भवानीपुर जीतने के लिए TMC ने लिया ‘मस्जिद पॉलिटिक्स’ का सहारा, BJP बोली- ममता बनर्जी को आ रहा पसीना
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को भवानीपुर की सोला आना मस्जिद का दौरा किया। यह औचक दौरा 30 सितंबर को भवानीपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव से पहले हुआ है। यहां भाजपा ने तीन बार मुख्यमंत्री रह चुकीं ममता के खिलाफ प्रियंका टिबरीवाल को चुनावी मैदान में उतारा है।
सोला आना मस्जिद के अपने दौरे के दौरान, ममता बनर्जी को स्थानीय लोगों के साथ बातचीत करते देखा गया। ममता बनर्जी की एक झलक पाने के लिए वहां काफी लोग मौजूद थे। आपको बता दें कि ममता बनर्जी ने मस्जिद का दौरा भवानीपुर विधानसभा सीट के लिए नामांकन दाखिल करने के कुछ दिनों बाद किया है। इसे मुस्लिम मतदाताओं को अपने पाले में करने की दिशा में एक प्रायस के तौर पर देखा जा रहा है।
इस सियासी घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए, भाजपा प्रवक्ता अमित मालवीय ने एक ट्वीट में कहा, “अगर आपको लगता है कि भवानीपुर में “कोई प्रतियोगिता नहीं” है और ममता बनर्जी अपनी जीत को लेकर निश्चिंत हैं, तो इसे भूल जाइए। उन्हें (ममता बनर्जी को) पसीना आ रहा है। सोला आना मस्जिद का यह दौरा “अचानक” नहीं है, बल्कि वार्ड 77 से वोट मांगने के लिए एक योजनाबद्ध यात्रा है।”
If you thought Bhabanipur was a “no contest” and Mamata Banerjee was confident of winning hands down, forget it. She is sweating. This visit to Sola Ana Masjid is not “sudden” but a planned visit to seek votes from ward 77.
In the next few days, she will hop from booth to booth. https://t.co/7oyWrMRdPS
— Amit Malviya (@amitmalviya) September 13, 2021
आपको बता दें कि भवानीपुर उपचुनाव के लिए बीजेपी प्रत्याशी प्रियंका टिबरीवाल ने सोमवार को अपना नामांकन दाखिल किया है। टीएमसी नेता फिरहाद हकीम की एक टिप्पणी के जवाब में, जिन्होंने कहा कि ममता बनर्जी से लड़ने के लिए टिबरीवाल एक “युवा लड़की” है, भाजपा नेता ने कहा, “एक युवा लड़की हमेशा के लिए एक युवा लड़की नहीं रहती है। वह चुनौतियों का सामना करने के लिए बड़ी होती है।”
भवानीपुर उपचुनाव का महत्व
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने इस साल की शुरुआत में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के साथ जीत हासिल की थी। हालांकि ममता बनर्जी नंदीग्राम में भाजपा के सुवेंदु अधिकारी से लगभग 2,000 मतों के अंतर से चुनाव हार गईं। ममता अपने पूर्व डिप्टी सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ नंदीग्राम से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए भवानीपुर की अपनी पारंपरिक सीट छोड़ दी थी। उनकी जगह टीएमसी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता शोभनदेव चटर्जी को मैदान में उतारा था, जो चुनाव जीते भी थे।
चटर्जी ने बाद में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को उपचुनाव लड़ने के लिए रास्ता बनाने के लिए इस्तीफा दे दिया। भवानीपुर उपचुनाव टीएमसी सरकार के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि ममता बनर्जी को अपना मुख्यमंत्री पद बनाए रखने के लिए छह महीने के भीतर पश्चिम बंगाल विधानसभा के लिए निर्वाचित होना आवश्यक है।
भवानीपुर सहित तीन विधानसभा सीटों पर 30 सितंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए वोटों की गिनती 3 अक्टूबर को होगी।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को भवानीपुर की सोला आना मस्जिद का दौरा किया। यह औचक दौरा 30 सितंबर को भवानीपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव से पहले हुआ है। यहां भाजपा ने तीन बार मुख्यमंत्री रह चुकीं ममता के खिलाफ प्रियंका टिबरीवाल को चुनावी मैदान में उतारा है।
सोला आना मस्जिद के अपने दौरे के दौरान, ममता बनर्जी को स्थानीय लोगों के साथ बातचीत करते देखा गया। ममता बनर्जी की एक झलक पाने के लिए वहां काफी लोग मौजूद थे। आपको बता दें कि ममता बनर्जी ने मस्जिद का दौरा भवानीपुर विधानसभा सीट के लिए नामांकन दाखिल करने के कुछ दिनों बाद किया है। इसे मुस्लिम मतदाताओं को अपने पाले में करने की दिशा में एक प्रायस के तौर पर देखा जा रहा है।
इस सियासी घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए, भाजपा प्रवक्ता अमित मालवीय ने एक ट्वीट में कहा, “अगर आपको लगता है कि भवानीपुर में “कोई प्रतियोगिता नहीं” है और ममता बनर्जी अपनी जीत को लेकर निश्चिंत हैं, तो इसे भूल जाइए। उन्हें (ममता बनर्जी को) पसीना आ रहा है। सोला आना मस्जिद का यह दौरा “अचानक” नहीं है, बल्कि वार्ड 77 से वोट मांगने के लिए एक योजनाबद्ध यात्रा है।”
If you thought Bhabanipur was a “no contest” and Mamata Banerjee was confident of winning hands down, forget it. She is sweating. This visit to Sola Ana Masjid is not “sudden” but a planned visit to seek votes from ward 77.
In the next few days, she will hop from booth to booth. https://t.co/7oyWrMRdPS
— Amit Malviya (@amitmalviya) September 13, 2021
आपको बता दें कि भवानीपुर उपचुनाव के लिए बीजेपी प्रत्याशी प्रियंका टिबरीवाल ने सोमवार को अपना नामांकन दाखिल किया है। टीएमसी नेता फिरहाद हकीम की एक टिप्पणी के जवाब में, जिन्होंने कहा कि ममता बनर्जी से लड़ने के लिए टिबरीवाल एक “युवा लड़की” है, भाजपा नेता ने कहा, “एक युवा लड़की हमेशा के लिए एक युवा लड़की नहीं रहती है। वह चुनौतियों का सामना करने के लिए बड़ी होती है।”
भवानीपुर उपचुनाव का महत्व
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने इस साल की शुरुआत में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के साथ जीत हासिल की थी। हालांकि ममता बनर्जी नंदीग्राम में भाजपा के सुवेंदु अधिकारी से लगभग 2,000 मतों के अंतर से चुनाव हार गईं। ममता अपने पूर्व डिप्टी सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ नंदीग्राम से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए भवानीपुर की अपनी पारंपरिक सीट छोड़ दी थी। उनकी जगह टीएमसी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता शोभनदेव चटर्जी को मैदान में उतारा था, जो चुनाव जीते भी थे।
चटर्जी ने बाद में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को उपचुनाव लड़ने के लिए रास्ता बनाने के लिए इस्तीफा दे दिया। भवानीपुर उपचुनाव टीएमसी सरकार के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि ममता बनर्जी को अपना मुख्यमंत्री पद बनाए रखने के लिए छह महीने के भीतर पश्चिम बंगाल विधानसभा के लिए निर्वाचित होना आवश्यक है।
भवानीपुर सहित तीन विधानसभा सीटों पर 30 सितंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए वोटों की गिनती 3 अक्टूबर को होगी।