यूरोप में उतरा ‘जयपुर’ , गांव के कलाकार मचा रहे विदेशों में धूम, सालभर जारी रहेगा सिलसिला
जयपुर .
देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर जश्न को ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के रूप में मनाया जा रहा है। इसी के तहत जयपुर का धोद बैंड इन दिनों यूरोप के अलग-अलग शहरों में राजस्थानी कला और संस्कृति की छाप छोड़ रहा है। भारतीय दूतावास के साथ कोलाब्रेशन पर जयपुर का यह बैंड फ्रांस के पेरिस, बुईये, बुलुआ सहित 13 शहरों में अगले एक साल तक लाइव म्यूजिक कंसर्ट कर रहा है। इस सफऱ की शुरुआत 9 अक्टूबर को फ्रांस के बुईये शहर से हुई है।
जयपुर का धोंद ग्रुप
महारानी एलिजाबेथ से लेकर पीएम मोदी देख चुके फरफॉर्मेंस
बैंड के डायरेक्टर और म्यूजिशियन रहीस भारती ने बताया कि इससे पहले भी बैंड अपने कलाकारों के साथ यूरोप के कई शहरों में अपनी राजस्थानी कला की छाप छोड़ चुका है। उन्होंने बताया कि राजस्थान के धोद ग्रुप के कलाकार राजस्थान संस्कृति का परचम अब तक 110 देशों तक में लहराया चुके है। अब तक 1200 से अधिक म्यूजिक कंसर्ट किये है। इसमें वे इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ,भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, फ्रांस के राष्ट्रपति समेत कई मशहूर हस्तियों के समक्ष अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके हैं।
छोटे गांवों- कस्बों से निकले छाए विश्व फलक पर
उल्लेखनीय है कि म्यूजिशियन रहीस भारती के इस ग्रुप के राजस्थान के विभिन्न छोटे गांवों और कस्बों स्थानीय कलाकार है, जो आज अपनी गायकी का परचम पूरी दुनिया में फैला चुके हैं। रहीस भारती ने बताया कि डिज्नीलैंड में लगातार चार महीने तक प्रस्तुति देने वाला धोद बैंड भारत का पहला बैंड है। साल 2019 में मई से सितंबर महीने तक बैंड ने अपनी प्रस्तुति दी। इस दौरान 50 लाख से ज्यादा दर्शकों ने इसका लुत्फ उठाया। जबकि बैंड अपने छोटे से सफर में अब तक 700 से अधिक कलाकारों को मंच तथा एक अलग पहचान दे चुका है। ये सभी लोग राजस्थान के विभिन्न गांवों में शादी-विवाह में गाने बजाने का काम करते थे लेकिन अब इन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कुछ अलग करने का मौका मिल रहा है।
20 साल पहले धोद गांव से शुरू सफर, अब अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुंचा
रहीस भारती के अनुसार देश से बाहर विदेशी सरजमीं पर अकेले नाम कमाना इतना आसान नहीं है। कड़ी लगन और मेहनत से उन्होंने अपने कलाकार साथियों के साथ मिलकर यह मुकाम हासिल किया है। उल्लेखनीय है कि 20 साल पहले कलाकार रहीस भारती ने अपने पैतृक गांव धोद के नाम से बैंड की शुरुआत की। वहीं गांव में कलाकारों की तलाश की। वर्ष 2000 में छोटे से गांव धोद से शुरू हुआ सफर आज दुनिया के विराट मंचों तक पहुंच चुका है।
फ्रांस के जाने माने लेखक मार्टिन ले कोज ने लिखी भारती पर किताब
फ्रांस के जाने माने लेखक मार्टिन ले कोज भारती के जीवन पर आधारित किताब ‘राजस्थान की दिल की धड़कन रहीस भारती’ लिखी है जो संभवतः जल्द प्रकाशित होगी। यह किताब 200 पेजों में फ्रांसीसी भाषा में लिखी गई है। किताब बेहद खास है क्योंकि इसमें रहीस भारती के संघर्ष और उपलब्धियों के अलावा राजस्थान की संस्कृति और स्मारकों को बेहतर जगह दी गई है। इसके अलावा इसे कई भाषाओं में अनुवादित भी किया जाएगा।
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देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर जश्न को ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के रूप में मनाया जा रहा है। इसी के तहत जयपुर का धोद बैंड इन दिनों यूरोप के अलग-अलग शहरों में राजस्थानी कला और संस्कृति की छाप छोड़ रहा है। भारतीय दूतावास के साथ कोलाब्रेशन पर जयपुर का यह बैंड फ्रांस के पेरिस, बुईये, बुलुआ सहित 13 शहरों में अगले एक साल तक लाइव म्यूजिक कंसर्ट कर रहा है। इस सफऱ की शुरुआत 9 अक्टूबर को फ्रांस के बुईये शहर से हुई है।
जयपुर का धोंद ग्रुप
महारानी एलिजाबेथ से लेकर पीएम मोदी देख चुके फरफॉर्मेंस
बैंड के डायरेक्टर और म्यूजिशियन रहीस भारती ने बताया कि इससे पहले भी बैंड अपने कलाकारों के साथ यूरोप के कई शहरों में अपनी राजस्थानी कला की छाप छोड़ चुका है। उन्होंने बताया कि राजस्थान के धोद ग्रुप के कलाकार राजस्थान संस्कृति का परचम अब तक 110 देशों तक में लहराया चुके है। अब तक 1200 से अधिक म्यूजिक कंसर्ट किये है। इसमें वे इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ,भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, फ्रांस के राष्ट्रपति समेत कई मशहूर हस्तियों के समक्ष अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके हैं।
छोटे गांवों- कस्बों से निकले छाए विश्व फलक पर
उल्लेखनीय है कि म्यूजिशियन रहीस भारती के इस ग्रुप के राजस्थान के विभिन्न छोटे गांवों और कस्बों स्थानीय कलाकार है, जो आज अपनी गायकी का परचम पूरी दुनिया में फैला चुके हैं। रहीस भारती ने बताया कि डिज्नीलैंड में लगातार चार महीने तक प्रस्तुति देने वाला धोद बैंड भारत का पहला बैंड है। साल 2019 में मई से सितंबर महीने तक बैंड ने अपनी प्रस्तुति दी। इस दौरान 50 लाख से ज्यादा दर्शकों ने इसका लुत्फ उठाया। जबकि बैंड अपने छोटे से सफर में अब तक 700 से अधिक कलाकारों को मंच तथा एक अलग पहचान दे चुका है। ये सभी लोग राजस्थान के विभिन्न गांवों में शादी-विवाह में गाने बजाने का काम करते थे लेकिन अब इन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कुछ अलग करने का मौका मिल रहा है।
20 साल पहले धोद गांव से शुरू सफर, अब अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुंचा
रहीस भारती के अनुसार देश से बाहर विदेशी सरजमीं पर अकेले नाम कमाना इतना आसान नहीं है। कड़ी लगन और मेहनत से उन्होंने अपने कलाकार साथियों के साथ मिलकर यह मुकाम हासिल किया है। उल्लेखनीय है कि 20 साल पहले कलाकार रहीस भारती ने अपने पैतृक गांव धोद के नाम से बैंड की शुरुआत की। वहीं गांव में कलाकारों की तलाश की। वर्ष 2000 में छोटे से गांव धोद से शुरू हुआ सफर आज दुनिया के विराट मंचों तक पहुंच चुका है।
फ्रांस के जाने माने लेखक मार्टिन ले कोज ने लिखी भारती पर किताब
फ्रांस के जाने माने लेखक मार्टिन ले कोज भारती के जीवन पर आधारित किताब ‘राजस्थान की दिल की धड़कन रहीस भारती’ लिखी है जो संभवतः जल्द प्रकाशित होगी। यह किताब 200 पेजों में फ्रांसीसी भाषा में लिखी गई है। किताब बेहद खास है क्योंकि इसमें रहीस भारती के संघर्ष और उपलब्धियों के अलावा राजस्थान की संस्कृति और स्मारकों को बेहतर जगह दी गई है। इसके अलावा इसे कई भाषाओं में अनुवादित भी किया जाएगा।