांडे आपके लिए कैसी को-स्टार साबित हुई हैं?
-दो साल पहले हमने जब इस फिल्म की शूटिंग शुरू की थी,तब अनन्या बच्ची जैसी थी। नई थी, मगर उनमें सीखने का काफी जज्बा था। उन्हें अभिनय का हमेशा से बहुत शौक रहा है। वो तो बचपन से ही अभिनेत्री बनना चाहती थीं। यही वजह है कि वो हमेशा कुछ न कुछ सीखने की कोशिश करती हैं। पिछले दो साल में वे अभिनेत्री के रूप में संवर रही हैं। हम जब ये फिल्म शूट कर रहे थे, तब उनकी खाली पीली रिलीज हुई थी। उनकी गहराइयां में अभिनेत्री के रूप में उनके विकास को साफ देखा जा सकता है। अब वो व्यक्ति और एक लड़की के रूप में भी मच्योर हुई हैं। सेट पर क्राफ्ट को लेकर उनकी उत्सुकता कमाल की होती है। उन्होंने फिल्म में बहुत अच्छा काम किया है। मुझे लगता है, फिल्म के बाद उन्हें बहुत सारा प्यार मिलेगा लोगों का।


बॉलिवुड और साउथ की फिल्मों को लेकर जो बहस जारी है, उसके बारे में क्या कहना चाहेंगे?
-साउथ बेटर है या नॉर्थ बेहतर है, मैं इस डिबेट में रुचि नहीं रखता। मुझे ये वक्त जाया करने वाला डिस्कशन लगता है। मैं हैदराबाद से हूं, मगर जिस तरह मुझे बिहार, अहमदाबाद, मुंबई जाइए तमाम जगहों से प्यार मिला, तो मुझे लगा कि मुझे इनकी इज्जत करनी है और उनके लिए अच्छी फिल्म बनानी है, जिसे वो इंजॉय करें। हमारा यूथ हफ्ते भर अपनी पढ़ाई या अपने काम में कड़ी मेहनत करता है और उसके बाद वो वीकेंड पर अपने पैसे और समय खर्च करके थिएटर में आता है, तो हमारा फर्ज बनता है कि हम उनके लिए एक ऐसी फिल्म बनाएं, जो उन्हें एक मेमोरी दे। वे हमारी फिल्म के साथ अपना अच्छा वक्त बिता पाएं। हमारा काम वही है। मैं तो पहली बार मुंबई की मीडिया से बात कर रहा हूं। सभी लोग प्यारे हैं, मगर मुझे लगता है कि बहुत जल्दी ही ये आम हो जाएगा कि हर भाषा में कलाकार काम कर रहे हैं और हर मीडिया से कलाकार इंटरेक्ट कर रहे हैं।

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आपकी हिंदी दूसरी साउथ कलाकारों की तुलना में बेहतर है। इसका राज?
-मुझे लगता है, हिंदी में बात करना मैं मैनेज कर लेता हूं। इसका एक कारण मेरा हैदराबाद से होना भी है। जब मैं छोटा था, तो हिंदी फिल्में खूब देखा करता था। मैं हिंदी अच्छी तरह से समझ पाता हूं। हां, मेरा ग्रामर कई बार गलत हो जाता है। लाइगर के प्रमोशन के दौरान मैंने लगातार हिंदी में बात कर रहा हूं, तो अब मेरी हिंदी और ज्यादा इम्प्रूव हुई है।


कबीर सिंह (अर्जुन रेड्डी की रीमेक) शाहिद कपूर और कियारा आडवाणी के करियर की अहम फिल्म साबित हुई है। आपके लिए अर्जुन रेड्डी कितनी खास रही ?
-अर्जुन रेड्डी मेरे करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुई। दिलचस्प बात तो ये है कि कबीर सिंह ने भी मेरी जिंदगी में महत्वपूर्ण पार्ट अदा किया है। कबीर सिंह के बाद लोगों ने मुझे ढूंढना शुरू किया। उन्होंने मेरी अर्जुन रेड्डी देखी और मुझे एक नई पहचान मिली। मुझे बेहद खुशी है कि संदीप रेड्डी वांगा के निर्देशन में शाहिद और कियारा ने इसमें काम किया और फिल्म को इस लेवल तक ले गए।

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प्यार को लेकर आप क्या सोचते हैं? रश्मिका मंदाना के साथ आपके अफेयर्स की खूब अफवाहें हैं?
– मुझे लगता है, इस सवाल के लिए मैं सही व्यक्ति नहीं हूं। मगर इतना जरूर कहना चाहूंगा कि आपकी नियत सही होनी चाहिए। एक-दूसरे को सपोर्ट देना चाहिए। मुझे लगता है, प्यार में खुशी बहुत अहम है। जब तक आप अपने पार्टनर को खुशी दे पाते हैं, तब तक उसके परसेंटेज मापने का कोई मतलब नहीं। मुझ पर लिंकअप्स की अफवाहों का असर नहीं पड़ता। लोग जब आपको इतना पसंद करते हैं, तो आपके बारे में ज्यादा से ज्यादा पढ़ना चाहते हैं और न्यूज बनाने वाले खबरें बनाते हैं। अब न्यूज बनाना भी तो एक बिजनेस है। असल में ये पब्लिक फिगर होने की कीमत है, जो आपको चुकानी पड़ती है, मगर मुझे इससे कोई आपत्ति नहीं।


इतना स्टारडम हासिल करने के बावजूद क्या चीज है, जो आपको जमीन से जोड़े रखती है?
-यही सोच कि जिंदगी में सब कुछ टेंपरेरी है। कुछ भी स्थाई नहीं है। स्टारडम भी नहीं। लोग सबको भूल जाते हैं, एक दिन मुझे भी भूल जाएंगे। (हंसते हैं) इसे स्वीकार करना बहुत मुश्किल है, मगर यही सच है। एक समय इंडस्ट्री के पहले सुपर स्टार कहलाने वाले राजेश खन्ना को लेकर कितना जबरदस्त क्रेज था। उनको देखने के लिए कई किलोमीटर लंबी लाइन लगा करती थी। मगर ये जनरेशन तो उनको जानती नहीं कि वो कौन हैं? मैं भी आज रणवीर कपूर की बात करता हूं। देखिए, अभिनय मुझे बहुत पसंद है। ये मेरा घर भी चलाती है। मगर मैं अपनी जिंदगी को अपने परिवार और दोस्तों के साथ खुशी-खुशी बिताने में यकीन करता हूं।





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