बेन स्टोक्स ने बताया मैक्कलम को ‘बैजबॉल’ से नफरत, कप्तानी का नहीं देखा था ख्वाब, कहा- भारत में हर टीम का ये मिशन

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बेन स्टोक्स ने बताया मैक्कलम को ‘बैजबॉल’ से नफरत, कप्तानी का नहीं देखा था ख्वाब, कहा- भारत में हर टीम का ये मिशन


बेन स्टोक्स ने बताया मैक्कलम को ‘बैजबॉल’ से नफरत, कप्तानी का नहीं देखा था ख्वाब, कहा- भारत में हर टीम का ये मिशन

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इंग्लैंड ने भारत के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज में 1-0 से बढ़त बना रखी है। भारत को हैदराबाद में आयोजित पहले टेस्ट में 28 रन से हार का मुंह देखना पड़ा। दूसरा मैच दो जनवरी से विशाखापट्टनम के मैदान पर खेला जाएगा। इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने विशाखापट्टनम टेस्ट से पहले एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। स्टोक्स ने कहा कि कोच ब्रैंडन मैक्कलम को ‘बैजबॉल’ शब्द से नफरत है। बता दें कि स्टोक्स के कप्तान और मैक्कलम के कोच बनने के बाद से बैजबॉल नाम चर्चा में आया है। इंग्लैंड की टीम इस फॉर्मूले के तहत आक्रामक अंदाज में क्रिकेट खेल रही और सफलता के झंडे गाड़ रही है। दरअसल, बैजबॉल मैक्कलम के निकनेम बैज के संग बॉल शब्द को जोड़कर बना है।

स्टोक्स से जब जियो सिनेमा पर इंटरव्यू के दौरान बैजबाल पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ”यह एक फ्रेज है, जिसे मीडिया द्वारा बनाया गया है। कुछ ऐसा जिसे हम ट्राई करते हैं और उससे दूर रहते हैं। हम पिछले दो सालों में जो करने में कामयाब रहे हैं और हमने जैसा खेला, उसकी वजह से यह आया। जरूरी नहीं कि हम इसे पसंद करें, बैज (मैक्कलम) को इससे नफरत है। जब भी यह शब्द सामने आता है, हम बस यह कहने की कोशिश करते हैं कि इंग्लैंड ऐसे ही टेस्ट क्रिकेट खेलता है।” 

स्टोक्स अप्रैल 2022 से इंग्लैंड टेस्ट टीम की कमान संभाल रहे हैं। स्टोक्स ने कहा कि उन्होंने कभी खुद को एक कप्तान या लीडर के रूप में नहीं देखा था। उन्होंने कहा, ”ईमानदारी से कहूं तो यह कुछ ऐसा है जिसे लेकर मेरी कभी कोई आकांक्षा नहीं थी या मैंने वाकई में इस बारे में बहुत ज्यादा नहीं सोचा था। एज-ग्रुप क्रिकेट या किसी अन्य स्तर पर कप्तानी या किसी भी चीज को लेकर मुझ पर वास्तव में बहुत अधिक जिम्मेदारी नहीं थी। डरहम एकेडमी में मुझे इसका थोड़ा अनुभव मिला। यह अवसर मेरे सामने आया और यह कुछ ऐसा था जिसे मैं ठुकरा नहीं सकता था।”

उन्होंने आगे कहा ”यह एक ऐसी भूमिका है जिसमें मैंने बहुत कुछ सीखा है, यह एक ऐसी भूमिका है जिसका मैंने वास्तव में लुत्फ उठाया है। मुझे इसके साथ आने वाली हर चीज पसंद है, जिसमें अलग-अलग एंगल से लोगों की ख्याल रखने की जिम्मेदारी है। चाहे वो मैदान के बाहर हो या मैदान से दूर। विभिन्न व्यक्तियों और व्यक्तित्वों को समझना, क्योंकि एक टीम गेम में आपके पास बहुत सारे लोग होते हैं और हर कोई एक जैसा नहीं होता है। इससे मुझे एक व्यक्ति के रूप में परिपक्व होने में मदद मिली। मैं वास्तव में किसी चीज को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी का लुत्फ ले रहा हूं।”

वहीं, स्टोक्स ने भारतीय टीम को भारत में मात देने की चुनौती के बारे में पूछने पर कहा, ”भारत में एक भी मैच जीतना कठिन है। पांच मैचों की सीरीज की तो बात ही छोड़ दीजिए। यह किसी भी टीम के लिए एक मिशन रहा है जो भारत में उससे भिड़ने आई है। हम इसे समझते हैं और इसका सम्मान करते हैं। लेकिन फिर यह अवसर की बात है। हमारे सामने एक शानदार अवसर है। हमने स्पिनर, सीम गेंदबाजों और बल्लेबाजों को लेकर जो टीम बनाई है, मुझे लगता है कि यह हमें भारत में सीरीज जीतने का सबसे अच्छा मौका अवसर देगी।”



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