राहत के साथ आफत लाए बादल, नौ दिन में गाज से सात व्यक्तियों की मौत | Clouds disaster with relief, seven people died in nine days | Patrika News

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राहत के साथ आफत लाए बादल, नौ दिन में गाज से सात व्यक्तियों की मौत | Clouds disaster with relief, seven people died in nine days | Patrika News

समय-समय पर कुदरत का कहर बुंदेलखंड स्थित अतिपिछड़े ललितपुर जनपद की नियति है। यहां कभी सूखा से फसलें झुलस जाती हैं तो कभी अतिवृष्टि व ओलावृष्टि से कटने को तैयार फसल सड़ककर बर्बाद होती रही है। बारिश के दौरान आकाशीय बिजली भी इस क्षेत्र में जबरदस्त कहर बरपाती चली आ रही है। इस बार तो मानसून की दस्तक ही किसानों के लिए जानलेवा साबित हुई। काले घने बादलों से गिरती पानी की बूंदों ने राहत तो पहुंचायी लेकिन महज नौ दिनों के भीतर खेती किसानी करने वाले सात व्यक्ति बज्रपात का शिकार हो गए। आकाशीय बिजली घटनाओं पर नजर डाली जाए तो 16 जून खजरा निवासी बाबू पुत्र सुमेर, कैलाश पुत्र पुन्नू निवासी सिंदवाहा भी खेत गाज का शिकार हो गए। 17 जून को खिननपुरा निवासी हरिकिशन पुत्र श्याम व रामपुर में रहने वाले अंकित पुत्र राजकुमार खेत में काम निपटाते समय आकाशी बिजली की चपेट में आ गए थे। 18 जून को सौंजना निवासी अशोक पुत्र रमला की मौत का कारण आकाशीय बिजली ही बनी थी। 19 जून को मनोहर पुत्र तुलसी निवासी टेटा और 21 जून को सुरेंद्र पुत्र रघुवर निवासी चंदावली महरौनी ने आकाशीय बिजली की चपेट में आकर दम तोड़ा था।

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पीड़ित परिवारों को मिली आपदा राहत सभी हादसों में पुलिस व राजस्व विभाग अधिकारियों ने मौका मुआयना करके अग्रिम कार्रवाई की। जिसके तहत मृतक के परिजनों को चार लाख रुपये दैवीय आपदा राहत मोचक निधि से तत्काल दिलवाए गए। वहीं एक लाख रुपये किसान दुर्घटना बीमा से जारी किए जाएंगे। आकाशीय बिजली गिरने से अपने को खोने वालों ने बताया कि बारिश के दौरान चमक व गरज सुनकर उनकी रूह कांप उठती है। किसी की मौत का खौफ उनको सताने लगता है। आकाशीय बिजली से होने वाली हानि को कम करने के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए।

गाज से कई पशु भी हो चुके बेदम ललितपुर। 16 जून को गाज गिरने से गुगरवारा में बालकृष्ण पुत्र धन्नू की दो दुधारू भैंस मर गयीं। इसी तारीख को जरावली में चंद्रपाल की भैंस आकाशीय बिजली का शिकार हुई थी। 17 जून को हल्लू पुत्र लला निवासी बम्हौरीकलां की एक भैंस व दो पड़ा मर गए। इसी तारीख को करमई निवासी खुशीलाल पुत्र जालम की छह बकरियां खेत में चरते समय गाज की चपेट में आ गयी और उनकी मौत हो गयी। इसी घटना में रमेश पुत्र पंजू की दो बकरियों मर गयी थीं। 21 जून को गौंना में मुन्ना की आकाशीय बिजली गिरने से मुन्ना की बकरी मर गयी।

पिछले वर्ष 20 लोगों की हुई थी मौत प्रत्येक वर्ष मानसून के दौरान जनपद में आकाशीय बिजली गिरने से जनहानि हुआ करती है। पिछले वर्ष गाज गिरने से जनपद में बीस व्यक्तियों की मौत हुई थी। वहीं तमाम जानवर भी गाज का शिकार हुए थे। इससे पहले भी बज्रपात कहर बरपाता रहा है।

मौत पर 4 लाख, इलाज को अधिकतम 12,700 आकाशीय बिजली से मौत पर मृतक के परिजनों को दैवीय आपदा राहत मोचक निधि के तहत तत्काल प्रभाव से चार लाख रुपये व घायल को उपचार के लिए न्यूनतम 4,300 रुपये व अधिकतम 12,700 रुपये दिए जाने का प्रवधान है।

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