ये हसी वादियां ये खुला आसमान…… | valuable land of Telecom Factory | Patrika News
जबलपुर . टेलीकॉम फैक्ट्री की 70 एकड़ बेशकीमती भूमि पर नेता और अफसरों की नजर है। यह इलाका तेजी से विकसित हो रहा है। आसपास बडे़ मॉल और मल्टी प्रोडक्ट स्टोर खुल रहे हैं। फैक्ट्री के किनारे फ्लाईओवर गुजरता है। चाराें तरफ 20 बड़ी कॉलोनियों की बसाहट है। इसकी कीमत सभी जानते हैं। इसलिए उस पर डोरे डाले जा रहे हैं। पत्रिका ने यहां उद्यान बनाने की पहल की है। यह अब जनआंदोलन बन गया है।
आवासीय क्षेत्र में होती थी चहल-पहल
80 साल पुरानी फैक्ट्री का अपना इतिहास है। आयुध निर्माणियों की तरह इसका शहर की अर्थव्यवस्था में योगदान रहा है। इसमें चार हजार कर्मचारी काम करते थे। आवासीय क्षेत्र में चहल-पहल होती थी। अब यह इलाका सुनसान हो गया है। फैक्ट्री तथा रहवासी क्षेत्र में 8 हजार पेड़ हैं जो कि इस इलाके को ऑक्सीजन टैंक बनाते हैं। आसपास की कॉलोनियों के लोगों को ताजी हवा यही से मिलती है। संगठन और आम आदमी भी जुड़ा पत्रिका के अभियान से यहां का हर आदमी जुड़ रहा है। यदि एक बार इस जमीन का विक्रय हो गया तो हरियाली मिट जाएगी। भावी पीढि़यों को टहलने के साथ खेलने कूदने की जगह भी नहीं बचेगी। ताजी हवा भी नहीं मिलेगी।
18 से 64 हजार रुपए वर्गमीटर दर
टेलीकॉम फैक्ट्री और आसपास के क्षेत्र में जमीनों की कीमत बहुत अधिक है। आवासीय दर 18 हजार से लेकर 40 हजार रुपए वर्गमीटर तक है। वहीं कमर्शियल दरों की बात करें तो वह 22 हजार से लेकर 64 हजार रुपए वर्गमीटर है। यह तो पंजीयन कार्यालय का आंकड़ा है, लेकिन असल में भूखंडों का विक्रय इनसे कई गुना ज्यादा दरों पर होता है। इसलिए टेलीकॉम फैक्ट्री प्रबंधन और राज्य शासन इसे बेचने की फिराक में हैं।
वायु की गुणवत्ता बेहतर इस इलाके में
वायु की गुणवत्ता शहर के दूसरे इलाकों की तुलना में बेहतर रहती है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) का आंकडा भी इसे प्रमाणित करता है। स्नेहनगर और यादव कॉलोनी क्षेत्र में एक्यूआई पीएम-2 का स्तर 25 तो पीएम 2 की बात करें तो वह 04 है। जबकि जसूजा सिटी की बात करें तो वहां यह क्रमश: 39 और 10 है।
हरियाली बचाने के लिए हस्ताक्षर
क्षेत्रीयजनों ने शुक्रवार को हस्ताक्षर अभियान चलाया। लोगों ने कहा कि पत्रिका का यह अभियान प्रकृति और हरियाली को बचाने के लिए है। हम चाहते हैं कि पेड़ पौधे बचें और यहां पर एक उद्यान बने। शनिवार को जेडीएस आवासीय कल्याण महासंघ, वाक एंड क्लीन, कल्चुरी महासभा और गढ़ा नागरिक मंच के पदाधिकारी और कार्यकर्ता इस अभियान में शामिल होकर आसपास के क्षेत्रों में जाकर हस्ताक्षर करवाएंगे।
शहर में कुछ ही जगह हैं, जहां हरियाली बची है। उनमें टेलीकाॅम फैक्ट्री भी एक है। ये इलाका पेड़-पौधों से आबाद रहना चाहिए। पत्रिका की यह अच्छी मुहिम है। यहां एक उद्यान विकसित किया जा सकता है। इसका फायदा वर्तमान के साथ आने वाली पीढि़यों को मिलेगा।
संजय वर्मा, अध्यक्ष, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन
टेलीकॉम फैक्ट्री की जमीन पर बगीचा का निर्माण होना चाहिए। यह आसपास के इलाके के लोगों के साथ शहर के लिए एक सौगात होगी। यह सरकारी जमीन है। जनहित को ध्यान में रखकर यहां उद्यान बनना चाहिए। पत्रिका की मुहिम सराहनीय है।
अखिलेश मेहता, अध्यक्ष पेट्रोल-डीजल डीलर्स वेलफेयर एसोसिएशन