यूपी बीजेपी में जल्द हो सकता है ‘आंशिक’ बदलाव, इन 5 नेताओं से वापस ली जा सकती है संगठन की जिम्मेदारी

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यूपी बीजेपी में जल्द हो सकता है ‘आंशिक’ बदलाव, इन 5 नेताओं से वापस ली जा सकती है संगठन की जिम्मेदारी

यूपी बीजेपी में जल्द हो सकता है ‘आंशिक’ बदलाव, इन 5 नेताओं से वापस ली जा सकती है संगठन की जिम्मेदारी


लखनऊः भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश के अपने संगठन में बदलाव की तैयारी कर रही है। सोमवार को लखनऊ में आयोजित पार्टी की मीटिंग में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने इस पर सहमति दी है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने यह बात कही है। उन्होंने कहा कि संतोष की सहमति के बाद जल्दी ही संगठन में आंशिक बदलाव किए जाएंगे। हालांकि चौधरी ने पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में प्रस्तावित बदलावों के बारे में नहीं बताया, लेकिन सूत्रों के मुताबिक पार्टी के 5 नेताओं को बदलने की संभावना है, जिन्हें पिछले साल भाजपा के सत्ता में लौटने के बाद योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था।

बैठक के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने संगठन में आंशिक बदलाव की सहमति दी है। जल्द ही यूपी संगठन में बदलाव किए जाएंगे। जिन नेताओं को संगठन से हटाया जा सकता है, उनमें शहरी विकास मंत्री एके शर्मा और परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह शामिल हैं। दोनों के पास संगठन में प्रदेश उपाध्यक्ष का प्रभार भी है। इसी तरह सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौड़ प्रदेश महासचिव का पद छोड़ेंगे। महिला कल्याण मंत्री बेबीरानी मौर्य को भी केंद्रीय नेतृत्व की मंजूरी के बाद राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद छोड़ना होगा। इसी तरह, समाज कल्याण मंत्री नरेंद्र कश्यप ओबीसी मोर्चा प्रमुख का पद छोड़ देंगे।

भाजपा संगठन में शामिल किए गए नए लोगों में पूर्व मंत्रियों- जय प्रताप सिंह, उपेंद्र तिवारी और सुरेश राणा के नाम पिछले कुछ दिनों से चर्चा में हैं। हालांकि, अंतिम फैसला पार्टी आलाकमान की मंजूरी के बाद लिया जाएगा।

कार्यकर्ताओं को किया प्रेरित
बैठक के बाद भूपेंन्द्र सिंह चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के संकल्प की पूर्णतः में हर कार्यकर्ता को जुटना है। हर कार्यकर्ता को वैभवशाली राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका सुनिश्चित करना है। राधा मोहन सिंह ने बैठक में कहा कि भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता विचारधारा के लिए कार्य करता है और उस विचारधारा के मूल में वैभवशाली राष्ट्र निर्माण है।

भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो नोटबंदी की थी इस दौरान तमाम राजनीतिक दलों के द्वारा प्रतिक्रियाएं दी गई थी जिसमें 58 याचिकाएं नोट बंदी को लेकर दाखिल की गई थी। उसको अस्वीकार कर दिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने नोटबंदी को सही ठहराने का काम किया है। यह उन लोगों पर तमाचा है जो नोट बंदी को लेकर सवाल खड़े करते थे। ओबीसी आरक्षण को लेकर चौधरी ने कहा कि आज सरकार सुप्रीम कोर्ट गई याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया हैं। इसकी सुनवाई 4 जनवरी से शुरू होगी।

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