राम को न समझने वाले ही रामचरित मानस पर उठा सकते हैं सवाल… कुमार विश्वास के हमले और नीतीश को नसीहत का समझिए अर्थ

23
राम को न समझने वाले ही रामचरित मानस पर उठा सकते हैं सवाल… कुमार विश्वास के हमले और नीतीश को नसीहत का समझिए अर्थ

राम को न समझने वाले ही रामचरित मानस पर उठा सकते हैं सवाल… कुमार विश्वास के हमले और नीतीश को नसीहत का समझिए अर्थ


गाजियाबाद: बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरित मानस पर दिए गए विवादास्पद बयान पर उत्तर प्रदेश में माहौल गरमाया हुआ है। अयोध्या में संतों ने बिहार के मंत्री के बयान पर कड़ा विरोध जताया है। वहीं, इस मामले में अब कवि डॉ. कुमार विश्वास का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने बिहार के शिक्षा मंत्री की रामचरित मानस के प्रति समझ पर सवाल खड़ा किया। डॉ. विश्वास ने कहा कि बिहार के मंत्री को मानस पर किसी प्रकार का बयान देने से पहले इसके बारे में सोचना चाहिए। डॉ. कुमार विश्वास ने रामचरित मानस पर सवाल उठाने को लेकर सीधे शब्दों में बिहार के शिक्षा मंत्री को घेर लिया है। उन्होंने बिहार के सीएम नीतीश कुमार से रामचरित मानस पर सवाल उठाने वाले शिक्षा मंत्री पर कार्रवाई की बात कही है। आखिर, इस मामले पर डॉ. विश्वास का बयान क्यों आया? यह सवाल आपके मन में उठ सकता है। इसका बड़ा कारण है कि हाल के समय में ‘अपने-अपने राम’ सीरीज को लेकर खासे लोकप्रिय हुए हैं। देश के विभिन्न भागों में वे रामकथा को अपने ही अंदाज में पेश करते थे। रामकथा को धर्म और जाति के ऊपर उठकर प्रदर्शित करने का प्रयास करते हैं। भगवान श्रीराम की कथा रामचरिम मानस के प्रसंगों की चर्चा के साथ ही डॉ. कुमार विश्वास ने चंद्रशेखर को घेरा है।

बिहार के शिक्षा मंत्री का क्या है बयान

बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का बयान रामचरित मानस को लेकर आया है। उन्होंने भगवान राम की कथा बताने वाली इस पुस्तक को नफरत फैलाने वाला करार दे दिया है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि रामचरित मानस में दलितों की शिक्षा पर अलग प्रकार की बात कही गई है। रामचरित मानस की अपने तरीके से व्याख्या करते हुए शिक्षा मंत्री ने दलितों के शिक्षा का इसमें विरोध किए जाने की बात कही है। हालांकि, भगवान श्रीराम के मित्रों में प्रमुख निषाद राज के साथ शिक्षा ग्रहण करने के प्रसंग को शायद शिक्षा मंत्री भूल गए। जिस रामचरित मानस को शिक्षा मंत्री नफरत फैलाने वाला करार दे रहे हैं, उसी में भगवान राम के दरबार में निषाद राज की काबिलियत के आधार पर मंत्री बनाए जाने की बात कही है।

अब कुमार विश्वास का हमला


बिहार के शिक्षा मंत्री के बयान का राजनीतिक विरोध शुरू हो गया है। उन्होंने यहां तक कह दिया कि चंद्रशेखर का दिमाग जहरीला है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से चंद्रशेखर को मंत्री बनाने की मांग की है। उनसे माफी मंगवाने की मांग की। डॉ. विश्वास ने कहा कि हम सभी धार्मिक ग्रंथों का सम्मान करते हैं। भगवान राम के विराट और विशाल व्यक्तित्व की चर्चा करते हुए डॉ. कुमार विश्वास कहते हैं कि भगवान राम का चरित्र हर किसी के लिए अनुकरणीय है। राम राज में किसी भी जाति को लेकर कोई भेदभाव नहीं था। अगर जातीय विभेद होता तो माता सबरी के जुठे बेर क्या राम खाते? भीलराज से लेकर निषादराज तक भगवान राम के मित्रों में शामिल थे।

ये है डॉ. विश्वास का पूरा बयान

डॉ. कुमार विश्वास ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक प्रदेश का शिक्षा मंत्री भगवान राम की कथा को विद्वेष फैलाने वाला, जहर फैलाने वाला बताए। वे उस विश्वविद्यालय में बात कर रहे थे, जो ज्ञान का आदि स्रोत माना जाता है। हमारे यहां तक्षशिला और नालंदा पुरानी ज्ञानपीठ के रूप में जानी जाती है। वहां शिक्षा मंत्री दीक्षांत समारोह में गए थे। दीक्षांत समारोह में शिक्षा मंत्री इस प्रकार की बातें बोलें, वह अशोभनीय है। डॉ. विश्वास ने कहा कि नीतीश कुमार एक बहुत समरस व्यक्ति हैं। मैं उनका बहुत आदर करता हूं। मेरे प्रति उनका स्नेह भी है। तेजस्वी यादव भी मेरे भाई जैसे हैं। युवा नेता है। बिहार को उनको बड़ी आशाएं हैं। मैं उन दोनों से अनुरोध करता हूं कि ऐसे व्यक्ति को अपने संगठन और अपनी सरकार से बाहर करें। उन्हें दंडित करें, या उनसे क्षमा मांगने के लिए कहें।

डॉ. विश्वास ने कहा कि शिक्षा मंत्री की बातों से दो चीज साफ होती है, पहली यह कि उन्होंने रामकथा ठीक से पढ़ी नहीं है। दूसरी बात यह है कि क्या वे किसी एक धर्म या मत को, इतना सहिष्णु मानते हैं कि उस पर कुछ भी बोल सकते हैं। मैं सभी धर्मों की पुस्तकों का आदर करता हूं। उनका आदर करते हुए मैं बिहार के शिक्षा मंत्री से पूछना चाहता हूं कि क्या वे किसी दूसरे धर्म की मानस पुस्तक के बारे इस प्रकार की बात कर सकते थे? अगर वह ऐसा बोलते तो मंत्री पद छोड़िए, उनके बचे रहने की संभावना थी? कितना कष्ट होता, अगर वह ऐसा बोल देते। किसी के सहिष्णुता को किसी के सहायता को लाचारी समझ लेना, बड़ी खराब बात है।

डॉ. कुमार विश्वास ने कहा कि इसका लोग राजनीतिक उपयोग करेंगे। फिर कहा जाएगा कि धर्म के नाम पर ध्रुवीकरण हो रहा है। मैं आशा करता हूं कि आगे से इस बात का ध्यान रखेंगे। कवि ने कहा कि अगर रामकथा के विषय में उन्हें पूरा ज्ञान नहीं है तो मैं उन्हें ‘अपने अपने राम’ के अगले सत्र में आमंत्रण देता हूं। वह आएं वहां इसे सुनें। अग्रिम पंक्ति पर बैठें। कोई शंका हो तो मैं अपनी क्षमता के अनुसार उसका निवारण करने की कोशिश करूंगा। जो मेरा ज्ञान है, मेरी सीमा है, उसके आधार पर मैं उनकी शंकाओं को दूर करूंगा। मैं आशा करूंगा कि बिहार में जब मैं ‘अपने अपने राम’ करने के लिए जाऊं, तो वे मेरे कार्यक्रम में जरूर आएं।

डॉ. कुमार विश्वास ने कहा कि मैं उनकी विधानसभा में जानना चाहता हूं। वहीं ‘अपने अपने राम’ का सत्र करना चाहता हूं। उनकी जनता भी राम की कहानी समझे, यह समझाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि जो राजा राम राज्याभिषेक के बाद अपनी जनता से यह कहते हों कि भविष्य में अगर मैं भी कोई अनीति करूं तो मेरी परवाह मत करना। मेरे पद की चिंता छोड़कर मेरी निंदा मेरे मुंह पर करना। राजा राम आदर्श पुत्र, आदर्श पति और वंचितों, दलितों, पिछड़ों, वनवासियों को गला लगाने वाला सभी जातियों को साथ लेने वाला आदर्श पुरुष हैं। उनकी कहानी को जहर फैलाने वाला वही व्यक्ति बता सकता है, जिसके मस्तिष्क में जहर हो। मैं उनके स्वस्थ होने की कामना करता हूं।

उत्तर प्रदेश की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Uttar Pradesh News