मध्य प्रदेश के 20 जिलों में PDS गेहूं मिलना बंद, यूक्रेन संकट पर राज्य ने 1 करोड़ 55 लाख क्विंटल गेहूं विदेश भेजा | PDS wheat stopped in 20 districts of MP due to ukraine crisis | Patrika News
केंद्र सरकार द्वारा किए गए बदलाव के तहत मध्य प्रदेश के 14 जिलों में पीडीएस दुकानों पर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत गेहूं की जगह 5 किलो चावल बांटने की व्यवस्था की जा रही है। इन राशन दुकानों पर गेहूं वितरण पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। इसके अलावा 6 जिलों में पीएमजीकेएवाई और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत चावल बांटा जा रहा है। शेष बचे 32 जिलों में गेहूं और चावल अलग-अलग रेशियो में बांटे जा रहे हैं।
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15 लाख सदस्यों की थाली पर असर
आपको बता दें कि, पीएमजीकेएवाई में हर गरीब को 4 किलो गेहूं, एक किलो चावल दिया जाता था। जबकि, एनएफएसए में 4 किलो गेहूं और एक किलो चावल दिया जाता था। अब इसमें 3 किलो चावल और 2 किलो गेहूं दिया जा रहा है। इस बदलाव से भोपाल के 3 लाख 64 हजार परिवारों के 15 लाख सदस्यों की थाली पर असर पड़ा है। जबकि इंदौर में दोनों योजनाओं के तहत अब कुल 3 किलो चावल और 2 किलो गेहूं मिल रहा है। ग्वालियर में एनएफएसए में 2 किलो गेहूं, 3 किलो चावल दे रहे हैं, जबकि पीएमजीकेएवाई में 4 किलो चावल 1 किलो गेहूं बांटा जा रहा है।
14 जिलों में सिर्फ बंट रहा चांवल
मध्य प्रदेश के इन 14 जिलों में, जिनमें भोपाल, बैतूल, छिंदवाड़ा, जबलपुर, कटनी, नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, पन्ना, रायसेन, रीवा, सतना, सिवनी, सीधी, सिंगरौली में पीएमजीकेएवाई के तहत सिर्फ चावल बंट रहा। 6 जिले : अनूपपुर, बालाघाट, डिंडोरी, मंडला, शहडोल, उमरिया में एनएफएसए और पीएमजीकेएवाई के तहत सिर्फ चावल ही बांटा जा रहा है।
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हालात बिगड़ने के ये हैं बड़े कारण
-बड़ी संख्या में किसानों ने अच्छा रेट मिलने के चलते अपना गेहूं सीधे मंडी में बेचा। यहां से गेहूं विदेशों में निर्यात हुआ।
-इस बार गेहूं की सरकारी खरीद कम हुई। किसानों ने यूक्रेन संकट का फायदा उठाते हुए सीधे व्यापारी को गेहूं बेचा।
भोपाल में मौजूद है 40 हजार क्विंटल गेहूं, लेकिन बांटा नहीं जा रहा
खाद्य विभाग के अफसरों ने बताया कि केंद्र सरकार ने मई में 3 लाख 79 हजार 323 मीट्रिक टन का कोटा मप्र में पीडीएस के लिए जारी कर दिया था, लेकिन शॉर्टेज के बाद इसे घटाकर 1 लाख 66 हजार 112 मीट्रिक टन कर दिया। जबकि चावल 1 लाख 26 हजार 441 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 3 लाख 39 हजार 652 मीट्रिक टन कर दिया है। इस रेशियो में बदलाव के बाद भोपाल की 400 से ज्यादा पीडीएस दुकानों पर 40 हजार क्विंटल गेहूं भरा हुआ है। इसकी कीमत करीब 8 करोड़ 60 लाख रुपए है, लेकिन इसे बांटने की अनुमति अभी तक नहीं मिली है। इसकी वजह प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना है।
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केंद्र सरकार द्वारा किए गए बदलाव के तहत मध्य प्रदेश के 14 जिलों में पीडीएस दुकानों पर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत गेहूं की जगह 5 किलो चावल बांटने की व्यवस्था की जा रही है। इन राशन दुकानों पर गेहूं वितरण पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। इसके अलावा 6 जिलों में पीएमजीकेएवाई और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत चावल बांटा जा रहा है। शेष बचे 32 जिलों में गेहूं और चावल अलग-अलग रेशियो में बांटे जा रहे हैं।
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15 लाख सदस्यों की थाली पर असर
आपको बता दें कि, पीएमजीकेएवाई में हर गरीब को 4 किलो गेहूं, एक किलो चावल दिया जाता था। जबकि, एनएफएसए में 4 किलो गेहूं और एक किलो चावल दिया जाता था। अब इसमें 3 किलो चावल और 2 किलो गेहूं दिया जा रहा है। इस बदलाव से भोपाल के 3 लाख 64 हजार परिवारों के 15 लाख सदस्यों की थाली पर असर पड़ा है। जबकि इंदौर में दोनों योजनाओं के तहत अब कुल 3 किलो चावल और 2 किलो गेहूं मिल रहा है। ग्वालियर में एनएफएसए में 2 किलो गेहूं, 3 किलो चावल दे रहे हैं, जबकि पीएमजीकेएवाई में 4 किलो चावल 1 किलो गेहूं बांटा जा रहा है।
14 जिलों में सिर्फ बंट रहा चांवल
मध्य प्रदेश के इन 14 जिलों में, जिनमें भोपाल, बैतूल, छिंदवाड़ा, जबलपुर, कटनी, नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, पन्ना, रायसेन, रीवा, सतना, सिवनी, सीधी, सिंगरौली में पीएमजीकेएवाई के तहत सिर्फ चावल बंट रहा। 6 जिले : अनूपपुर, बालाघाट, डिंडोरी, मंडला, शहडोल, उमरिया में एनएफएसए और पीएमजीकेएवाई के तहत सिर्फ चावल ही बांटा जा रहा है।
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-बड़ी संख्या में किसानों ने अच्छा रेट मिलने के चलते अपना गेहूं सीधे मंडी में बेचा। यहां से गेहूं विदेशों में निर्यात हुआ।
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भोपाल में मौजूद है 40 हजार क्विंटल गेहूं, लेकिन बांटा नहीं जा रहा
खाद्य विभाग के अफसरों ने बताया कि केंद्र सरकार ने मई में 3 लाख 79 हजार 323 मीट्रिक टन का कोटा मप्र में पीडीएस के लिए जारी कर दिया था, लेकिन शॉर्टेज के बाद इसे घटाकर 1 लाख 66 हजार 112 मीट्रिक टन कर दिया। जबकि चावल 1 लाख 26 हजार 441 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 3 लाख 39 हजार 652 मीट्रिक टन कर दिया है। इस रेशियो में बदलाव के बाद भोपाल की 400 से ज्यादा पीडीएस दुकानों पर 40 हजार क्विंटल गेहूं भरा हुआ है। इसकी कीमत करीब 8 करोड़ 60 लाख रुपए है, लेकिन इसे बांटने की अनुमति अभी तक नहीं मिली है। इसकी वजह प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना है।
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