राकेश झुनझुनवाला ने आखिर ऐसा क्या कह दिया कि सोशल मीडिया पर इकनॉमिस्ट्स होने लगे ट्रोल

194


राकेश झुनझुनवाला ने आखिर ऐसा क्या कह दिया कि सोशल मीडिया पर इकनॉमिस्ट्स होने लगे ट्रोल

हाइलाइट्स:

  • राकेश झुनझुनवाला के एक बयान पर ट्विटर में economists पर बहस
  • झुनझुनवाला ने कहा कि इकनॉमिस्ट की बात सुनते तो नहीं बना पाते पैसा
  • भारत के Warren Buffett और बिग बुल के नाम में मशहूर हैं झुनझुनवाला

नई दिल्ली
भारत के वारेन बफे (Warren Buffett) कहे जाने वाले दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) के एक बयान पर ट्विटर में अर्थशास्त्रियों (economists) को लेकर बहस छिड़ी हुई है। बिग बुल (Big Bull) ने एक इंटरव्यू में कहा कि अगर उन्होंने इकनॉमिस्ट्स की बात सुनी होती तो वह कभी भी पैसा नहीं बना पाते। उनके इस बयान को सिद्धार्थ पई ने ट्वीट किया। उन्होंने साथ ही लिखा कि झुनझुनवाला ने लाख टके की बात कही है। आपने कितने अरबपति इकनॉमिस्ट्स देखे हैं।

सिद्धार्थ पई के इस ट्वीट पर यूजर्स ने काफी दिलचस्प कमेंट किए हैं। कुशल भारत बगाड़िया ने लिखा, ‘मुझे लगता है कि इकनॉमिक्स सबसे खराब विज्ञान है। इसकी वजह है कि मुझे यह सिंपल कॉन्सेप्ट समझ में नहीं आता है। कार ने आदमी को टक्कर मारी, आदमी घायल हो गया, अस्पताल गया और कार रिपेयर के लिए गई। रिपेयर सेंटर, हॉस्पिटल और फार्मेसी की कमाई हुई। जीडीपी में तेजी आई। नो एक्सीडेंट=नो जीडीपी। जीडीपी ग्रोथ में एक्सीडेंट्स का योगदान है।’

इकनॉमिस्ट्स चांदी के बर्तनों की तरह
लक्ष्य नरूला लिखते हैं कि वेतन पाने वाले कितने लोग अरबपति बनते हैं। फिर इकनॉमिस्ट्स भी निशाने पर क्यों। हर्षद शाह ने लिखा कि इकनॉमिस्ट्स कभी भी अरबपति नहीं होते और न ही अमीर होते हैं। वे आंकड़े के इतर नहीं सोच सकते हैं। अमीर बनने के लिए आपको जोखिम उठाना पड़ता है और कभी-कभी नुकसान भी होता है। यश हांडा लिखते हैं कि किताब पढ़ना और ग्राफ बनाना असल जिंदगी में काम नहीं आता है। संजय सेठ ने लिखा, ‘इकनॉमिस्ट्स चांदी के बर्तनों की तरह होते हैं। वे हमारे पास होते हैं, हम उन्हें संभालकर रखते हैं, उन्हें पसंद करते हैं, लेकिन रोज इस्तेमाल नहीं करते हैं, अगर वे हमारे पास नहीं होंगे तो हमारा कुछ नुकसान नहीं होगा।’

नीदरलैंड ने भारत से पैसेंजर फ्लाइट्स पर रोक हटाई, लेकिन क्वारंटाइन में रहना होगा 10 दिन

झुनझुनवाला की नेटवर्थ 18000 करोड़ रुपये से ज्यादा
मार्च 2021 में खत्म हुई तिमाही के अंत में राकेश झुनझनवाला की नेटवर्थ 18,432 करोड़ रुपये थी। उनका निवेश करीब तीन दर्जन कंपनियों में है। उनके पोर्टफोलियो में टाटा मोटर्स (Tata Motors), ल्यूपिन (Lupin), टाइटन (Titan), क्रिसिल (Crisil), Rallis India, नजारा टेक्नोलॉजीज (Nazara Technologies) और फेडरल बैंक जैसे शेयर शामिल हैं। शेयर मार्केट को लेकर झुनझुनवाला की दीवानगी किसी से छिपी नहीं है। उनका बचपन से ही शेयर बाजार (Share Market) की तरफ झुकाव रहा है। एक इंटरव्यू में झुनझुनवाला ने खुद बताया था कि जब वो 9 साल के थे, तब अक्सर अपने पिता से शेयर बाजार को लेकर सवाल पूछा करते थे।



Source link