ममता की कुर्सी पर खतरा देख जल्द उपचुनाव चाहती है TMC, बीजेपी ने कहा- कोरोना कम होने दिया जाए

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ममता की कुर्सी पर खतरा देख जल्द उपचुनाव चाहती है TMC, बीजेपी ने कहा- कोरोना कम होने दिया जाए

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कुर्सी पर खतरा देख तृणमूल कांग्रेस अब राज्य में जल्द से जल्द उपचुनाव कराना चाहती है। टीएमसी की चाहत है कि राज्य की 7 विधानसभा सीटों पर जल्द से जल्द उप चुनाव कराया जाए। यहां बता दें कि ममता बनर्जी ने नंदीग्राम सीट से सहयोगी से प्रतिद्वंद्वी बने भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ चुनाव लड़ा था, जिसमें उनकी मामूली अंतर से हार हुई थी। हार के बाद भी वह मुख्यमंत्री बनी थीं। ऐसे में मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए उन्हें नियुक्ति के छह महीने (जो नवंबर है) के भीतर जनता द्वारा चुने जाने की आवश्यकता है। 

इस लिहाज से ममता बनर्जी के पास अब महज 70 दिन बचे हैं। यानी 5 नवंबर तक ममता बनर्जी को विधायक बनना होगा ताकि वो सीएम पद पर बनी रहें। जल्द चुनाव कराए जाने की मांग पर पश्चिम बंगाल भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि राज्य में कोरोना के हालात सामान्य होने के बाद उप चुनाव कराया जाना चाहिए। दिलीप घोष ने कहा कि ममता बनर्जी सरकार ने स्कूलों को खोले जाने की इजाजत नहीं दी है।

इसके अलावा एक जगह पर 50 लोगों से ज्यादा के जमा होने पर पाबंदी है। तो फिर अगर ऐसी पाबंदिया हैं तो फिर चुनाव भी अभी नहीं कराए जा सकते हैं। दिलीप घोष ने आगे कहा कि ‘लगता है कि 7 विधानसभा सीट कोविड-19 से मुक्त हो गये हैं। ऐसा लगता है कि टीएमसी उप चुनाव की जल्दी में है और वो इन विधानसभा क्षेत्रों को कोविड मुक्त जोन भी घोषित कर देगी। किसने इनको अधिकार दिया है कि वो लोगों की जिंदगी से खेलें।’ 

इस पूरे मामले पर टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि बीजेपी अन्यायपूर्ण तरीके से उप चुनाव को रोकने की कोशिश कर रही है। वो इसे बेवजह कोविड-19 के हालात से जोड़ रही है। राज्य में कोरोना की स्थिति में सुधार हुआ है इसलिए 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव जल्द से जल्द कराए जाने चाहिए। 

दरअसल, संविधान के आर्टिकल 164 (4) के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति विधायक या सांसद नहीं है और वह मंत्रिपद पर आसीन होता है तो उसके लिए छह महीने में विधानसभा या विधानपरिषद या संसद के दोनों सदनों में से किसी एक सदन का सदस्य बनना अनिवार्य है। अगर मंत्री ऐसा नहीं कर पाता है तो छह महीने बाद वह पद पर नहीं बना रह सकता। आपको बता दें कि टीएमसी ने चुनाव आयोग मुख्यालय जाकर उपचुनाव कराए जाने की मांग पहले भी की है। 

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