मुहर्रम के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने हजरत इमाम हुसैन की शहादत को किया याद
पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को आशुरा के दिन पैगंबर मोहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद किया और कहा कि उन्होंने शांति और सामाजिक समानता पर बहुत बल दिया। प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, ‘हम हजरत इमाम हुसैन के बलिदान को याद करते हैं और उनके साहस के साथ ही न्याय के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का स्मरण करते हैं। उन्होंने शांति और सामाजिक समानता को बहुत महत्व दिया।’ इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना मुहर्रम का होता है। मुहर्रम के 10वें दिन को आशुरा का दिन कहा जाता है। इसी दिन इमाम हुसैन और उनके साथी शहीद हुए थे। इस वजह से मुहर्रम का पूरा महीना गम का महीना माना जाता है।
मुहर्रम के मौके पर अपना यह संदेश देने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमनाथ मंदिर परिसर में कई अन्य परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आस्था को आतंकवाद से कुचला नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह सोमनाथ मंदिर हमारे आत्मविश्वास का प्रतीक है। सोमनाथ ट्रस्ट के अध्यक्ष का भी जिम्मा संभालने वाले पीएम मोदी ने कहा कि यह मंदिर आज भी पूरी दुनिया के सामने यह आह्वान कर रहा है कि सत्य को असत्य से हराया नहीं जा सकता। आस्था को आतंक से कुचला नहीं जा सकता।
We remember the sacrifices of Hazrat Imam Hussain (AS) and recall his courage as well as commitment to justice. He devoted great importance to peace and social equality.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 20, 2021
सोमनाथ के इतिहास को भी किया याद, बोले- सदियों के संघर्ष का है परिणाम
उन्होंने कहा कि इस मंदिर को सैकड़ों साल के इतिहास में कितनी ही बार तोड़ा गया, मूर्तियों को खंडित किया गया। लेकिन इसे जितनी ही बार गिराया, यह उतनी ही बार खड़ा हो गया। आज सोमनाथ मंदिर सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए एक संदेश है कि तोड़ने वाली शक्तियां कुछ वक्त के लिए भले हावी हो जाएं। लेकिन उनका अस्तित्व स्थायी नहीं होता। वे ज्यादा दिनों तक मानवता को दबाकर नहीं रख सकते। यह बात जितनी तब सही थी, जब कुछ आततायी मंदिर को गिरा रहे थे। आज भी उतनी ही सही है, जब विश्व आतंकवाद से आशंकित है। हम सभी जानते हैं कि सोमनाथ मंदिर की यह भव्यता कुछ सालों की यात्रा का परिणाम नहीं है बल्कि सदियों के संघर्ष का नतीजा है।
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पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को आशुरा के दिन पैगंबर मोहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद किया और कहा कि उन्होंने शांति और सामाजिक समानता पर बहुत बल दिया। प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, ‘हम हजरत इमाम हुसैन के बलिदान को याद करते हैं और उनके साहस के साथ ही न्याय के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का स्मरण करते हैं। उन्होंने शांति और सामाजिक समानता को बहुत महत्व दिया।’ इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना मुहर्रम का होता है। मुहर्रम के 10वें दिन को आशुरा का दिन कहा जाता है। इसी दिन इमाम हुसैन और उनके साथी शहीद हुए थे। इस वजह से मुहर्रम का पूरा महीना गम का महीना माना जाता है।
मुहर्रम के मौके पर अपना यह संदेश देने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमनाथ मंदिर परिसर में कई अन्य परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आस्था को आतंकवाद से कुचला नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह सोमनाथ मंदिर हमारे आत्मविश्वास का प्रतीक है। सोमनाथ ट्रस्ट के अध्यक्ष का भी जिम्मा संभालने वाले पीएम मोदी ने कहा कि यह मंदिर आज भी पूरी दुनिया के सामने यह आह्वान कर रहा है कि सत्य को असत्य से हराया नहीं जा सकता। आस्था को आतंक से कुचला नहीं जा सकता।
We remember the sacrifices of Hazrat Imam Hussain (AS) and recall his courage as well as commitment to justice. He devoted great importance to peace and social equality.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 20, 2021
सोमनाथ के इतिहास को भी किया याद, बोले- सदियों के संघर्ष का है परिणाम
उन्होंने कहा कि इस मंदिर को सैकड़ों साल के इतिहास में कितनी ही बार तोड़ा गया, मूर्तियों को खंडित किया गया। लेकिन इसे जितनी ही बार गिराया, यह उतनी ही बार खड़ा हो गया। आज सोमनाथ मंदिर सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए एक संदेश है कि तोड़ने वाली शक्तियां कुछ वक्त के लिए भले हावी हो जाएं। लेकिन उनका अस्तित्व स्थायी नहीं होता। वे ज्यादा दिनों तक मानवता को दबाकर नहीं रख सकते। यह बात जितनी तब सही थी, जब कुछ आततायी मंदिर को गिरा रहे थे। आज भी उतनी ही सही है, जब विश्व आतंकवाद से आशंकित है। हम सभी जानते हैं कि सोमनाथ मंदिर की यह भव्यता कुछ सालों की यात्रा का परिणाम नहीं है बल्कि सदियों के संघर्ष का नतीजा है।