राहुल जोड़ रहे मायावती से ‘रिश्ता’, खाबरी कह रहे हैं बसपा BJP की गोद में बैठी है’… कांग्रेस में ये चल क्या रहा है?

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राहुल जोड़ रहे मायावती से ‘रिश्ता’, खाबरी कह रहे हैं बसपा BJP की गोद में बैठी है’… कांग्रेस में ये चल क्या रहा है?

राहुल जोड़ रहे मायावती से ‘रिश्ता’, खाबरी कह रहे हैं बसपा BJP की गोद में बैठी है’… कांग्रेस में ये चल क्या रहा है?


लखनऊः कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने वाली है। इससे पहले अपने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने अखिलेश यादव और मायावती को लेकर कहा था कि दोनों से उनका विचारधारात्मक रिश्ता है क्योंकि वे लोग मोहब्बत का हिंदुस्तान चाहते हैं। माना गया कि भारत जोड़ो यात्रा में यूपी के विपक्षी दलों का सपोर्ट पाने के लिए राहुल ने ये बातें कही हैं लेकिन इसके एक ही दिन बार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने अलग ही राग अलाप दिया है। खाबरी ने आरोप लगाया है कि बीएसपी भाजपा की गोद में जाकर बैठी है।

बसपा तो बीजेपी की गोद में बैठी हैः खाबरी
रविवार को एक इंटरव्यू में खाबरी में सपा-बसपा के यात्रा में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सपा को देख रहे हैं किस प्रकार की राजनीति हो रही है। बसपा भाजपा की गोद में बैठी है। इतना ही नहीं, उन्होंने यह तक कह दिया कि मायावती अपने आपको मिटाने के लिए खुद ही पर्याप्त हैं। यह पूछने पर कि बसपा के एक सांसद ने दावा किया है कि मायावती भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होंगी और वह गठबंधन से चुनाव लड़ने की भी बात कर रहे हैं।

इस पर खाबरी ने कहा कि सासंद श्याम सुंदर यादव अब बसपा से आजाद हैं। वह कुछ भी बोल सकते हैं। इतना बड़ा फैसला करवाना उनके बस में नहीं है। खाबरी ने साफ किया कि मायावती के साथ आने के कोई चांस नहीं है। वहीं, सपा के साथ गठबंधन पर उन्होंने कहा कि एक बार राहुल गांधी और अखिलेश यादव साथ आ चुके हैं। आगे एक बार फिर नजदीक आ जाएं तो इसे नकारा नहीं जा सकता है।

जो भी मिले, नमस्ते करना हैः खाबरी
इस दौरान खाबरी से यात्रा में शामिल होने के लिए विपक्षी दल सपा, रालोद और बसपा को आमंत्रण को लेकर भी सवाल किया गया। अखिलेश और रालोद यात्रा में आने से मना कर रहे हैं, ऐसे में विपक्ष एक कैसे होगा, इस पर उन्होंने कहा कि हमारा काम इस यात्रा के माध्यम से नफरत को खत्म कर भाईचारा कायम करना है। जब हम भारत जोड़ने निकले हैं तो जो भी रास्ते में मिले उससे नमस्ते करना है। पार्टी ने निर्णय लिया है कि इस यात्रा में समान विचारधारा के दल, डॉक्टर, इंजीनियर, एनजीओ को साथ में चलने का आमंत्रण दिया जाए। खाबरी ने कहा कि संविधान बचाने के लिए जो साथ चलेगा उसका स्वागत है। यूपी से खाप पंचायतों ने यात्रा में शामिल होने की हामी भरी है।

राहुल से उलट क्यों बोल रहे खाबरी?
खाबरी ने यूपी में विपक्षी एकता को लेकर राहुल गांधी से अलग ही राय पेश की है। राहुल गांधी ने बीते दिनों अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि क्षेत्रीय पार्टियों की विचारधारा राष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव नहीं डाल सकती। इसके लिए कांग्रेस ही एक विकल्प है, जो बीजेपी को टक्कर दे सकती है। राहुल ने यह भी कहा कि अखिलेश और मायावती से उनका रिश्ता तो है क्योंकि वे दोनों भी मोहब्बत का हिंदुस्तान चाहते हैं, नफरत का नहीं। उन्होंने इस दौरान इशारा किया था कि यूपी में वह सपा और बसपा के साथ भी मोर्चा बना सकते हैं।

हालांकि, उनके इस अनौपचारिक आमंत्रण पर दोनों दलों से कोई जवाब नहीं आया है लेकिन जिस तरीके से राहुल ने अखिलेश और माया का नाम लेकर उनकी तारीफ की थी, उससे कई तरह के कयास लगाए जाने लगे थे। खाबरी ने रविवार को इन कयासों पर फिर से पानी फेर दिया। उन्होंने मायावती की बीएसपी को बीजेपी की गोदी में बैठा बता दिया, जिसे कल राहुल बीजेपी के खिलाफ होना बता रहे थे। उन्होंने तो बीएसपी के साथ किसी भी तरह के समझौते से भी इनकार कर दिया है जबकि सपा से गठबंधन को लेकर उन्होंने कोई ‘विराम-चिह्न’ प्रयोग नहीं किया। ऐसे में सवाल ये है कि कांग्रेस विपक्ष के रूप में यूपी में आखिर किसकी जगह लेना चाहती है। वह सपा के ओबीसी, गैर यादव ओबीसी के वोटबैंक को साधने की कोशिश में है या बीएसपी के दलित वोटरों पर नजर डाले बैठी है।

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