बांस की खपच्चियों से हॉकी खेलकर सलीमा टेटे ने तय किया टोक्यो ओलंपिक का सफर, पिता ने सुनाई संघर्ष की कहानी

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बांस की खपच्चियों से हॉकी खेलकर सलीमा टेटे ने तय किया टोक्यो ओलंपिक का सफर, पिता ने सुनाई संघर्ष की कहानी

भारतीय महिला हॉकी टीम बेशक टोक्यो ओलंपिक में मेडल जीतने से चूक गई लेकिन अपने शानदार प्रदर्शन से उन्होंने देशवासियों को उनपर गर्व करने का मौका जरूर दे दिया। महिला हॉकी टीम ने बड़ा उलटफेर करते हुए दुनिया की नंबर दो टीम ऑस्ट्रेलिया को जिस जज्बे के साथ हराया उसकी हर तरफ तारीफ हो रही है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस टीम का हिस्सा एक ऐसी खिलाड़ी भी रहीं जिन्होंने बांस की खपच्चियों से हॉकी खेलना शुरू किया था। इस खिलाड़ी का नाम सलीमा टेटे है। उनके पिता सुलक्षण टेटे ने बताया कि कितना संघर्ष करके बेटी इस मुकाम तक पहुंची है।

बेटी सलीमा टेटे के प्रदर्शन से न केवल पिता बल्कि पूरा गांव बहुत खुश है। पिता सुलक्षण ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए बताया कि मैं सलीमा के साथ हॉकी मैचों में जाया करता था। मैंने बांस की खपच्चियों से उसे यह खेल सिखाया है। जब वो स्कूल में थी तभी उसे रांची टीम के लिए चुना गया था। ओलंपिक में बेशक टीम हार गई लेकिन हम उसकी उपलब्धि से खुश हैं।

 

 

सिमडेगा में है सलीमा का घर

सलीमा टेटे का घर झारखंड के सिमडेगा जिले के बड़कीचापर गांव में है। एएनआई ने जो तस्वीरें जारी हैं उसमें आप देख सकते हैं कि उनका घर मिट्टी से बना एक कच्चा मकान है। सलीमा अपने परिवार के साथ यहां रहती हैं। हैरानी की बात यह है कि उनके घर और गांव में ओलंपिक मैच के दौरान ही टीवी लगाई गई।

सोशल मीडिया पर बात उठी तो जागा प्रशासन

ओलंपिक मैच के दौरान सलीमा के घर पर एक टीवी सेट तक नहीं था इससे परिवार अपनी बेटी का मैच नहीं देख पा रहा था। जब सोशल मीडिया पर ये बात उठी तो जिला प्रशासन ने उनके घर में टीवी, डीटीएच और जनरेटर लगवाया। इसके बाद पूरा गांव सलीमा के घर में मैच देखने के लिए जुटा। 

दूसरी बेटी को भी हॉकी खिलाड़ी बनाना चाहते हैं पिता

सलीमा के पिता सुलक्षण टेटे को अपनी बेटी पर गर्व है। वे अपनी दूसरी बेटी महिमा को भी हॉकी खिलाड़ी बनाना चाहते हैं। खुद महिमा भी काफी मेहनत कर रही हैं। इसी बीच झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने सलीमा और निक्की के परिजनों को 5-5 लाख रुपये का चेक दिया है। सुलक्षण टेटे का कहना है कि वे राज्य सरकार से मिली राशि को दूसरी बेटी को बेहतर खिलाड़ी बनाने में खर्च करेंगे।

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