बिहार: कोरोना की गलत रिपोर्ट बना आराम फरमा रहा था स्वास्थ्यकर्मी, खुलासा होते ही कार्रवाई का आदेश

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<p style="text-align: justify;"><strong>अररिया</strong><strong>ः </strong>देश व दुनिया भर में स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना का योद्धा माना जाता है. वे दूसरों की जान बचाने के लिए अपनी जान दांव पर लग चुके हैं. वहीं कुछ ऐसे स्वास्थ्यकर्मी है जो जो अपनी जिम्मेदारी निभाने में मुंह मोड़ रहे हैं. मामला सदर अस्पताल अररिया का है जहां सदर अस्पताल में कार्यरित फैमली प्लानिंग काउंसलर अविनाश कुमार एंटीजन किट से खुद ही जांच कर खुद ही अपनी रिपोर्ट पॉजिटिव बना ली. फिर उसे राज्य स्वास्थ्य समिति का पूर्जा बनाकर अवकाश पर चला गया.</p>
<p style="text-align: justify;">बताया जाता है कि काउंसलर अविनाश कुमार की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव है. उसने झूठी रिपोर्ट सौंपी थी. इसकी जानकारी होते ही सीएस एमपी गुप्ता गंभीर हो गए. इसके बाद उन्होंने चिकित्सकों को कई दिशा निर्देश दिया और दोषी काउंसलर पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है. सीएस एमपी गुप्ता ने कहा कि कोई भी चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी बिना ट्रूनेट अथवा आरटीपीसीआर से जांच कराए होम अइसोलेशन में नहीं जा सकते हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">उन्होंने कहा कि एंटीजन किट के माध्यम से स्वयं को कोरोना पॉजिटिव घोषित करने वाले चिकित्सा पदाधिकारी व स्वास्थ्य कर्मचारी को अब ट्रू-नेट या आरटीपीसीआर के माध्यम से जांच करवानी होगी. ट्रूनेट और आरटीपीसीआर जांच में यदि रिपोर्ट &nbsp;कोरोना पॉजिटिव आती है तो संबंधित चिकित्सा पदाधिकारी और स्वास्थ्य कर्मचारी को इलाज के लिए निर्धारित अवधि दस दिनों तक के लिए ही होम क्वारंटाइन अवकाश पर रह सकेंगे.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>इस करतूत से दूसरे </strong><strong>कोरोना योद्धा का नाम खराब</strong></p>
<p style="text-align: justify;">फैमिली प्लानिंग काउंसलर अविनाश कुमार की इस करतूस से स्वास्थ्यकर्मियों पर सवाल उठने लगे हैं. एक तरफ जहां अधिकांश स्वास्थ्यकर्मी व चिकित्सक अपनी जान की बाजी लगाकर लोगों की जान बचाने में अपनी अहम भूमिका निभा रहे वहीं दूसरी तरफ अविनाश जैसे कुछ स्वास्थ्यकर्मी वैसे कोरोना योद्धा का नाम खराब करने में जुटा है.</p>
<p style="text-align: justify;">जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. मोईज ने बताया कि काउंसलर अविनाश कुमार की रिपोर्ट निगेटिव आई है. पोर्टल पर भी उनकी रिपोर्ट निगेटिव है. इसके बाद भी रिपोर्ट पॉजिटिव बनाकर आइसोलेट हो जाना गलत है. इससे संबंधित सारी जानकारी सीएस को दे दी गई है. सिविल सार्जन के स्तर से कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है.</p>
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