राशन तुलाई से लेकर कोरोना संक्रमितों की निगरानी में ‘सर’

104

राशन तुलाई से लेकर कोरोना संक्रमितों की निगरानी में ‘सर’

शिक्षक एक, काम अनेक: कोरोनाकाल में स्कूल बंद हुए तो बढ़ी दस नई ड्यूटी
प्रदेश की स्थिति: एक लाख से अधिक सरकारी स्कूल, करीब चार लाख शिक्षक

भोपाल. प्रदेश के स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों को इस बार ऑनलाइन शिक्षण के साथ कोरोना संक्रमितों की निगरानी से लेकर अनाज तौलने तक का काम मिला। शिक्षण कार्यों के अलावा जिलों में कई जगह इस तरह के काम बांटे गए थे। सुरक्षा इंतजामों के बिना इस तरह के काम कराने को लेकर शिक्षक संगठन आपत्ति जता चुके हैं। यह सवाल तब उठे जब कई शिक्षक कोरोना संक्रमित हो गए थे।

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में करीब चार लाख शिक्षक हैं। कोरोनाकाल में स्कूल बंद थे ऐसे में ऑनलाइन क्लास संचालन का जिम्मा दिया गया था। इसके अलावा गैर शैक्षणिक कामों को बढ़ाया गया। राशन वितरण वितरण, सेंटर की चौकीदारी, टीका लगवाने में मदद जैसे काम इस बार शिक्षकों को मिले हैं। कोरोना काल में नए गैर शैक्षणिक कार्य जोड़े गए थे।
शिक्षकों के सम्मान के लिए होने वाले सम्मान के बीच यह मामला उठाया। कोरोना संक्रमितों जांचने स्क्रीनिंग और घर-घर जाकर मरीज खोजने में भी इनकी ड्यूटी थी। हाल में वैक्सीनेशन के दौरान डाटा एंट्री में शिक्षक जुटे हैं।

क्वारंटीन सेंटर के बाहर भी पहरेदारी
संदिग्ध कोरोना संक्रमितों के लिए राजधानी में कई जगह क्वारंटीन सेंटर बनाए गए हैं। यहां पर देखरेख से पहरेदारी तक के लिए शिक्षकों की ड्यूटी थी। बैरागढ़ क्षेत्र में ऐसे चार सेंटर थे। इसके अलावा हज हाउस में सेंटर बना था वहां भी तैनाती थी। प्रशासन के निर्देश पर सभी विभागों का अमला कोरोना से लडऩे में जुटा था। मप्र अध्यापक संघ के उपेन्द्र कौशल ने बताया कि व्यवस्था के सभी अपने तैनात रहे हैं। अनाज वितरण सहित कई जगह काम अब भी चल रहे हैं।

आरोप- सुरक्षा बिना लगा दी गई थी ड्यूटी
कोरोना जैसी आपदा से निपटने में ड्यूटी को शिक्षक संगठनों ने बताया कि इन मामलों में किसी ने इंकार नहीं किया लेकिन कई जगह सुरक्षा इंतजाम मुहैया कराए बिना ड्यूटी पर तैनात कर दिया गया। शिक्षकों का आरोप है कि इसके कारण कई जगह ये संक्रमण का शिकार हुए। राजधानी में एक मौत भी हुई थी।

भर्ती प्रक्रिया तीन साल से अटकी
विभाग ने तीन साल पहले करीब बीस साल हजार शिक्षकों की भर्ती की योजना तैयार की थी। इसके लिए परीक्षा हो चुकी है। लेकिन पूरा मामला प्रक्रिया में अटका हुआ है। इनकी भर्ती नहीं हो पा रही है। इस भर्ती परीक्षा में चार लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे। नव चयनित शिक्षक संघ के जितेन्द्र शर्मा ने बताया कि शिक्षक बनने संघर्ष करना पड़ रहा है। अभ्यर्थियों का भविष्य इस कारण अधर में है।

निर्देशों के मुताबिक काम

प्रशासन की ओर से जो भी निर्देश मिले उसके मुताबिक काम हुआ। शिक्षकों को शैक्षणिक कार्य से ही जोड़ा जा रहा है। शासन के निर्देशों के मुताबिक हम काम कर रहे हैं।
नितिन सक्सेना, जिला शिक्षा अधिकारी





उमध्यप्रदेश की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Madhya Pradesh News