राजस्थान में बिजली संकट, पंजाब और उत्तरप्रदेश को बिजली सप्लाई रोकी

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राजस्थान में बिजली संकट, पंजाब और उत्तरप्रदेश को बिजली सप्लाई रोकी

ऊर्जा विकास निगम ने 480 मेगावाट सप्लाई पर फिलहाल लगाई रोक

भवनेश गुप्ता
जयपुर। प्रदेश में बिजली संकट के बीच उर्जा विकास निगम ने पंजाब और उत्तरप्रदेश को बिजली सप्लाई रोक दी है। दोनों राज्यों को बैंकिंग प्रक्रिया के जरिए 480 मेगावाट बिजली दी जा रही थी, लेकिन अब स्थितियां सामान्य होने तक सप्लाई नहीं देंगे। अनुबंध के तहत पंजाब को 200 मेगावॉट और उत्तरप्रदेश को 280 मेगावॉट दे रहे थे। बिजली बेचने की बजाय इसके बैंकिंग के रूप में दी जा रही है। यानि, राजस्थान जितनी बिजली देगा, उतनी ही बिजली वापिस भी लेगा। राज्य में बिजली दिसम्बर से फरवरी तक लिया जाना तय किया गया था। इस दौरान राज्य में बिजली पीक (15 हजार मेगावॉट तक) पर रहती है।
उधर, प्रदेश के बिजलीघर अब भी कोयला की कमी से जूझ रहे हैं। कोयला इंडिया ने कोयला रैक की संख्या 3 से बढ़ाकर 4 की तो है लेकिन यह उंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा है। जबकि, उर्जा मंत्री बी.डी. कल्ला दिल्ली में 10 से 11 रैक की जरूरत जता चुके हैं, जिससे बिजलीघरों को फुल लोड पर चलाने के लिए स्टॉक किया जा सके।

इस कारण
दिसम्बर से फरवरी के बीच राजस्थान में रबी फसल का सीजन रहता है, जिस कारण डिस्कॉम को एक्सचेंज से 2 से ढाई हजार मेगावॉट तक अतिरिक्त बिजली खरीदनी पड़ती है। डिमांड पन्द्रह हजार मेगावाट तक पहुंच जाती है। इसी कारण सरप्लस बिजली को पंजाब और यूपी को दे रहे थे और उतनी ही बिजली जरूरत के इन तीन माह में लेते।

15 हजार मेगावाट तक डिमांड का आकलन, बारिश से कुछ राहत
उर्जा विकास निगम और डिस्कॉम्स ने सितम्बर में 14 से 15 हजार मेगावाट तक बिजली डिमांड का आकलन किया, लेकिन मौजूदा हालात ने उनके फ्यूज उड़ा रखे हैं। हालांकि, मंगलवार को बारिश आने के बाद कुछ राहत की सांस जरूर ली है। लेकिन कुछ दिनों तक लगातार बारिश नहीं हुई तो स्थिति परेशान करने वाली होगी।

इस तरह कुछ राहत
-मौसम में बदलाव के बाद विद्युत डिमांड घटकर 10500 से 11000 मेगावाट तक आ गई। जबकि, 19 अगस्त को डिमांड अधिकतम 14690 मेगावाट पहुंच गई थी। इसके बाद ही हालात बिगड़ते चले गए।
-एक्सचेंज से बिजली खरीद दर औसत 6 से 7 रुपए यूनिट आ गई है। जबकि, कुछ दिन पहले तक 20 रुपए यूनिट में भी बिजली नहीं मिल रही थी ।
-दोनों स्थितियों से कुछ राहत तो है लेकिन यह फिलहाल कुछ समय के लिए ही है। कोयला नहीं मिला तो स्थिति बिगड़ने की आशंका बनेगी।

-कोल इंडिया से अब 4 कोयला रैक मिल रही है, लेकिन अभी यह नाकाफी है। बिजलीघरों को पूरी क्षमता से चलाने के लिए 11 रैक प्रतिदिन चाहिए। केन्द्रीय कोयला मंत्री से मिलने अगले सप्ताह दोबारा दिल्ली जा रहा हूं।
-बी.डी. कल्ला, उर्जा मंत्री



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