यूपी ने इन दो शहरों में लागू होने जा रही पुलिस कमिश्नर प्रणाली, जानें जिलों के नाम | Police commissioner system will be effective in these cities | Patrika News

167

यूपी ने इन दो शहरों में लागू होने जा रही पुलिस कमिश्नर प्रणाली, जानें जिलों के नाम | Police commissioner system will be effective in these cities | Patrika News

माना जा रहा है कि इस फैसले के चलते गाजियाबाद में पूर्णकालिक एसएसपी की तैनाती रुकी हुई है। वहां, पवन कुमार के एसएसपी के पद से निलंबित होने के बाद पहले आईजी फिर डीआईजी और बाद में एसएसपी रैंक के अफसर को कार्यवाहक एसएसपी बनाकर भेजा गया है। जबकि, इसी अवधि में निलंबित हुए दो जिला अधिकारी सोनभद्र औरैया में तैनाती उसी दिन चंद घंटों में ही कर दी गई है।

लखनऊ

Updated: April 11, 2022 02:08:03 pm

Police commissioner system प्रदेश के दो बड़े शहरों में पुलिस आयुक्त प्रणाली इसी सप्ताह लागू हो सकती है। इसे लेकर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। महकमे के अफसर इसे दबी जुबान में स्वीकार भी करने लगे हैं। हालांकि, निर्णय शासन स्तर पर होना है और कैबिनेट में प्रस्ताव लाने के बाद ही अंतिम फैसला लिजा जा सकता है ऐसे में शासन के अफसरों ने इसकी गोपनीयता को बनाए रखा है। सूत्रों का कहना है कि इस प्रणाली को लेकर शासन और पुलिस महकमे में अलग-अलग राय है।0 एक वर्ग इसे कामयाब बता रहा है तो कुछ का कहना है कि यह प्रणाली जिस मकसद से शुरू की गई थी उसे पूरा नहीं कर पा रही है।

गाजियाबाद में रुकी तैनाती माना जा रहा है कि इस फैसले के चलते गाजियाबाद में पूर्णकालिक एसएसपी की तैनाती रुकी हुई है। वहां, पवन कुमार के एसएसपी के पद से निलंबित होने के बाद पहले आईजी फिर डीआईजी और बाद में एसएसपी रैंक के अफसर को कार्यवाहक एसएसपी बनाकर भेजा गया है। जबकि, इसी अवधि में निलंबित हुए दो जिला अधिकारी सोनभद्र औरैया में तैनाती उसी दिन चंद घंटों में ही कर दी गई है।

गौतमबुध नगर में लगाई गई थी प्रणाली गौतम बुध नगर में 9 जनवरी 2020 को तात्कालिक एसएसपी वैभव कृष्ण को निलंबित कर दिया गया था और इसके 4 दिन बाद वहां कमिश्नर प्रणाली लागू करने की घोषणा की गई थी। 2020 में लखनऊ और गौतम बुध नगर में आयुक्त प्रणाली लागू की गई थी। 2021 में कानपुर नगर और वाराणसी में इसका विस्तार किया गया। माना जा रहा है कि गाजियाबाद और मेरठ या गाजियाबाद और प्रयागराज में इस व्यवस्था को जल्द लागू किया जा सकता है।

ये भी पढ़ें: प्रतिबंध: अब इस उम्र के लोग नहीं कर पाएंगे हज यात्रा, जानें आज का अपडेट गाजियाबाद होगा अलगा जिला राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के प्रमुख शहरों में केवल गाजियाबाद ही ऐसा शहर बचा है जहां पुलिस आयुक्त प्रणाली नहीं है। गाजियाबाद में अपराध का रेट भी प्रदेश के अन्य जिलों की तुलना में काफी अधिक है। गाजियाबाद की अधिकतर आबादी शहरी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस बात पर जोर दे रहे हैं कि बड़ी आबादी वाले शहरों में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू की जाए।
ये भी पढ़ें: अब गवर्नमेंट ऑफ यूपी का ट्विटर हैंडल हैक, भाजपा के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी
newsletter

अगली खबर

right-arrow



उत्तर प्रदेश की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Uttar Pradesh News