मरीज तड़पते रहे, गिड़गिड़ाए लेकिन डॉक्टर नहीं आए, रेजीडेंट डॉक्टरों की बेमियादी हड़ताल जारी

61


मरीज तड़पते रहे, गिड़गिड़ाए लेकिन डॉक्टर नहीं आए, रेजीडेंट डॉक्टरों की बेमियादी हड़ताल जारी

हाइलाइट्स

  • स्ट्राइक से दिल्ली के कई बड़े अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था चरमराई
  • ओपीडी से लेकर इमरजेंसी, रूटीन सर्जरी पर तक हो रहा है असर
  • 42000 MBBS डॉक्टर्स नीट पीजी काउंसलिंग कर कर रहे इंतजार

नई दिल्ली
रेजिडेंट डॉक्टरों की बेमियादी हड़ताल से रूटीन के साथ-साथ इमजरेंसी सेवाओं पर पड़ रहे असर से गरीब और आम मरीज पिस रहे हैं। खासकर सफदरजंग, आरएमएल और लेडी हार्डिंग अस्तपाल में इस स्ट्राइक का भारी असर हो रहा है। यहां पर ओपीडी से लेकर इमरजेंसी और रूटीन सर्जरी तक पर इसका असर हो रहा है। बीते शुक्रवार से ही रेजिडेंट डॉक्टरों ने रूटीन काम बंद कर रखा है और सोमवार से इमरजेंसी सेवा का भी बहिष्कार कर दिया। इन चार दिनों में सैकड़ों सर्जरी प्रभावित हुईं। सोमवार को सफदरजंग अस्पताल में एक महिला मरीज की इलाज नहीं मिलने की वजह से जान चली गई, बावजदू इसके स्ट्राइक जारी है।

अभी यह स्ट्राइक जारी रहेगी
सफदरजंग रेजिडेंट डॉक्टर्स असोसिएशन ने साफ कर दिया है कि अभी यह स्ट्राइक जारी रहेगी। मंगलवार को इस मुद्दे को लेकर स्वास्थ्य विभाग या मंत्रालय के साथ कोई बातचीत नहीं हुई है। सफदरजंग अस्पताल आरडीए के महासचिव डॉ. अनुज अग्रवाल का कहना है कि अभी स्ट्राइक जारी रहेगी। मंत्रालय ने अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की है। बार-बार हड़ताल खत्म करने के लिए दबाव दिया जा रहा है, लेकिन काउंसलिंग जल्दी कराने पर कोई निर्णय नहीं ‌हुआ है। इसलिए डॉक्टरों का विरोध आगे भी जारी रहेगा। डॉ. अनुज ने यह भी साफ कर दिया कि रेजिडेंट डॉक्टर अस्पताल परिसर में रहकर ही विरोध करेंगे, परिसर से बाहर जाकर विरोध करने की कोई योजना नहीं है।

एमपी हाईकोर्ट ने जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल को असंवैधानिक करार दिया, सरकार को दिए कार्रवाई के निर्देश

एम्स ने भी इसका समर्थन किया है
डॉक्टर अनुज ने यह भी कहा कि धीरे-धीरे इस स्ट्राइक से अस्पताल जुड़ते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एम्स ने भी इसका समर्थन किया है। वहीं, यूसीएमएस ने पत्र जारी कर बुधवार से आईपीडी यानी एडमिशन बंद करने का एलान किया है, वहीं गुरुवार से यहां पर भी इमरजेंसी प्रभावित हो सकती है। एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर असोसिएशन ने हड़ताल के समर्थन में एक पत्र जारी कर कहा है कि देशभर के 42,000 एमबीबीएस डॉक्टर नीट पीजी काउंसलिंग का इंतजार कर रहे हैं। वर्तमान में देश पहले से ही डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है। अपने पत्र में आगे लिखा है कि कई ऐसे अस्पताल हैं जो केवल दो तिहाई क्षमता पर काम करने को मजबूर हैं। एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर इनके मांगों के समर्थन में ब्लैक बैच पहनकर काम करेंगे।

MP News: ये धमकी नहीं रिक्वेस्ट है, सरकार बात तो करे’- इस्तीफे के बाद बोले जूनियर डॉक्टर

आईएमए ने की पीएम से अपील
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तत्काल संज्ञान लेने की मांग की है। लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टरों ने भी स्ट्राइक जारी रखने का फैसला किया है। प्रोग्रेसिव मेडिकोज एंड साइंटिस्ट्स फोरम (पीएमएसएफ) ने बयान जारी करते हुए कहा है कि सरकार को भावी डॉक्टरों की सुनवाई करनी चाहिए। कोरोना महामारी के चलते पहले से ही नुकसान झेल रहे इन डॉक्टरों को तत्काल राहत की आवश्यकता है, ताकि इनका भविष्य बर्बाद न हो सके।

मांग पूरा होने तक हड़ताल से पीछे नहीं हटेंगे
सफदरजंग और आरएमएल अस्पताल ने लिखित तौर पर डॉक्टरों को चेतावनी दी है, लेकिन इसका असर विरोध प्रदर्शन पर दिखाई नहीं दे रहा है। सफदरजंग अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों का कहना है कि ‌वे किसी भी हाल में मांग पूरा होने तक हड़ताल से पीछे नहीं हटेंगे। सफदरजंग अस्पताल प्रबंधन ने निर्देश जारी किए हैं कि सभी सीनियर डॉक्टरों को 9 बजे ओपीडी में पहुंचना है और दोपहर बाद की सभी ओपीडी कैंसल की जाएगी। किडनी की दोपहर बाद होने वाली ओपीडी केवल सोमवार को होगी। यह व्यवस्था हड़ताल तक जारी रहेगी।



Source link