यूपी में संस्कृति पुरस्कारों की संख्या एवं धनराशि बढ़ाने के लिए कमेटी का गठन, 11 लाख मिलेंगे कैश | Committee formed to cultural awards in UP cash with certificate | Patrika News h3>
पर्यटन मंत्री ने निदेशालय में संस्कृति विभाग के पुरस्कारों के संबंध में एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संगीत, नृत्य, ललित कला लोक कला, नाटक आदि के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कलाकारों को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। इस सम्मान की धनराशि एवं पुरस्कारों की संख्या बढ़ाने के लिए भारत सरकार, दूसरे प्रदेशों तथा राज्य सरकार द्वारा दिये जाने वाले पुरस्कारों का गहनता से अध्ययन कर लिया जाए।
संगीत अकादमी, ललितकला अकादमी, वृन्दावन अकादमी, भारतेन्दु नाटक अकादमी, जैन शोध सस्थान, कत्थक संस्थान, लोक व जनजातीय कला संस्थान, बौद्ध शोध संस्थान अपने-अपने संस्थान के माध्यम से सराहनीय कार्य करने वाले व्यक्तियों के नाम पर पुरस्कार देने पर विचार किया जाये ताकि उनके योगदान को सम्मान दिया जा सके। उन्होंने संस्कृति विभाग को यह भी निर्देश दिये कि प्रति वर्ष समस्त संस्थान और अकादमी प्रदेश के 75 जनपदों मंे ग्रीष्म कालीन और शीतकालीन प्रशिक्षण कैम्प लगाकर गीत-संगीत, कला, चित्रकला, क्राफ्ट, स्क्रीन प्रिंटिग, हस्तशिल्प, पेंटिंग आदि में बच्चों को प्रशिक्षण प्रदान करे ताकि बच्चों में कला के प्रति अभिरूचि को जागृत किया जा सके।
जयवीर सिंह ने यह भी कहा कि ग्रामीण अंचलों में रहने वाले संगीत व अन्य सभी विधाओं के कलाकारों के ऑनलाइन पंजीकरण के लिए वेबसाइट सालभर खुली रखी जाए। उन्होंने कहा कि जनपद व मण्डल स्तर पर कलाकारों की प्रतिभा खोज प्रतियोगिता कराकर अच्छी प्रतिभाओं का पंजीकरण कराकर उनको पहचान पत्र दिलाया जाए ताकि प्रदेश में बड़े पर्वों, मेलों एवं अन्य अवसरों पर उनको प्रतिभा दिखाने का अवसर मिल सके। उन्होंने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य बिलुप्त होती जा रही लोक कलाओं को पुनर्जीवित किया जा सके। इसके साथ ही कलाकारों को एकमंच प्रदान कर उन्हें अवसर प्रदान किया जा सके। उन्होंने इस अवसर पर संस्कृति एवं पुरातत्व निदेशालय के अधिकारियों को निर्देश दिये कि जो कर्मी वार्षिक स्थानान्तरण नीति के अंतर्गत आच्छादित हो रहे हैं, उनके स्थानान्तरण के प्रस्ताव निर्धारित समय के अंदर प्रस्तुत किया जाए।
4 राज्यों में विजिट करने गए अधिकारियों ने सौंपी रिपोर्ट
इस अवसर पर तमिलनाडु, राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल भेजे गए अधिकारी समूह द्वारा अपने अध्ययन भ्रमण की रिपोर्ट का भी प्रस्तुतीकरण किया गया। इन रिपोर्ट के आधार पर सफल व श्रेष्ठ प्रयोगों को उत्तर प्रदेश में भी अपनाया जायेगा। बैठक में मौजूद प्रमुख सचिव, पर्यटन मुकेश मेश्राम, संस्कृति निदेशालय के अधिकारियों को निर्देश दिये कि निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए. इस अवसर पर विशेष सचिव संस्कृति आनंद कुमार सिंह, रेणूरंग भारती एवं अन्य अधिकारीगण मौजूद थे।
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पर्यटन मंत्री ने निदेशालय में संस्कृति विभाग के पुरस्कारों के संबंध में एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संगीत, नृत्य, ललित कला लोक कला, नाटक आदि के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कलाकारों को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। इस सम्मान की धनराशि एवं पुरस्कारों की संख्या बढ़ाने के लिए भारत सरकार, दूसरे प्रदेशों तथा राज्य सरकार द्वारा दिये जाने वाले पुरस्कारों का गहनता से अध्ययन कर लिया जाए।
संगीत अकादमी, ललितकला अकादमी, वृन्दावन अकादमी, भारतेन्दु नाटक अकादमी, जैन शोध सस्थान, कत्थक संस्थान, लोक व जनजातीय कला संस्थान, बौद्ध शोध संस्थान अपने-अपने संस्थान के माध्यम से सराहनीय कार्य करने वाले व्यक्तियों के नाम पर पुरस्कार देने पर विचार किया जाये ताकि उनके योगदान को सम्मान दिया जा सके। उन्होंने संस्कृति विभाग को यह भी निर्देश दिये कि प्रति वर्ष समस्त संस्थान और अकादमी प्रदेश के 75 जनपदों मंे ग्रीष्म कालीन और शीतकालीन प्रशिक्षण कैम्प लगाकर गीत-संगीत, कला, चित्रकला, क्राफ्ट, स्क्रीन प्रिंटिग, हस्तशिल्प, पेंटिंग आदि में बच्चों को प्रशिक्षण प्रदान करे ताकि बच्चों में कला के प्रति अभिरूचि को जागृत किया जा सके।
जयवीर सिंह ने यह भी कहा कि ग्रामीण अंचलों में रहने वाले संगीत व अन्य सभी विधाओं के कलाकारों के ऑनलाइन पंजीकरण के लिए वेबसाइट सालभर खुली रखी जाए। उन्होंने कहा कि जनपद व मण्डल स्तर पर कलाकारों की प्रतिभा खोज प्रतियोगिता कराकर अच्छी प्रतिभाओं का पंजीकरण कराकर उनको पहचान पत्र दिलाया जाए ताकि प्रदेश में बड़े पर्वों, मेलों एवं अन्य अवसरों पर उनको प्रतिभा दिखाने का अवसर मिल सके। उन्होंने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य बिलुप्त होती जा रही लोक कलाओं को पुनर्जीवित किया जा सके। इसके साथ ही कलाकारों को एकमंच प्रदान कर उन्हें अवसर प्रदान किया जा सके। उन्होंने इस अवसर पर संस्कृति एवं पुरातत्व निदेशालय के अधिकारियों को निर्देश दिये कि जो कर्मी वार्षिक स्थानान्तरण नीति के अंतर्गत आच्छादित हो रहे हैं, उनके स्थानान्तरण के प्रस्ताव निर्धारित समय के अंदर प्रस्तुत किया जाए।
4 राज्यों में विजिट करने गए अधिकारियों ने सौंपी रिपोर्ट
इस अवसर पर तमिलनाडु, राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल भेजे गए अधिकारी समूह द्वारा अपने अध्ययन भ्रमण की रिपोर्ट का भी प्रस्तुतीकरण किया गया। इन रिपोर्ट के आधार पर सफल व श्रेष्ठ प्रयोगों को उत्तर प्रदेश में भी अपनाया जायेगा। बैठक में मौजूद प्रमुख सचिव, पर्यटन मुकेश मेश्राम, संस्कृति निदेशालय के अधिकारियों को निर्देश दिये कि निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए. इस अवसर पर विशेष सचिव संस्कृति आनंद कुमार सिंह, रेणूरंग भारती एवं अन्य अधिकारीगण मौजूद थे।