मुंह की इन समस्याओं को न करें नजरअंदाज, हो सकते हैं ये गंभीर रोग | ALERT: These Oral Health Problems may the causes of cancer | Patrika News
जीभ का सफेद रंग
आपकी जीभ पर हल्का सा सफेद लेप होना पूरी तरह से सामान्य है। हालांकि, कभी-कभी यह लेप किसी संक्रमण या कैंसर जैसी अधिक गंभीर स्थिति का संकेत हो सकता है। असामान्य सफेद धब्बे कैंसर हो सकते हैं और इसकी जांच एक डॉक्टर द्वारा ही की जा सकती है। इसलिए यदि आपके मुंह में ऐसे दाग हैं, तो डॉक्टर से तुरंत सलाह लें। हालांकि सफेद जीभ ओरल लाइकेन प्लेनस या ओरल थ्रश के रूप में भी जाना जाता है। जो कुछ दवाएं लेने के बाद ठीक हो जाता है।
मुंह में होते हैं छालें
मुंह के छाले आमतौर पर हानिरहित होते हैं और कुछ दिनों या हफ्तों में ठीक हो जाते हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि उनका कारण क्या था। कुछ हल्की समस्याओं में गाल के अंदर कट लगना, खराब फिटिंग वाले डेन्चर, सोडियम लॉरिल सल्फेट युक्त टूथपेस्ट और फूड सेंसिटिविटी शामिल है। मुंह के छाले हार्मोनल परिवर्तन, बी विटामिन, जिंक और आयरन की कमी का भी संकेत हो सकते हैं। ये हाथ, पैर और मुंह की बीमारी, ओरल लाइकेन प्लेनस, क्रोहन रोग और सीलिएक रोग या एचआईवी या ल्यूपस जैसी स्वास्थ्य स्थिति होने से कमजोर इम्यून सिस्टम के कारण भी हो सकते हैं।
सांसों से आ रही है बदबू
सांसों से आने वाली दुर्गंध भी इस बात का संकेत है कि आपके स्वास्थ्य में कुछ गड़बड़ है। खराब मौखिक स्वच्छता या कुछ ऐसा खाना जिसके कारण यह समस्या पैदा हो सकती है। अगर आप इसे नियमित रूप से अनुभव कर रहे हैं, तो यह मसूड़ों की बीमारी का संकेत भी हो सकता है। नाक, साइनस या गले में सूजन भी सांसों की दुर्गंध का कारण बन सकती है। कुछ कैंसर जैसे रोग और मेटाबॉलिक संबंधी विकार जैसी स्थितियां भी सांसों की दुर्गंध का कारण बन सकती हैं।
मसूड़ों से बहता है खून
अगर आपके मसूड़े पीले पड़ जाते हैं या ब्रश करते समय उनमें खून आता है, तो यह मसूड़े की बीमारी का संकेत हो सकता है, जिससे अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। यहां आपको बता दें कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने पाया है कि मसूड़े की बीमारी वाले मरीजों को हार्ट अटैक या स्ट्रोक होने की संभावना दो से तीन गुना अधिक होती है। यह सूजन के कारण हो सकता है जिससे धमनियां सख्त हो सकती हैं और हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है। मसूड़ों में सूजन या खून बहना आपके शरीर में विटामिन की कमी का संकेत भी हो सकता है। ऐसे में मल्टीविटामिन और ओमेगा-3 मछली का तेल लेने से पोषण संबंधी कमियों को दूर करने में मदद मिल सकती है।
मुंह के कोनों पर दरारें
होठों के कोनो पर दिखाई देने वाली दरारें बताती हैं कि आपको आयरन, जिंक या बी विटामिन की कमी है। ये दरारें यह भी संकेत देती हैं कि आपके पाचन तंत्र में कोई समस्या है। पाचन विकार वाले लोग – सीलिएक रोग, क्रोहन या अल्सरेटिव कोलाइटिस के कारण मुंह के कोने में दरारें दिखाई दे सकती हैं। अपने आहार में विटामिन की मात्रा बढ़ाकर कॉर्नर क्रैक को ठीक किया जा सकता है।
ये हैं मुंह के कैंसर के लक्षण
मुंह का कैंसर मुंह के किसी भी हिस्से में विकसित हो सकता है। होंठ, मसूड़े, जीभ, गालों की अंदरूनी परत, मुंह की छत और मुंह के तल में। मुंह के कैंसर के लक्षणों में ढीले दांत, एक होंठ या मुंह का घाव जो ठीक नहीं होता है, आपके मुंह के अंदर एक सफेद या लाल रंग का पैच, आपके मुंह के अंदर एक वृद्धि यानी गांठ होती दिखाई दे। मुंह में दर्द और निगलने में कठिनाई या दर्द होता है। तो आपको सतर्क होने की जरूरत है और तुरंत चिकित्सक से सलाह की आवश्यकता है।
जीभ का सफेद रंग
आपकी जीभ पर हल्का सा सफेद लेप होना पूरी तरह से सामान्य है। हालांकि, कभी-कभी यह लेप किसी संक्रमण या कैंसर जैसी अधिक गंभीर स्थिति का संकेत हो सकता है। असामान्य सफेद धब्बे कैंसर हो सकते हैं और इसकी जांच एक डॉक्टर द्वारा ही की जा सकती है। इसलिए यदि आपके मुंह में ऐसे दाग हैं, तो डॉक्टर से तुरंत सलाह लें। हालांकि सफेद जीभ ओरल लाइकेन प्लेनस या ओरल थ्रश के रूप में भी जाना जाता है। जो कुछ दवाएं लेने के बाद ठीक हो जाता है।
मुंह में होते हैं छालें
मुंह के छाले आमतौर पर हानिरहित होते हैं और कुछ दिनों या हफ्तों में ठीक हो जाते हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि उनका कारण क्या था। कुछ हल्की समस्याओं में गाल के अंदर कट लगना, खराब फिटिंग वाले डेन्चर, सोडियम लॉरिल सल्फेट युक्त टूथपेस्ट और फूड सेंसिटिविटी शामिल है। मुंह के छाले हार्मोनल परिवर्तन, बी विटामिन, जिंक और आयरन की कमी का भी संकेत हो सकते हैं। ये हाथ, पैर और मुंह की बीमारी, ओरल लाइकेन प्लेनस, क्रोहन रोग और सीलिएक रोग या एचआईवी या ल्यूपस जैसी स्वास्थ्य स्थिति होने से कमजोर इम्यून सिस्टम के कारण भी हो सकते हैं।
सांसों से आ रही है बदबू
सांसों से आने वाली दुर्गंध भी इस बात का संकेत है कि आपके स्वास्थ्य में कुछ गड़बड़ है। खराब मौखिक स्वच्छता या कुछ ऐसा खाना जिसके कारण यह समस्या पैदा हो सकती है। अगर आप इसे नियमित रूप से अनुभव कर रहे हैं, तो यह मसूड़ों की बीमारी का संकेत भी हो सकता है। नाक, साइनस या गले में सूजन भी सांसों की दुर्गंध का कारण बन सकती है। कुछ कैंसर जैसे रोग और मेटाबॉलिक संबंधी विकार जैसी स्थितियां भी सांसों की दुर्गंध का कारण बन सकती हैं।
मसूड़ों से बहता है खून
अगर आपके मसूड़े पीले पड़ जाते हैं या ब्रश करते समय उनमें खून आता है, तो यह मसूड़े की बीमारी का संकेत हो सकता है, जिससे अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। यहां आपको बता दें कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने पाया है कि मसूड़े की बीमारी वाले मरीजों को हार्ट अटैक या स्ट्रोक होने की संभावना दो से तीन गुना अधिक होती है। यह सूजन के कारण हो सकता है जिससे धमनियां सख्त हो सकती हैं और हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है। मसूड़ों में सूजन या खून बहना आपके शरीर में विटामिन की कमी का संकेत भी हो सकता है। ऐसे में मल्टीविटामिन और ओमेगा-3 मछली का तेल लेने से पोषण संबंधी कमियों को दूर करने में मदद मिल सकती है।
मुंह के कोनों पर दरारें
होठों के कोनो पर दिखाई देने वाली दरारें बताती हैं कि आपको आयरन, जिंक या बी विटामिन की कमी है। ये दरारें यह भी संकेत देती हैं कि आपके पाचन तंत्र में कोई समस्या है। पाचन विकार वाले लोग – सीलिएक रोग, क्रोहन या अल्सरेटिव कोलाइटिस के कारण मुंह के कोने में दरारें दिखाई दे सकती हैं। अपने आहार में विटामिन की मात्रा बढ़ाकर कॉर्नर क्रैक को ठीक किया जा सकता है।
ये हैं मुंह के कैंसर के लक्षण
मुंह का कैंसर मुंह के किसी भी हिस्से में विकसित हो सकता है। होंठ, मसूड़े, जीभ, गालों की अंदरूनी परत, मुंह की छत और मुंह के तल में। मुंह के कैंसर के लक्षणों में ढीले दांत, एक होंठ या मुंह का घाव जो ठीक नहीं होता है, आपके मुंह के अंदर एक सफेद या लाल रंग का पैच, आपके मुंह के अंदर एक वृद्धि यानी गांठ होती दिखाई दे। मुंह में दर्द और निगलने में कठिनाई या दर्द होता है। तो आपको सतर्क होने की जरूरत है और तुरंत चिकित्सक से सलाह की आवश्यकता है।