बीजेपी से नजदीकियांं पड़ी भारी? JDU ने निलंबित कर बताई साजिश…जानिए ट्विटर पर क्‍या लिख रहे थे अजय आलोक

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बीजेपी से नजदीकियांं पड़ी भारी? JDU ने निलंबित कर बताई साजिश…जानिए ट्विटर पर क्‍या लिख रहे थे अजय आलोक

पटना : जेडीयू से अजय आलोक सहित चार नेताओं को पार्टी की प्राथमिक सदस्‍यता निलंबित कर दिया गया है। अजय आलोक के अलावा निलंबित नेताओं में प्रदेश महासचिव अनिल कुमार, विपिन कुमार, और समाज सुधार सेनानी के प्रकोष्‍ठ अध्‍यक्ष जितेंद्र नीरज हैं। जेडीयू में बड़े नेताओं के अलावा यदि जेडीयू में सबसे चर्चित चेहरे की बात की जाए तो वो प्रवक्‍ता के तौर पर अजय आलोक का चेहरा हुआ करता था। लेकिन उन्‍हें पार्टी के प्रवक्‍ता के पद से हटा दिया गया है।

पार्टी की तरफ से बोलने पर लंबे समय से लगी थी रोक
बताते चलें कि पार्टी के प्रवक्‍ता के रूप में अजय आलोक के बोलने पर लंबे समय से रोक लगी हुई थी। मगर अब उन्‍हें निलंबित ही कर दिया गया। पार्टी की ओर से बोलने पर प्रतिबंध लगाने के बाद से ही वो ज्‍यादा मुखर नजर आ रहे थे। साथ ही बीजेपी के ज्‍यादा नजदीक नजर आ रहे थे। हालांकि वो पार्टी के कार्यकर्ता थे लेकिन प्रवक्‍ता के तौर पर वो टीवी डिबेट्स में हिस्‍सा नहीं ले रहे थे। ऐसे में वो बीजेपी से ज्‍यादा करीब नजर आ रहे थे। जो पार्टी को नहीं पसंद आ रहा था। उनके पोस्‍ट और ट्वीट्स देख कर तो यही अंअंदाजा लगाया

बखास्‍तगी के लेटर के साथ किया पोस्‍ट
जेडीयू के कभी फायर ब्रांड प्रवक्‍ता रहे अजय आलोक को पार्टी की प्राथमिक सदस्‍यता से निलंबित किए जाने के बाद उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाया गया। अजय आलोक ने पार्टी की ओर से जा‍री किए एक आदेश की प्रति की फोटो पोस्‍ट करते हुए लिखा। ‘मुझे मुक्‍त करने के लिए धन्‍यवाद’। इसके साथ ही उन्‍होंने अपनी बर्खास्‍तगी की सूचना खुद सार्वजनिक कर कहा मुझे मुक्‍त करने के लिए धन्‍यवाद। जाहिर सी बात है। उन्‍होंने अपना अगला ठिकाना चुन लिया है।

भैंस की चमड़ी पे पानी नहीं टिकता हैं उसी तरह RJD और JDU कभी साथ टिक नहीं सकते , निश्चिंत रहे सब ठीक हैं माननीय @NitishKumar जी के नेतृत्व में बिहार आगे बढ़ेगा और @RCP_Singh जी का अहम योगदान हमेशा रहेगा , शिल्पकार अपनी मूर्ति कभी नहीं तोड़ते हैं और बिहार को बनाया हैं नीतीश ने

अजय आलोक

जेडीयू से दूर, बीजेपी के नजर नजर आ रहे थे
जेडीयू के प्रवक्‍ता पद से हटाए जाने के बाद अजय आलोक वैचारिक रूप से बीजपी के ज्‍यादा नजदीग नजर आ रहे थे यदि उनके ट्वीटर पोस्‍ट पर निगाह डाली जाए तो उनके विचार और जेडीयू के बिल्‍कुल विपरीत और बीजेपी के करीब नजर आ रहे थे। चाहे वो ज्ञानवापी का मुद्दा हो या ओवैसे की प्रतिक्रया पर जवाब देना हो। अजय आलोक ने अपने ट्वीटर पोस्‍ट के जरिए अपने विचार और टीवी डिबेट्स की क्लिप शेयर की हैं जिन्‍हें देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि अजय आलोक की नजदीकियां बीजेपी से ज्‍यादा नजर आ रही थीं। जिसका नतीजा ये रहा कि उन्‍हें पार्टी की प्राथमिक सदस्‍यता से बाहर का रास्‍ता दिखा दिया गया।

आरसीपी की तारीफ और बीजेपी से नजदीकियां पड़ीं भारी
पार्टी से निलंंबित जेडीयू के प्रवक्‍ता अजय आलोक के हाल के पोस्‍ट पर निगाह डाली जाए तो सीधे तौर पर कहा जा सकता है वो बीजेपी के प्रवक्‍ता की कमी कही भी महसूस नहीं होने दे रहे थे। वहीं आरसीपी सिंह से नजदीकियां भी उनके लिए खतरनाक साबित हुईं। उन्‍होंने एक पोस्‍ट में लिखा कि मैंस की चमड़ी पे पानी नहीं टिकता… उन्‍होंन इस पोस्‍ट में आरसीपी सिंह को भी टैग करते हुए बिहार के विकास का क्रेडिट दिया।


बीजेपी की भाषा बोलते नजर आए
अजय आलोक यहां भी पार्टी से अलग बीजेपी की पार्टी लाइन से ज्‍यादा प्रेरित नजर आ रहे थे। जिसे लेकर पार्टी की छवि पर असर पड़ रहा था। बताते चलें‍ कि हाल की उनकी पोस्‍ट पर निगाह डाला जाए तो पाएंगे कि जहां जेडीयू कांग्रेस और हिंदुत्‍व के मुद्दे पर पार्टी बोलने से बचती नजर आई है। वहीं अजय आलोक इन मुद्दों पर आक्रामक पोस्‍ट डालते नजर आए। उन्‍होंने एक पोस्‍ट में लिखा ‘संविधान से देश चलेगा ये कहने वाले @asadowaisi और AIMPLB अब ज्ञानवापी मामले में न्यायालय पे ही सवाल उठा रहे हैं , जहां शिवलिंग मिली वहां ये लोग बरसो से हाथ मूँह धोते थे वजू के लिए , ये बर्दाश्त कर लिया इस देश ने अब बेहतर होगा की न्यायालय का सम्मान करे , भावनाएँ सबकी होती हैं।’

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