बीमा कंपनियों, पुनर्बीमाकर्ताओं के बीच मुद्दों के समाधान के लिये कार्यबल गठित

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बीमा कंपनियों, पुनर्बीमाकर्ताओं के बीच मुद्दों के समाधान के लिये कार्यबल गठित

बीमा कंपनियों, पुनर्बीमाकर्ताओं के बीच मुद्दों के समाधान के लिये कार्यबल गठित

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| Updated: Jul 11, 2022, 10:17 PM

नयी दिल्ली, 11 जुलाई (भाषा) भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने बीमाकर्ता और बीमा कंपनियों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने वाली कंपनियों (पुनर्बीमा कंपनी) के बीच मुद्दों के समाधान के लिये दो कार्यबल गठित किये हैं।इरडा ने यह निर्णय हाल ही में हैदराबाद में जीवन और साधारण बीमा कंपनियों तथा पुनर्बीमा इकाइयों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद किया गया है। ‘बीमा मंथन’ में भारत में बीमा की पहुंच बढ़ाने और वृद्धि के लिये पुनर्बीमा समर्थन से संबंधित मुद्दों और चिंताओं पर चर्चा हुई। साधारण बीमा कंपनियों और पुनर्बीमाकर्ताओं के बीच के मुद्दों को सुलझाने के लिए

 

नयी दिल्ली, 11 जुलाई (भाषा) भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने बीमाकर्ता और बीमा कंपनियों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने वाली कंपनियों (पुनर्बीमा कंपनी) के बीच मुद्दों के समाधान के लिये दो कार्यबल गठित किये हैं।

इरडा ने यह निर्णय हाल ही में हैदराबाद में जीवन और साधारण बीमा कंपनियों तथा पुनर्बीमा इकाइयों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद किया गया है। ‘बीमा मंथन’ में भारत में बीमा की पहुंच बढ़ाने और वृद्धि के लिये पुनर्बीमा समर्थन से संबंधित मुद्दों और चिंताओं पर चर्चा हुई।

साधारण बीमा कंपनियों और पुनर्बीमाकर्ताओं के बीच के मुद्दों को सुलझाने के लिए नौ सदस्यीय कार्यसमूह का गठन किया गया है। आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी भार्गव दासगुप्ता को कार्यसमूह का अध्यक्ष बनाया गया है।

टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक नवीन तहिलयानी की अगुवाई वाला सात सदस्यीय दूसरा कार्यबल जीवन बीमा इकाइयों और पुनर्बीमा कंपनियों के बीच के मामले को देखेगा।

जीवन बीमा पर गठित कार्यसमूह को पुनर्बीमा दरों को स्थिर बनाने, पुनर्बीमा कंपनियों के समक्ष क्षमता की समस्या और वित्तीय पुनर्बीमा समाधान समेत अन्य मुद्दों पर अध्ययन करने तथा सिफारिशें देने को कहा गया है।

दासगुप्ता की अध्यक्षता वाले कार्यसमूह को अनुपालन आवश्यकता से जुड़े मामले और पुनर्बीमाकर्ताओं तथा सीमापार पुनर्बीमाकर्ताओं (सीबीआर) के बीच तेजी से निपटान और भुगतान तंत्र पर सुझाव देने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है।

दोनों कार्यबलों को तीन सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है।

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