राजस्थान के इस दिग्गज हस्ती का हुआ निधन, मिलने वाला था पद्मश्री सम्मान | 93 Year Old Dhrupad Singer Pandit Lakshman Bhatt Tailang Passed Away Recently Announced For Padmashree Award | News 4 Social

7
राजस्थान के इस दिग्गज हस्ती का हुआ निधन, मिलने वाला था पद्मश्री सम्मान | 93 Year Old Dhrupad Singer Pandit Lakshman Bhatt Tailang Passed Away Recently Announced For Padmashree Award | News 4 Social

राजस्थान के इस दिग्गज हस्ती का हुआ निधन, मिलने वाला था पद्मश्री सम्मान | 93 Year Old Dhrupad Singer Pandit Lakshman Bhatt Tailang Passed Away Recently Announced For Padmashree Award | News 4 Social

राजस्थान के नामवर ध्रुवपद गायक पं.लक्ष्मण भट्ट तैलंग का शनिवार सुबह लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। 93वें वर्षीय पं.लक्ष्मण भट्ट तैलंग पिछले कई दिनों से जयपुर के दुर्लभजी अस्पताल में भर्ती थे। जहां डॉक्टर की निगरानी में उनका इलाज चल रहा था।

Pandit Lakshman Bhatt Tailang Passed Away: राजस्थान के नामवर ध्रुवपद गायक पं.लक्ष्मण भट्ट तैलंग का शनिवार सुबह लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। 93वें वर्षीय पं.लक्ष्मण भट्ट तैलंग पिछले कई दिनों से जयपुर के दुर्लभजी अस्पताल में भर्ती थे। जहां डॉक्टर की निगरानी में उनका इलाज चल रहा था। उनके पारिवारिक सूत्रों के अनुसार उन्होंने सुबह 9 बजकर 55 मिनट पर अंतिम सांस ली। गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारत सरकार की ओर से राजस्थान के चार कलाकारों को पद्मश्री पुरस्कार देने की घोषणा की गई थी, उनमें से एक ध्रुवपद गायक लक्ष्मण भट्ट तैलंग का नाम भी शामिल था।

93 वर्ष की उम्र में भी देते रहे शिक्षा
पं.लक्ष्मण भट्ट 93 साल की उम्र में नई पीढ़ी को ध्रुवपद गायकी की शिक्षा देते रहे। उन्होंने अपने पुत्र रविशंकर और सभी पुत्रियों शोभा, उषा, निशा, मधु, पूनम और आरती को संगीत की गहन शिक्षा प्रदान की और उन्हें अलग-अलग विधाओं में पारंगत बनाया। इसके अलावा समय-समय पर युवाओं को शिविरों के माध्यम से भी सामवेद की गायिकी का पाठ पढ़ाते रहे। सन 1928 पं. गोकुल चन्द्र भट्ट के घर पंडित लक्ष्मण भट्ट का जन्म हुआ था। इनके पितामह पं.गोपाल भट्ट व पिता पं.गोकुल चन्द्र भट्ट दोनों ही हवेली संगीत के पुरोधा गायक रहे।

यह भी पढ़ें

VIDEO: देर रात अचानक सामने आया पैंथर, ये 21 सेकंड का वीडियो वायरल होने बाद लोगों में भय का माहौल

कला साधना से पाई पहचान
भारतीय शास्त्रीय संगीत की ध्रुवपद गायन शैली के गायकों में पं.लक्ष्मण भट्ट तैलंग ने बड़ा नाम कमाया। उन्होंने जयपुर के ब्रह्मपुरी इलाके में रहते सैकड़ों की तादाद में शिष्य तैयार किए। ध्रुवपदाचार्य पं.लक्ष्मण भट्ट तैलंग ने ध्रुवपद गायकी को अपनी कला साधना से एक न‌ई गरिमा और पहचान पाई। उन्होंने अपनी पुत्री व सुप्रसिद्ध महिला ध्रुपद गायिका प्रो.मधु भट्ट तैलंग को साथ लेकर संगीत के नए नए आयाम स्थापित किए।

कला जगत में शोक की लहर
उनके निधन का समाचार फैलते ही कला जगत में शोक की लहर व्याप्त हो गई। प्रदेश के दर्जनों वरिष्ठ और युवा कलाकार ब्रह्मपुरी इलाके में स्थित उनके निवास पर एकत्रित हो गए। वरिष्ठ नाट्यकार पं.वासुदेव भट्ट, दिलीप भट्ट, डागर बंधुओं सहित पद्मश्री शाकिर अली, वरिष्ठ संस्कृतिकर्मी इकबाल ख़ान, चित्रकार रामू रामदेव ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।

राजस्थान की और समाचार देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Rajasthan News