लोकसभा चुनाव: धुर वैचारिक विरोधियों में का अखाड़ा बेगूसराय, अवेधश या गिरिराज; जनता किसे पहनाएगी ताज?

4
लोकसभा चुनाव: धुर वैचारिक विरोधियों में का अखाड़ा बेगूसराय, अवेधश या गिरिराज; जनता किसे पहनाएगी ताज?

लोकसभा चुनाव: धुर वैचारिक विरोधियों में का अखाड़ा बेगूसराय, अवेधश या गिरिराज; जनता किसे पहनाएगी ताज?

Lok Sabha Election 2024: राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जन्मभूमि बेगूसराय। मिथिला में आने वाला यह क्षेत्र गंगा के उत्तरी किनारे पर स्थित है। यहां का सिमरिया धाम विश्वप्रसिद्ध है, जहां कल्पवास मेले में हर साल देशभर के लोग आते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान राम ने लक्ष्मण और विश्वामित्र के साथ कार्तिक माह में पूरा एक महीना सिमरिया घाट पर बिताया था। श्रद्धालु हर साल सिमरिया घाट पर कुटिया बनाते हैं, जिसे ‘कल्पवास’ के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि इस अवधि में यहां गंगा स्नान से सभी पाप धुल जाते हैं। मिथिलांचल, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और नेपाल से तीर्थयात्री एक महीने के कल्पवास के लिए सिमरिया में गंगा तट पर एकत्र होते हैं। बेगूसराय में चौथे चरण में 13 मई को मतदान है।

बेगूसराय वामपंथी राजनीति का केंद्र भी रहा है। 2008 में नया परिसीमन के बाद बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र में तीन चुनाव हुए हैं। 2024 के चुनाव के चौथे चरण में यहां 13 मई को मतदान है। पहली बार आमने-सामने की लड़ाई है। एनडीए के उम्मीदवार भाजपा के गिरिराज सिंह और महागठबंधन के प्रत्याशी भाकपा के अवधेश राय के बीच मुकाबला है। गिरिराज सिंह केंद्रीय मंत्री हैं, वहीं अवधेश राय बेगूसराय के बछवाड़ा से तीन बार के विधायक रहे हैं। गिरिराज सिंह फायरब्रांड हिन्दूवादी नेता हैं तो अवधेश राय पुराने वामपंथी हैं। इस तरह दो धुर वैचारिक विरोधियों के बीच लड़ाई है। इस बार महागठबंधन के वोटों का बिखराव नहीं है, जिसका लाभ अवधेश राय को यहां मिलता दिख रहा है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास कार्य गिरिराज सिंह को मजबूती दे रहे हैं।

लोकसभा चुनाव: चौथे चरण में 2 केंद्रीय मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर, नीतीश के 2 साथियों की नाक की लड़ाई

बेगूसराय राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी औद्योगिक पहचान के लिए जाना जाता है। यहां इंडियन ऑयल ऱिफाइनरी, हिंदुस्तान फर्टिलाइज़र लिमिटेड और थर्मल पावर स्टेशन, बरौनी के अलावा कई निजी औद्योगिक इकाइयां हैं। इसलिए इसे बिहार की औद्योगिक राजधानी भी कहा जाता है।

मुख्य मुद्दे

● दिनकर विश्वविद्यालय की स्थापना हो

● एयरपोर्ट की सुविधा बहाल हो

● विभिन्न प्रमुख शहरों के लिए अतिरिक्त ट्रेनें चलायी जाएं

● मेडिकल कॉलेज का निर्माण जल्द पूरा हो

लोग कह रहे -यहां तगड़ा मुकाबला

तेघड़ा विधानसभा के विषहर स्थान आलापुर गांव के भोला पासवान की चाय दुकान पर इस पर बहस चल रही है कि बेगूसराय में इसबार बदलाव होगा या नहीं। लोगों में दो राय है। हालांकि, दोनों ही पक्ष में यह जरूर कह रहे हैं कि इस बार यहां तगड़ा मुकाबला टसल है। निजी स्कूल के शिक्षक सुरेंद्र कुमार कहते हैं कि नीतीश कुमार के विकास कार्य का फायदा भी एनडीए उम्मीदवार को मिल रहा है। इस पर मनोज पासवान कहते हैं सीपीआई और राजद पहली बार साथ में है। दोनों के वोटर एकजुट हैं।

default - मंडल कमीशन की रिपोर्ट पढ़ें PM; नरेंद्र मोदी को RJD के मनोज झा ने दी नसीहत,  JDU ने किया पलटवार 

ग्रामीण आवास मिलना बंद है

बछवाड़ा विधानसभा के चिरैयाटौक निवासी प्रखंड कार्यालय एक काम से आये हुए हैं। वह बताते हैं कि सड़क, बिजली आदि बुनियादी चीजें लोगों तक पहुंची हैं। पर, कई मुद्दे हैं, जिसपर सरकार को ध्यान देना चाहिए। मेरे पंचायत में दो सालों से प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना का लाभ मिलना बंद है। बछवाड़ा प्रखंड कार्यालय भवन में चल रहे जीविका सामुदायिक पुस्तकालय सह कैरियर विकास केंद्र की कर्मी शोभा कुमारी जीविका दीदियों और सरकार के सहयोग से यह केंद्र चल रहा है। कमरों के अभाव में विद्यार्थियों को यहां बैठकर पढ़ने में दिक्कत होती है। अतिरिक्त कमरे बनने चाहिए। वह बताती हैं कि 50-60 विद्यार्थी नियमित रूप से यहां आकर पढ़ायी करते हैं।

सात विधानसभा सीटें

चेयिराबरियारपुर

बछवाड़ा

तेघड़ा

मटिहानी

साहेबपुर कमाल

बेगूसराय

बखरी (सुरक्षित)

चेरिया बरियारपुर विस के मंझौली का शिवरी गांव। बेगूसराय मुख्यालय से 17 किलोमीटर। यहां लकड़ी का फर्नीचर बनाने की छोटी दुकान के मालिक बिहारी तांती यहां के वार्ड सदस्य भी हैं। बताते हैं कि गांव की सड़क पर नाले का पानी बहता है। विधायक-सांसद से भेंट करना असंभव है। बगल में बैठे धनंजय महतो कहते हैं कि यहां दो ही पार्टी को वोट पड़ रहा है। भाजपा और राजद (महागठबंधन)। इस गांव के थोड़ी ही दूर पर बूढ़ी गंडक नदी गुजरती है, जिसमें सालों भर पानी रहता है। इससे सिंचाई में सुविधा होने के सवाल पर धनंजय महतो कहते हैं कि अब तो हर जगह बिजली है, किसान अपने मोटर से ही खेत का पटवन कर लेते हैं।

बिहार की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News