“रेलवे के लिए स्टार्टअप” | bhopal political | Patrika News
यह नीति बहुत बड़े और अप्रयुक्त स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र की भागीदारी के माध्यम से संचालन, रखरखाव और बुनियादी ढांचे के निर्माण के क्षेत्र में नए मानक और दक्षता लाएगी। इस कार्यक्रम में बोलते हुए, श्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारतीय रेलवे में प्रौद्योगिकी के एकीकरण पर लंबे समय से चल रही चर्चा ने आज की इस पहल के रूप में अब ठोस रूप ले लिया है।
प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मंत्री जी ने कहा कि इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से स्टार्ट अप को रेलवे से जुड़ने का अच्छा अवसर मिलेगा। इस कार्यक्रम के पहले चरण के लिए रेलवे के विभिन्न मंडलों, क्षेत्रीय कार्यालयों/जोनों से प्राप्त 100 से अधिक समस्या विवरणों में से 11 समस्या विवरण जैसे रेल फ्रैक्चर, आदि को लिया गया है। इन्हें नवीन समाधान खोजने के लिए स्टार्ट अप के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
रेल मंत्री ने स्टार्टअप्स से इस अवसर का उपयोग करने का अनुरोध किया और उन्हें 50 प्रतिशत पूंजी अनुदान, सुनिश्चित बाजार, पैमाने और पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में भारतीय रेलवे से समर्थन सुनिश्चित किया जाएगा ।
भारतीय रेलवे नवाचार नीति का मुख्य विवरण इस प्रकार है: –
समस्या निवारण की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और उद्देश्य पूर्ण और ऑनलाइन है। रेलवे में प्रोटोटाइप का ट्रायल किया जाएगा। नवोन्मेषकों का चयन एक पारदर्शी और निष्पक्ष प्रणाली द्वारा किया जाएगा, जिसका उद्घाटन आज रेल मंत्री द्वारा ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से किया गया ।
विकसित बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) नवप्रवर्तनक के पास ही रहेगा। विलम्ब से बचने के लिए संपूर्ण प्रक्रिया का विकेंद्रीकरण।
अब तक लगभग 160 समस्या विवरण प्राप्त हो चुके हैं। पहले चरण में, नई नवाचार नीति के माध्यम से 11 समस्याओं के विवरण की पहचान की गई है, जिन्हें पोर्टल पर अपलोड किया गया है। इनमें प्रमुख रूप से
ब्रोकन रेल डिटेक्शन सिस्टम, रेल तनाव निगरानी प्रणाली, ट्रैक निरीक्षण गतिविधियों का स्वचालन, हैवी हॉल फ्रेट वैगनों के लिए ईएम पैड का डिजाइन, 3-फेज इलेक्ट्रिक इंजनों के ट्रैक्शन मोटर्स के लिए ऑनलाइन कंडीशन मॉनिटरिंग सिस्टम का विकास, नमक जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए हल्के वैगन, यात्री सेवाओं में सुधार के लिए डिजिटल डेटा का उपयोग करके विश्लेषणात्मक उपकरण का विकास, ट्रैक सफाई मशीन, प्रशिक्षण के बाद के संशोधन और स्वयं सेवा पुनश्चर्या पाठ्यक्रमों के लिए ऐप, पुल निरीक्षण के लिए रिमोट सेंसिंग, जियोमैटिक्स और जीआईएस का उपयोग आदि शामिल हैं ।
कुछ अन्य समस्या विवरण एकत्र किए गए हैं, जिनकी स्क्रूटनी जारी है और बहुत जल्द चरणबद्ध तरीके से अपलोड किए जाएंगे। आज जो इंडियन रेलवे इनोवेशन पोर्टल लॉन्च किया गया है वो वेब एड्रेस www.innovation.indianrailways.gov.in पर उपलब्ध है।
यह नीति बहुत बड़े और अप्रयुक्त स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र की भागीदारी के माध्यम से संचालन, रखरखाव और बुनियादी ढांचे के निर्माण के क्षेत्र में नए मानक और दक्षता लाएगी। इस कार्यक्रम में बोलते हुए, श्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारतीय रेलवे में प्रौद्योगिकी के एकीकरण पर लंबे समय से चल रही चर्चा ने आज की इस पहल के रूप में अब ठोस रूप ले लिया है।
प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मंत्री जी ने कहा कि इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से स्टार्ट अप को रेलवे से जुड़ने का अच्छा अवसर मिलेगा। इस कार्यक्रम के पहले चरण के लिए रेलवे के विभिन्न मंडलों, क्षेत्रीय कार्यालयों/जोनों से प्राप्त 100 से अधिक समस्या विवरणों में से 11 समस्या विवरण जैसे रेल फ्रैक्चर, आदि को लिया गया है। इन्हें नवीन समाधान खोजने के लिए स्टार्ट अप के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
रेल मंत्री ने स्टार्टअप्स से इस अवसर का उपयोग करने का अनुरोध किया और उन्हें 50 प्रतिशत पूंजी अनुदान, सुनिश्चित बाजार, पैमाने और पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में भारतीय रेलवे से समर्थन सुनिश्चित किया जाएगा ।
भारतीय रेलवे नवाचार नीति का मुख्य विवरण इस प्रकार है: –
समस्या निवारण की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और उद्देश्य पूर्ण और ऑनलाइन है। रेलवे में प्रोटोटाइप का ट्रायल किया जाएगा। नवोन्मेषकों का चयन एक पारदर्शी और निष्पक्ष प्रणाली द्वारा किया जाएगा, जिसका उद्घाटन आज रेल मंत्री द्वारा ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से किया गया ।
विकसित बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) नवप्रवर्तनक के पास ही रहेगा। विलम्ब से बचने के लिए संपूर्ण प्रक्रिया का विकेंद्रीकरण।
अब तक लगभग 160 समस्या विवरण प्राप्त हो चुके हैं। पहले चरण में, नई नवाचार नीति के माध्यम से 11 समस्याओं के विवरण की पहचान की गई है, जिन्हें पोर्टल पर अपलोड किया गया है। इनमें प्रमुख रूप से
ब्रोकन रेल डिटेक्शन सिस्टम, रेल तनाव निगरानी प्रणाली, ट्रैक निरीक्षण गतिविधियों का स्वचालन, हैवी हॉल फ्रेट वैगनों के लिए ईएम पैड का डिजाइन, 3-फेज इलेक्ट्रिक इंजनों के ट्रैक्शन मोटर्स के लिए ऑनलाइन कंडीशन मॉनिटरिंग सिस्टम का विकास, नमक जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए हल्के वैगन, यात्री सेवाओं में सुधार के लिए डिजिटल डेटा का उपयोग करके विश्लेषणात्मक उपकरण का विकास, ट्रैक सफाई मशीन, प्रशिक्षण के बाद के संशोधन और स्वयं सेवा पुनश्चर्या पाठ्यक्रमों के लिए ऐप, पुल निरीक्षण के लिए रिमोट सेंसिंग, जियोमैटिक्स और जीआईएस का उपयोग आदि शामिल हैं ।
कुछ अन्य समस्या विवरण एकत्र किए गए हैं, जिनकी स्क्रूटनी जारी है और बहुत जल्द चरणबद्ध तरीके से अपलोड किए जाएंगे। आज जो इंडियन रेलवे इनोवेशन पोर्टल लॉन्च किया गया है वो वेब एड्रेस www.innovation.indianrailways.gov.in पर उपलब्ध है।