रॉबिन उथप्पा ने बताया- कैसे श्रीसंत के तेज गुस्से को संभालते थे धोनी

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रॉबिन उथप्पा ने बताया- कैसे श्रीसंत के तेज गुस्से को संभालते थे धोनी

रॉबिन उथप्पा ने 2007 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए टी20 मुकाबले का एक वाकया बताया। यह मैच मुंबई में खेला गया था और इस मैच के दौरान श्रीसंत किसी बात पर गुस्सा हो गए थे।

भारतीय क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा ने हाल ही महेन्द्र सिंह धोनी और श्रीसंत को लेकर एक मजेदार किस्सा शेयर किया। इसमें उन्होंने बताया कि किस तरह से टीम इंडिया के पूर्व कप्तान धोनी, श्रीसंत के गुस्से को कंट्रोल कर करते थे। रॉबिन उथप्पा ने 2007 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए टी20 मुकाबले का एक वाकया बताया। यह मैच मुंबई में खेला गया था और इस मैच के दौरान श्रीसंत किसी बात पर गुस्सा हो गए थे। ऐसे में धोनी ने अपने अंदाज में श्रीसंत को समझाया था।

वर्ल्ड कप के बाद हुआ था मैच
रॉबिन उथप्पा ने एक यूट्यूब शो के दौरान बताया कि यह मैच वर्ल्ड कप के बाद हुआ था। रॉबिन ने बातया कि या तो एंड्रयू साइमंड्स या हसी बैटिंग करते हुए रुक गए थे। तब श्रीसंत बॉलिंग कर रहे थे। बल्लेबाजों के रूकने से श्रीसंत गुस्सा हो गए और उन्होंनेे जाकर स्टंप उखाड़ दिए और कहा कि यह कैसा रहा? यह देखकर धोनी दौड़ते हुए आए और श्रीसंत को खींचते हुए कहा कि जाकर गेंद डालो भाई। रॉबिन ने कहा कि अगर किसी ने श्रीसंत को सही से संभाला तो वह धोनी ही थे।

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वर्ल्ड का किस्स भी शेयर किया
इस यूट्यूब शो के दौरान रॉबिन उथप्पा ने 2007 टी20 वर्ल्ड कप का भी किस्सा शेयर किया। इस वर्ल्ड कप के फाइनल मैच के दौरान पाकिस्तानी क्रिकेटर मिस्बाह उल हक ने आखिरी ओवर में जोगिंदर शर्मा की गेंद पर स्कूप शॉट लगाया। यह बॉल शॉर्ट फाइन लेग पर खड़े श्रीसंत के पास गई थी और श्रीसंत ने उनका कैच लपक लिया। भारत ने पहला टी20 वर्ल्ड कप जीत लिया था। रॉबिन ने बताया वह खुद उस दौरान लॉन्ग ऑन पर खड़े थे।

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पोजीशन बदलने से आई कॅरियर में गिरावट
रॉबिन उथप्पा ने अपने क्रिकेट कॅरियर में आई गिरावट की वजह भी बताई। उन्होंने अपने कॅरियर में गिरावट का कारण बताते हुए उथप्पा ने कहा कि हर बार उनकी पोजीशन बदलने से उन्हें नुकसान हुआ। रॉबिन ने बताया कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कॅरियर में तीन से ज्यादा मैचों में एक जगह पर बैटिंग नहीं की। हर तीसरे मैच में उन्हें नई पोजीशन पर खिलाया जाता था। रॉबिन का कहना है कि अगर वे एक ही जगह पर बैटिंग करते तो 49 की जगह 149 या 249 मैच खेल जाते।









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