बागेश्वर धाम सरकार के छोटे भाई को कोर्ट ने दी जनानत, जानें क्या था आधार

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बागेश्वर धाम सरकार के छोटे भाई को कोर्ट ने दी जनानत, जानें क्या था आधार

बागेश्वर धाम सरकार के छोटे भाई को कोर्ट ने दी जनानत, जानें क्या था आधार


छतरपुर: बागेश्वर धाम सरकार के छोटे भाई शालिगराम गर्ग को छतरपुर कोर्ट से जमानत मिल गई है। दलित परिवार की शादी में हंगामा और मारपीट करने के आरोप में पुलिस में गुरुवार को बागेश्वर धाम सरकार के छोटे भाई को अरेस्ट किया। जिसके बाद उसे छतरपुर कोर्ट में पेश किया गया। जहां कोर्ट ने 25-25 हजार रुपए के मुचलके पर जमानत दे दी। बड़ी बात ये है कि बागेश्वर धाम सरकार के भाई पर आरोप लगाने वाले पीड़ित परिवार ने जमानत का विरोध नहीं किया था। बागेश्वर धाम सरकार के छोटे भाई के वकील ने कोर्ट में कहा कि वायरल वीडियो के सत्यता की पुष्टि नहीं हुई। कोर्ट में कहा गया कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की बढ़ती प्रसिद्धि को धूमिल करना को कोशिश भी हो सकती है।

पीड़ित पक्ष ने नहीं किया जमानत का विरोध

छतरपुर जिले की बामीठा पुलिस ने बागेश्वर धाम सरकार के छोटे भाई को गुरुवार को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया था। लेकिन यहां पीड़ित पक्ष के वकील ने जमानत का विरोध नहीं किया। जिसके बाद कोर्ट ने 25 हजार रुपए के मुचलके पर जमानत दे दी। शालिगराम गर्ग के साथ उसके एक दोस्त जीतू को भी कोर्ट ने जमानत दे दी है। मामले की जानकारी देते हुए शिव प्रताप सिंह ने बताया कि जमानत का सबसे बड़ा कारण यही था कि वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं की गई है। वहीं, इस मामले में देरी से एफआईआर दर्ज हुई है।

आरोप लगाने के बाद भी नहीं किया विरोध

आरोप लगाने के बाद भी नहीं किया विरोध

पीड़ित परिवार ने बागेश्वर धाम सरकार के भाई पर शादी कार्यक्रम के दौरान नशे में गाली-गलौज और मारपीट का आरोप लगाया था। कोर्ट में जब आरोपी को पेश किया गया तो उसके वकील ने जमानत का विरोध नहीं किया। वहीं, पुलिस ने कोर्ट से रिमांड की मांग की थी। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। पूरे मामले की सुनवाई कोर्ट में करीब 3 घंटे तक चली।

पुलिस ने कई धाराओं पर दर्ज किया था केस

पुलिस ने कई धाराओं पर दर्ज किया था केस

बागेश्वर धाम सरकार के छोटे भाई के खिलाफ पुलिस ने कई धाराओं में केस दर्ज किया था। सोशल मीडिया में वीडियो वायरल होने के बाद बागेश्वर सरकार के भाई के खिलाफ एससीएसटी एक्ट, मारपीट और धमकाने समेत कई धाराएं लगाई गईं थी। गिरफ्तारी से पहले आर्म्स एक्ट की भी धारा लगाई गई थी।

11 फरवरी को हुई थी घटना

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दरअसल, छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में एक दलित परिवार के घर में शादी का कार्यक्रम था। कार्यक्रम के दौरान बागेश्वर सरकार के छोटे भाई वहां पहुंच गए। पीड़ित परिवार का कहना है कि वो नशे की हालत में था जिसके बाद उसने कट्टा लहराते हुए परिजनों से मारपीट की और गाली-गौलज करने लगा था। पहले पीड़ित परिवार ने मामला दर्ज नहीं कराया था लेकिन सोशल मीडिया में वीडियो वायरल होने के बाद परिजन सामने आए थे और केस दर्ज कराया था।

बागेश्वर सरकार ने दी थी सफाई

बागेश्वर सरकार ने दी थी सफाई

छोटे भाई का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद बागेश्वर धाम सरकार ने सफाई दी थी। बागेश्वर धाम सरकार ने कहा था कि हम गलत के साथ नहीं हैं। जो जैसा करेगा वैसा भरेगा। इश मामले में कानून निष्पक्षता के साथ अपना काम करेगा। बागेश्वर सरकार ने इस पूरे विवाद से खुद को अलग कर लिया था।

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