राजस्थान की गर्म लपटों से झुलस रहा मप्र, दोपहर में पारा @41.7 के पार | Madhya Pradesh mercury crosses 41.7 in the afternoon with hot flames | Patrika News

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राजस्थान की गर्म लपटों से झुलस रहा मप्र, दोपहर में पारा @41.7 के पार | Madhya Pradesh mercury crosses 41.7 in the afternoon with hot flames | Patrika News

राजस्थान की गर्म लपटों से झुलस रहा मप्र, दोपहर में पारा @41.7 के पार

जबलपुर

Published: April 13, 2022 09:31:59 am

जबलपुर। राजस्थान से आ रही शुष्क गर्म हवा ने मामूली राहत दी है। पश्चिमी विक्षोभ के असर से लपट रुक गई है। मंगलवार को दोपहर के तापमान में हल्की गिरावट आयीं है। लेकिन गर्मी अभी भी बेहाल कर रही है। सूरज के तेवर तल्ख बने हुए हैं। तेज धूप परेशान कर रही है। कहीं-कहीं कुछ समय तक छाए हल्के बादलों से रात को पारा जरूर चढ़ गया है। लपट नहीं चलने से रात के समय तेज हवा से कुछ राहत है। लेकिन घरों के अंदर गर्मी बेचैन कर रही है। शहर में सोमवार के मुकाबले अधिकतम तापमान में 0.3 डिग्री की कमी आयीं है। ये मंगलवार को 41.7 डिग्री रेकॉर्ड हुआ। सामान्य से 4 डिग्री सी नीचे बना रहा। न्यूनतम तापमान मंगलवार को बढकऱ 26 डिग्री पर पहुंच गया। ये भी सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस ज्यादा बना रहा। उत्तर-पश्चिमी हवा 5 किमी प्रतिघंटा की गति से चलीं। आद्रर्ता सुबह के समय 35 प्रतिशत और शाम को 15 प्रतिशत थीं।

Madhya Pradesh

मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ इरान के आसपास पछुवा पवनों के बीच एक ट्रफ के रूप में है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के ऊपर चक्रवातीय गतिविधियों से मप्र और विदर्भ तक एक ट्रफ लाइन गुजर रही है। पश्चिमी असम और तटीय तमिलनाडु के क्षेत्रों में चक्रवातीय गतिविधियां मप्र तक सक्रिय है। राजस्थान में तापमान कम होने से पाकिस्तान से आ रही सूखी गर्म हवा कमजोर हो गई। लेकिन गर्मी से राहत की गुंजाइश नहीं है। बुधवार को संभाग में लू चलने का अनुमान है।

Electricity bill

गर्मी के साथ बढ़ी बिजली की खपत, 3665 मेगावॉट पर पहुंची डिमांड
गर्मी बढऩे के साथ बिजली की मांग भी बढ़ गई है। पिछले साल की तुलना में इस बार पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी में करीब 600 मेगावॉट बिजली की मांग अधिक बनी हुई है। गत वर्ष तीन हजार मेगावॉट बिजली की मांग दर्ज हुई थी, जो इस बार 3655 मेगवॉट तक पहुंच गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में अघोषित बिजली कटौती से ग्रामीण परेशान हैं। कुछ फीडरों में कृषि पम्प चल रहे हैं। बिजली आपूर्ति व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए बिजली कम्पनी की ओर से अलग-अलग फीडर्स से बिजली सप्लाई की जा रही है। पहला कृषि पंप के लिए फीडर, इसमें तय शेडï्यूल पर 10 घंटे बिजली दी जाती है। दूसरा, घरेलू फीडर, इसमें घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली आपूर्ति की जाती है। कई क्षेत्रों में फीडर सेपरेशन नहीं होने से घरेलू फीडर और कृषि फीडर संयुक्त लाइन पर चल रहे हैं।

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