राजस्थान में हर साल बनेगी करोड़ों यूनिट सस्ती बिजली, फिर भी राजस्थानियों को झटका देगा इलेक्ट्रिसिटी बिल | Cheap Electricity Will Generate Every Year In Bikaner Rajasthan But Not For Rajasthan Residents | News 4 Social

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राजस्थान में हर साल बनेगी करोड़ों यूनिट सस्ती बिजली, फिर भी राजस्थानियों को झटका देगा इलेक्ट्रिसिटी बिल | Cheap Electricity Will Generate Every Year In Bikaner Rajasthan But Not For Rajasthan Residents | News 4 Social

राजस्थान में हर साल बनेगी करोड़ों यूनिट सस्ती बिजली, फिर भी राजस्थानियों को झटका देगा इलेक्ट्रिसिटी बिल | Cheap Electricity Will Generate Every Year In Bikaner Rajasthan But Not For Rajasthan Residents | News 4 Social

Akshaya Urja Nigam: प्रदेश में 2450 मेगावाट क्षमता का सोलर पार्क विकसित होगा। इससे सालाना करीब 416 करोड़ यूनिट सस्ती बिजली का उत्पादन हो सकेगा। अक्षय ऊर्जा निगम ने इसके लिए बीकानेर में करीब पांच हजार हेक्टेयर जमीन चिन्हित कर आवंटन का प्रस्ताव सरकार को भेज दिया है।

भवनेश गुप्ता
प्रदेश में 2450 मेगावाट क्षमता का सोलर पार्क विकसित होगा। इससे सालाना करीब 416 करोड़ यूनिट सस्ती बिजली का उत्पादन हो सकेगा। अक्षय ऊर्जा निगम ने इसके लिए बीकानेर में करीब पांच हजार हेक्टेयर जमीन चिन्हित कर आवंटन का प्रस्ताव सरकार को भेज दिया है। पार्क को निगम विकसित करेगा और सोलर पैनल लगाने का काम निजी कंपनियों के जरिए किया जाएगा। गंभीर यह है कि यहां बनने वाली सस्ती बिजली हमें नहीं मिलेगी, बल्कि दूसरे राज्यों में सप्लाई होगी। कारण, उत्पादित बिजली का कुछ हिस्सा प्रदेश के लिए आरक्षित हो, इसके लिए पूर्ववर्ती सरकार में तय प्लान लागू ही नहीं किया गया।

हमें भी सस्ती बिजली मिले तो 5 बड़े फायदे…
1- कोयला स्टॉक की समस्या खत्म हो- बिजलीघरों में न्यूनतम 21 दिन का कोयला होना जरूरी है, लेकिन अधिकतम 9 दिन का ही कोयला है। संकट के दौरान तो 2 से 3 दिन का ही रह गया था।

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2- महंगा कोयला नहीं खरीदना पड़े- कोयला संकट की आड़ में विदेशों से महंगा कोयला खरीदा जा रहा है। अब तक दो बार में करीब 1500 करोड़ रुपए का कोयला खरीदा गया।
3- बिजली कटौती की नौबत कम आएगी- बिजली की डिमांड बढ़ने पर 1500 से 2500 मेगावाट तक बिजली की कमी रहती है। इसकी पूर्ति के लिए या तो बाजार से बिजली खरीदते हैं या फिर विद्युत कटौती की जाती रही है।
4- महंगी बिजली खरीद की जरूरत कम होगी- अभी एक्सचेंज से 10 रुपए यूनिट तक महंगी बिजली खरीदते रहे हैं।
5- फ्यूल सरचार्ज का बोझ से छुटकारा- महंगा कोयला खरीद, परिवहन लागत बढ़ने की आड़ में फ्यूल सरचार्ज वसूल रहे हैं। इसकी स्थिति कम बनेगी।

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अभी 74 प्रतिशत सस्ती बिजली दूसरे राज्यों में सप्लाई…
-राज्य सरकार सोलर प्लांट के लिए निजी व सरकारी कंपनियों को प्रदेश की जमीन काे लीज पर तो दे रही है, लेकिन यहां से उत्पादित सस्ती बिजली लेने का कोई ठोस प्लान ही नहीं है।
-प्रदेश में 17500 मेगावाट क्षमता के सोलर पार्क हैं, लेकिन प्रदेश को केवल 4500 मेगावाट ही बिजली मिल रही।
-सोलर पार्क लगाने वाली कंपनियों से अनुबंध में अपने लिए बिजली लेने की बंदिश ही नहीं है।

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