यमदूत बनकर दौड़ रहीं बसें, सवारी बैठाने की होड़ में छीन रहीं जिंदगियां

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यमदूत बनकर दौड़ रहीं बसें, सवारी बैठाने की होड़ में छीन रहीं जिंदगियां

हर रूट के परमिट में कुछ ही मिनटों के फासले से दुर्घटना की बढ़ रही आशंका

इंदौर. पिछले दिनों 13 साल का मासूम लकी बीमार बहन का हालचाल जानने साइकिल से मरीमाता से गुजर रहा था, तभी तेज गति बस ने उसे टक्कर मार दी। हादसे में उसकी मौत हो गई। यह हालात अकेले उज्जैन रोड के नहीं हैं। एेसी दुर्घटनाएं आए दिन देवास, खंडवा, पीथमपुर, महू और धार रोड पर देखने को मिल जाती हैं। बसों की तेज रफ्तार लोगों की जान ले रही है।
उज्जैन, देवास, धार, पीथमपुर, महू, खंडवा, खरगोन आदि रूटों पर रोजाना तेज गति से बसें दौड़ती देखी जा सकती हैं। बेलगाम बसों से कई मौतें हो चुकी है। एक्सीडेंट होना तो आम है, लेकिन परिवहन विभाग और पुलिस इस मामले की अनदेखी कर रहे हैं।
हर 5 मिनट में एक बस से दुर्घटना
उज्जैन के लिए हर 5 मिनट, महू 2.30 मिनट, पीथमपुर 2.30 मिनट, धार 10 मिनट, खंडवा 5 मिनट, खरगोन 10 मिनट और देवास के रूटों पर हर ५ मिनट में एक बस का परमिट है, जबकि यह समय बहुत ही
कम है। बसों के टाइम में ज्यादा अंतराल नहीं होने से दुर्घटनाएं हो रही हैं। जरूरत से ज्यादा परमिट होने से एेसी स्थिति बन रही है।
परिवहन विभाग की लापरवाही
परमिटों में कम समय अंतराल होना परिवहन विभाग की बड़ी लापरवाही है, क्योंकि संभागीय परिवहन और क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों से परमिट जारी होते हैं। अफसर ही समय तय करते हैं। आवेदन के आधार सुनवाई होती है, जिसमें दावे-आपत्ति बुलाते हैं। इसके बाद परमिट जारी होता है, जबकि यह नहीं देखा जाता कि संबंधित रूट पर कितने परमिट हैं?
यात्री बैठाने की जल्दबाजी
बसों की तेज गति का कारण यात्रियों को बैठाने की होड़ है। जिस रूट पर बसों में ५ मिनट का अंतराल है तो होड़ बढ़ जाती है। अगर बस की धीमी गति होती है तो पीछे वाली बस आगे होकर अगले स्टॉप पर खड़े यात्री को बैठा लेती है। एेसे में टाइम पर चलने की आड़ में यात्रियों को बसों में बैठाने की होड़ रहती है, इसलिए ड्राइवर तेज गति से गाडि़यां चलाते हैं।
परमिट के टाइम की करेंगे समीक्षा
जब भी परमिट के आवेदन आते हैं तो सभी पहलू देखे जाते हैं। दावे-आपत्ति भी बुलाई जाती है। लंबी प्रक्रिया के बाद ही परमिट जारी होते हैं। शहर में चलने वाली बसों के परमिट के टाइम को दिखवाकर समीक्षा की जाएगी।
-सपना जैन, डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर
पुलिस करती है कार्रवाई
यह सही है कि बस वालों में आपसी प्रतिस्पर्धा होने से वाहन की स्पीड तेज होती है जो कि दुर्घटना का एक कारण है। परमिट के टाइम का निर्धारण परिवहन विभाग करता है। पुलिस तेज गति से चलने वाली बसों पर आए दिन कार्रवाई करती है।
-उमाकांत चौधरी, डीएसपी, ट्रैफिक



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