मैदान, पुस्तकालय का कर सकेंगे अन्य छात्र उपयोग | Other students will be able to use the ground, library | Patrika News
जबलपुरPublished: Aug 19, 2023 12:11:31 am
उच्च शिक्षा में की जा रही नई कवायद, संसाधन की कमी से जूझते कॉलेजों को होगा फायदा उच्च शिक्षा में की जा रही नई कवायद, संसाधन की कमी से जूझते कॉलेजों को होगा फायदा
ग्रामीण बालिकाओं व युवकों ने दिखाया दमखम…पाली के बांगड़ स्टेडियम में ब्लॉक स्तरीय राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल चलते शुक्रवार को खो-खो, कबड्डी व वॉलीबाल प्रतियोगिताओं में ग्रामीण बालिकाओं व युवकों ने दमखम दिखाया। फोटो : सुरेश हेमनानी
जबलपुर.
आवश्यक संसाधनों की कमी से जुझते हुए कॉलेजों को लेकर नई व्यवस्था पर काम किया जा रहा है। कॉलेजों में उपलब्ध सुविधाओं का उपयोग दूसरे कॉलेज के छात्र भी कर सकेंगे। ऐसे कॉलेज जहां मूलभूत सुविधाओं की कमी है इसके लिए कॉलेज में उपलब्ध सुविधाओं को आपस में साझा कर सकेंगे ताकि छात्रों का सर्वागीण विकास किया जा सके। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग, विश्वविद़यालय एवं कॉलेजों से सलाह ले रहा है ताकि प्रक्रिया को गति दी जा सके।
एनईपी के तहत कवायद
न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत कॉलेजों में गुणवत्ता बढ़ाने को लेकर इस तरह का प्रयास है। कई कॉलेजों में खेल मैदान सीमित हैं तो वहीं सुविधाएं भी कमतर हैं। आउटडोर एवं इंडौर खेल गतिविधियों के लेकर पर्याप्त इंफ्रास्टक्चर नहीं है। ऐसे में छात्रों की खेल प्रतिभाओं को निखारने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई कॉलेजों में इसतरह की व्यवस्थाएं उत्तम है जिसका उपयोग दूसरे छात्रों के लिए किए जाने से उनकी प्रतिभाओं को निखारा जा सकेगा।
सहमति होगी जरूरी
सूत्रों के मुताबिक इसके लिए संस्थानों को सहमति आवश्यक होगी, लेकिन बंदिश नहीं होगी। संस्थान अपने स्वविवेक और उपलब्ध संसाधनो, आवश्यकताओं के आधार पर कॉलेज या अन्य शैक्षणिक संस्थान इस पूरी व्यवस्था के लिए आपसी सहमति से उक्त सुविधा का लाभ छात्रों को दे सकते हैं। प्रक्रिया को किसी तरह से अपनाया जाए इस पर काम किया जा रहा है।
नए कॉलेजो में बनी है कमी
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा नए कॉलेजों की शुरुआत की गई है लेकिन इनके लिए भवन एवं इंफ्रास्टक्चर उपलब्ध नहीं हो सका है। ऐसे में ऐसे नवीन कॉलेजों के लिए यह व्यवस्था फायदे मंद होगी।साथ ही ऐसे पुराने कॉलेजों को भी फायदा होगा जहां संसाधान सीमित हैं। जिले में ही तीन नए कॉलेजों की शुरुआत इसी सत्र से की गई है। शासकीय महाकोशल कॉलेज, मानकुंवर बाई जैसे कॉलेज में खेल सुविधाएं बेहतर हैं जिनका उपयोग किया जा सकेगा।
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जबलपुरPublished: Aug 19, 2023 12:11:31 am
उच्च शिक्षा में की जा रही नई कवायद, संसाधन की कमी से जूझते कॉलेजों को होगा फायदा उच्च शिक्षा में की जा रही नई कवायद, संसाधन की कमी से जूझते कॉलेजों को होगा फायदा
ग्रामीण बालिकाओं व युवकों ने दिखाया दमखम…पाली के बांगड़ स्टेडियम में ब्लॉक स्तरीय राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल चलते शुक्रवार को खो-खो, कबड्डी व वॉलीबाल प्रतियोगिताओं में ग्रामीण बालिकाओं व युवकों ने दमखम दिखाया। फोटो : सुरेश हेमनानी
जबलपुर.
आवश्यक संसाधनों की कमी से जुझते हुए कॉलेजों को लेकर नई व्यवस्था पर काम किया जा रहा है। कॉलेजों में उपलब्ध सुविधाओं का उपयोग दूसरे कॉलेज के छात्र भी कर सकेंगे। ऐसे कॉलेज जहां मूलभूत सुविधाओं की कमी है इसके लिए कॉलेज में उपलब्ध सुविधाओं को आपस में साझा कर सकेंगे ताकि छात्रों का सर्वागीण विकास किया जा सके। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग, विश्वविद़यालय एवं कॉलेजों से सलाह ले रहा है ताकि प्रक्रिया को गति दी जा सके।
एनईपी के तहत कवायद
न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत कॉलेजों में गुणवत्ता बढ़ाने को लेकर इस तरह का प्रयास है। कई कॉलेजों में खेल मैदान सीमित हैं तो वहीं सुविधाएं भी कमतर हैं। आउटडोर एवं इंडौर खेल गतिविधियों के लेकर पर्याप्त इंफ्रास्टक्चर नहीं है। ऐसे में छात्रों की खेल प्रतिभाओं को निखारने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई कॉलेजों में इसतरह की व्यवस्थाएं उत्तम है जिसका उपयोग दूसरे छात्रों के लिए किए जाने से उनकी प्रतिभाओं को निखारा जा सकेगा।
सहमति होगी जरूरी
सूत्रों के मुताबिक इसके लिए संस्थानों को सहमति आवश्यक होगी, लेकिन बंदिश नहीं होगी। संस्थान अपने स्वविवेक और उपलब्ध संसाधनो, आवश्यकताओं के आधार पर कॉलेज या अन्य शैक्षणिक संस्थान इस पूरी व्यवस्था के लिए आपसी सहमति से उक्त सुविधा का लाभ छात्रों को दे सकते हैं। प्रक्रिया को किसी तरह से अपनाया जाए इस पर काम किया जा रहा है।
नए कॉलेजो में बनी है कमी
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा नए कॉलेजों की शुरुआत की गई है लेकिन इनके लिए भवन एवं इंफ्रास्टक्चर उपलब्ध नहीं हो सका है। ऐसे में ऐसे नवीन कॉलेजों के लिए यह व्यवस्था फायदे मंद होगी।साथ ही ऐसे पुराने कॉलेजों को भी फायदा होगा जहां संसाधान सीमित हैं। जिले में ही तीन नए कॉलेजों की शुरुआत इसी सत्र से की गई है। शासकीय महाकोशल कॉलेज, मानकुंवर बाई जैसे कॉलेज में खेल सुविधाएं बेहतर हैं जिनका उपयोग किया जा सकेगा।