लता मंगेशकर देश की आन बान शान थीं, उन्‍होंने परिवार के लिए शादी का बलिदान दे दिया: शत्रुघ्‍न सिन्‍हा

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लता मंगेशकर देश की आन बान शान थीं, उन्‍होंने परिवार के लिए शादी का बलिदान दे दिया: शत्रुघ्‍न सिन्‍हा

लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) के निधन से पूरा देश सदमे में है। बॉलिवुड के दिग्‍गज ऐक्‍टर शत्रुघ्‍न सिन्‍हा (Shatrughan Sinha) का कहना है कि लता जी का इस तरह चले जाना उनके लिए और भी गहरा झटका है। शत्रुघ्‍न सिन्‍हा ने खुलासा किया है कि उन्‍होंने 10 दिन पहले ही लता मंगेशकर के परिवार को फोन कर उनका हाल पूछा था। उन्‍होंने वादा किया था कि जब लता जी ब्रीच कैंडी अस्‍पताल से स्‍वस्‍थ्‍य होकर घर लौटेंगी तो वह पूरे परिवार के साथ उनके मिलने जाएंगे। शत्रुघ्‍न कहते हैं, ‘अफसोस, ऐसा हो ना सका।’

हमारे सहयोगी ‘ईटाइम्‍स’ से बात करते शत्रुघ्‍न सिन्हा ने कहा, ‘लता जी न सिर्फ प्रशंसा के योग्‍य थीं, बल्कि वो सचमुच पूज्यनीय थीं। उन्‍होंने अपने परिवार के लिए जो किया उससे प्रेरणा मिलती है। उन्‍होंने जो भी गाने गाए उसके लिए सम्मानित हुईं। उन्‍होंने तो अपने परिवार के लिए शादी तक का बलिदान दे दिया।’

‘हम फोन पर करते थे खूब बातें’
शॉटगन ऐक्‍टर आगे कहते हैं, ‘लताजी विशेष रूप से धर्मेंद्र, राज कपूर, दिलीप कुमार और मेरे करीब थीं। हम एक-दूसरे से मिलने जाते थे और हमारी फोन पर 25-30 मिनट लंबी बातें होती थीं। जब भी हम उनके घर जाते थे तो वह न सिर्फ बेहतरीन होस्ट थीं, बल्‍क‍ि वह खाना भी बहुत अच्‍छा पकाती थीं। उन्‍होंने खुद भी खाने का बड़ा शौक था।’

‘क्रिकेट से उनको गजब प्‍यार था’
शत्रुघन सिन्हा ने यादों को सहेजते हुए आगे कहा, ‘अमिताभ बच्चन, सुभाष घई और अनिल धवन का स्‍ट्रगल के दिनों में एक छोटा ग्रुप थ। मेरे पास एक छोटी कार थी और जब भी हम एक-दूसरे के घर या उस कार में होते थे, हम लता जी की सफलता की कहानी के बारे में सोचते थे और उनसे मिलने के लिए तरसते थे। लता जी ने हमेशा सादगी भरा जीवन जिया। वह मुझसे कहती थीं कि वह मेरी प्रशंसक हैं। उन्‍हें मेरी डायलॉग डिलिवरी बहुत अच्‍छी लगती थी। मैं क्रिकेट के खेल के लिए उनका प्यार कैसे भूल सकता हूं? वह सुनील गावस्कर और सचिन तेंदुलकर को बहुत पसंद करती थीं।’

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वो सबसे यादगार किस्‍सा
लता मंगेशकर से जुड़े किस्‍सों को याद करते हुए शत्रुघ्‍न सिन्हा कहते हैं, ‘लता जी के साथ हमारा एक कभी न भूलने वाला किस्‍सा वो है जब मैंने मोहम्मद रफ़ी और उनके साथ ‘दोस्त’ फिल्‍म का गाना ‘कैसे जीते हैं भला’ रिकॉर्ड किया था। उस गाने में मेरी भी कुछ लाइनें थीं। मुझे याद है कि वह अपने हिस्से का काम कर रही थीं और हाथ में बिस्किट लेकर चाय पी रही थीं। जबकि रफ़ी साहब और मुझे एकसाथ लगभग 7-8 टेक करने पड़े और शायद इसलिए कि मैंने ही कुछ गलतियां की होंगी। मैंने लता जी के लगभग सभी गीतों को रिकॉर्ड सहेजे हैं। वह जिस तरह से अपनी आवाज को यंग ऐक्‍टर्स के हिसाब से ढालती थीं, उससे मैं हमेशा दंग रहता था। मुझे लगता है कि उनका सबसे अच्छा मॉड्यूलेशन ‘दीदी तेरा देवर दीवाना’ सॉन्‍ग में है, जो माधुरी दीक्षित पर शूट हुआ है।’

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‘उनके बिना यह शो कैसे चलेगा…’
शत्रुघन सिन्हा ने आगे बताया कि लता जी हमेशा उनके परिवार के संपर्क में थीं। वह कहते हैं, ‘मुझे याद है जब मेरे बेटे कुश की शादी हुई थी, उन्‍होंने न सिर्फ मेरी बहू के लिए, बल्कि मेरी पत्नी पूनम के लिए और मेरे लिए भी कपड़े भेजे थे। आज कितने लोग इन पुरानी परंपराओं का पालन करते हैं। हम इस तरह की बातें कहते हैं कि ‘शो मस्‍ट गो ऑन’ और यह शो चलता रहेगा। लेकिन यह शो उनके बिना कैसे चल सकता है? मुझे तो उनकी बराबरी करने वाला दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा। भारत के संगीत की आन-बान-शान ने हमें छोड़ दिया है।’

lata shatrughan sinha

लता मंगेशकर को यादकर इमोशनल हुए शत्रुघ्‍न सिन्‍हा



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