महागठबंधन सरकार में सुनियोजित तरीके से हो रही है ‘दलितों’ की हत्या… BJP का नीतीश-तेजस्वी पर बड़ा आरोप

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महागठबंधन सरकार में सुनियोजित तरीके से हो रही है ‘दलितों’ की हत्या… BJP का नीतीश-तेजस्वी पर बड़ा आरोप

महागठबंधन सरकार में सुनियोजित तरीके से हो रही है ‘दलितों’ की हत्या… BJP का नीतीश-तेजस्वी पर बड़ा आरोप

नीलकमल, पटना: बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने महागठबंधन सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। उनका कहना है कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व और तेजस्वी यादव की हनक वाली सरकार में दलितों की सुनियोजित तरीके से हत्याएं हो रही हैं। उन्होंने कहा कि जब से बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी है, तभी से छपरा के गरखा में सिकंदर मांझी, पटना के फुलवारी शरीफ में सुनील मांझी और अब कटिहार के प्राणपुर में प्रमोद राजवंशी की मौत हुई है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और बेतिया से भाजपा सांसद डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि इन तीनों की मौत पुलिस हिरासत में हुई है। उन्होंने कहा कि सभी मौतों में पुलिस की सहभागिता इस बात को प्रमाणित करती है कि सामाजिक न्याय की बात करने वाले लोग वास्तव में दलितों के हत्यारे हैं।


बीजेपी सांसद ने इसके पीछे का कारण बताते हुए कहा कि तुष्टीकरण की राजनीति करने वाले महागठबंधन के सभी दल यह अच्छी तरह जानते हैं कि दलितों का रुझान बीजेपी की तरफ है, लिहाजा पुलिस की सहभागिता से महागठबंधन की सरकार दलितों को डराने की कोशिश कर रही है। इसके अलावा महागठबंधन की सरकार जातिवाद और तुष्टीकरण को बढ़ावा देने का काम भी पूरी ताकत से कर रही है।

सत्ता के संरक्षण में दलितों की हत्याएं हो रही: जायसवाल
उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले को उठाने पर बीजेपी के प्रतिनिधियों को सभी जिलों में पुलिसिया व्यवहार और उनसे मिल रही धमकियां इस बात को दर्शाती हैं कि सत्ता के संरक्षण में दलितों की हत्याएं हो रही है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में कमजोर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सत्ता की हनक पर सवार उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को अब सामाजिक न्याय का नारा छोड़ देना चाहिए। क्योंकि पहले शराबबंदी की आड़ में और अब सत्ता के अहंकार में जिस प्रकार का दलितों का दमन हो रहा है, उनका सामाजिक न्याय का नारा बेबुनियादी लगता है।

नीतीश ने बिहार को 2005 के पहले वाली स्थिति में पहुचाया
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर संजय जायसवाल ने कहा कि शास्त्र में लिखा है कि स्वार्थ से ग्रसित किसी राज्य का मुखिया जन सामान्य के भले की नहीं सोच सकता। उसी प्रकार नीतीश कुमार ने अपने स्वार्थ और अहंकार में बिहार को अंधेरगर्दी और बेहद कठिन परिस्थिति में धकेल दिया है। यह कहना गलत नहीं होगा कि नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल के साथ महागठबंधन की सरकार बनाकर बिहार को 2005 के पहले वाली स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है। इसलिए बिहार को फिर से उसी संघर्ष के रास्ते पर निकलना पड़ेगा जो सफर वह पहले भी पूरा कर चुका है।

‘शराबबंदी से जुड़े मामलों में जेल जाने वाले 90% दलित- अतिपिछड़ा’
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सह राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी भी कह चुके हैं कि शराबबंदी से जुड़े मामलों में 1 लाख से ज़्यादा जेलों में बंद है, जिसमें 90% दलित और अति पिछड़ा हैं। उन्होंने नीतीश सरकार से कहा कि इनके लिए आम माफ़ी का एक बारगी एलान होना चाहिये। सभी मृतक परिवारों को 4 लाख का मुआवज़ा मिले। सुशील मोदी ने यह भी कहा कि बीजेपी पूर्ण शराबबंदी की समर्थक हैं। उन्होंने एक कविता ‘विडम्बना बिहार की’ के जरिये नीतीश सरकार पर कटाक्ष भी किया। उन्होंने लिखा…..

नीतीश कुमार की पीएम बनने की अनंत चाह,
ललन सिंह की आरसीपी सिंह से गोतनी जैसी डाह,
पैसे और सत्ता के लिए लालू की भूख अथाह,
जनता की नहीं कोई परवाह, देर-सबेर झेलनी पड़ेगी आह।

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